RE: antarwasna आधा तीतर आधा बटेर
फिर सुलेमान से उर्दू में पूछा….तुझे तो दुश्वारी नही होती पाजामा पहनने में….?
सुलेमान सख्ती से होंठ भिंचे खड़ा रहा….
खैर….खैर….जोसेफ तुझे सब कुछ समझा देगा….मुझे जल्दी है….
और हाँ….इतनी रात गये आलू क्यूँ छीले जा रहे थे….क्या अभी तक हांड़ी तैयार नही हुई….?
भूका मर रहा है साला….जब से शादी की बात हुआ….जोसेफ उर्दू में शुरू हो गया….रात बहुत देर करता….!
अबे….मैं यह क्या सुन रहा हूँ….? इमरान घड़ी में देखता हुआ बोला….9 बज गये है….
और तू अभी तक आलू छील रहा है….?
आप ने 4 बजे लंच किया था….
इसलिए रात का खाना 12 बजे से पहले नही खाएँगे….सुलेमान बुरा सा मुँह बना कर बोला
अरे….तो इसमे इसने क्या कसूर किया है….? इमरान जोसेफ की तरफ हाथ उठा कर बोला
वज़न कम कर रहा हूँ साले का….
वरना यह शाह बलाया मुझे खबर में धक्का देने वाला साबित होगा….अभी तो मैं इसे जुलाब भी दूँगा….!
क्यूँ….? शामत आई है….? खबरदार ऐसी कोई हरकत ना होने पाए….!
जुलाब क्या होता है?….बॉस….जोसेफ ने बौखला कर पूछा
अगर….आप ने इसे बताया तो इसी छुरी से अपनी गर्दन रेत लूँगा….!
जहन्नुम में जाओ….कहता हुआ इमरान दरवाज़े की तरफ बढ़ गया….!
सेक्टर के पोल का फ्यूज़ बल्ब उड़ गया था….
और टू-सीटर अंधेरे में खड़ी थी….जैसे ही इमरान स्टियरिंग पर बैठा कोई सख़्त चीज़ कमर में चुभने लगी…..
साथ ही किसी ने आहिस्ता से कहा….एंजिन स्टार्ट करो….
और जिधर कहूँ….उधर चलते रहो….!
जुमला अँग्रेज़ी में अदा किया गया था….
और लहज़ा अमरीकी था
इमरान ने बिना कुछ कह तामील की….
और स्टियरिंग पर आते ही बोला….कोहनी हटाओ….!
कोहनी नही रेवोल्वेर है….जवाब मिला
अच्छा….इमरान ने इस तरह कहा जैसे संतुष्ट हो गया हो….या रेवोल्वेर से ज़्यादा कोहनी का दबाब काबिल-ए-ऐतराज़ रहा हो….!
शरषा रोड की तरफ….
शरषा नही….शेरशाह रोड….इमरान ने सही की
चलो बकवास नही….
चल तो रहा हूँ….. लेकिन बकवास क्यूँ ना करूँ….?
खामोशी से….रेवोल्वेर का दबाब बढ़ाते हुए कहा गया
तुम आख़िर हो कौन….? इमरान ने वाइंड स्क्रीन पर नज़र जमाता हुआ पूछा
ढांप….जवाब मिला
तुम आख़िर ढांप क्यूँ हो….? बड़ी मासूमियत से सवाल किया गया
मेरा नाम है….
तुम्हारी तरफ ढांप के क्या माइने होते है….?
बस नाम है….जवाब मिला
हमारी देव माला के एक किरदार का नाम भी ढांप था….
मैने कहा था खामोशी से चलते रहो….
तुम्हारी मालूमात में इज़ाफ़ा कर रहा था….
वैसे अगर…. तुम ढांप हुए तो मुझे क्या….?
बहुत जल्द मालूम हो जाएगा….
क्या….?
यही कि मैं डॉक्टर शाहिद से क्या चाहता हूँ….
मैं जानता हूँ….इमरान खुशी ज़ाहिर करता हुआ बोला
क्या जानते हो….?
यही कि इस बार बच्चा ओपरेशन के बगैर नही होगा….!
खामोश रहो….
अब तो ना सिर्फ़ खामोश रहना पड़ेगा बल्कि तुम्हारे लिए ज़िंदगी की दुआ भी करनी पड़ेगी ताकि अरसा (समय) तक ढांप रहे सको….!
शट-अप….
खैर फिर सही….!
गाड़ी थोड़ी देर बाद शेरशाह रोड पर पहुँची….
इमरान ने कनखियों से भी उस शक्श की तरफ देखने की ज़हमियत (कष्ट) नही गवारा की….वैसे उसने महसूस कर लिया था कि आदमी ख़ासा तेज़ है….मुश्किल ही से धोका खाएगा…. और फिर….उसे कुछ ज़्यादा ताश्विश (चिंता) भी नही थी….एक बार पहले भी वो लोग ऐसा ड्रामा स्टेज कर चुके थे….!
गाड़ी की लाइट दूर नज़र आती एक इमारत की तरफ की गयी….!
अजनबी इमरान को उतार सदर दरवाज़े की तरफ ले चला….
खाने में क्या है….? इमरान ने पूछा
पिस्टल की गोलियाँ….
शोरबे वाली या भूनी हुई….?
बकवास मत करो….आगे बढ़ो….उसने रेवोल्वेर की नाल से इमरान को धकेलते हुए कहा
इतना ही काफ़ी था….कुछ कर गुज़रने के लिए….वो मुँह के बल फर्श पर गिरा….और गिरते-गिरते हथेलिया ज़मीन पर टेक कर गुलाटी लगाई….कतई गैर मुतवक (अनएक्सपेक्टेड) हरकत थी….वो चारों खाने चीत गिरा…..
फिर जितनी देर में अजनबी उठता….इमरान किसी साँप की तरह पलट कर उस पर चढ़ गया….
फिर….उसकी चीखें सुन कर शायद अंदर से भी कुछ दौड़ पड़े….इमरान गाड़ी का एंजिन बंद नही किया था….
और ग़ालीबान उसने भी जल्दी में इस पर ध्यान नही दिया….
बहेरहाल इससे पहले अंदर वाले बाहर पहुँचते….इमरान गाड़ी को रिवर्स गियर में डाल चुका था….
कई फाइयर हुए….
लेकिन इमरान के अंदाज़े के मुताबिक सब हवाई फाइयर थे….इमरान निहायत ही इतमीनान से निकल चला आया….मकान के आस-पास कोई दूसरी गाड़ी भी नज़र नही आई….
ख़ासी तेज़ी से शहर की तरफ वापस आया….
और 8त शाहेरा पहुँचा….केफे कोहान तक भी पहुँच गया….
लेकिन डॉक्टर शाहिद वहाँ मौजूद नही था….
शाहिद की कॉल रिसीव करने के बाद अब तक तखरीबन 45 मिनिट गुज़रा होगा
फिर उसी टेलिफोन बूत से जिस की निशानदेही शाहिद ने की थी….उसने शाहिद के घर फोन किया….
कॉल मलइक़ा ने रिसीव की….
और बताया कि शाहिद घर पर मौजूद नही है….वो कुछ देर टेलिफोन बूथ के करीब ही रहा….
फिर गाड़ी में बैठा….
और फ्लॅट की तरफ रवाना हो गया….!
वो बड़ी बेचैनी की रात थी….फ्लॅट पहुँच कर बैठा ही था कि फोन की घंटी बजी….!
हेलो….इमरान ने रिसीवर उठा कर कहा
कौन है….? दूसरी तरफ से इंग्लीश में पूछा गया
इमरान….तुम कौन हो….?
हिप्पी….दूसरी तरफ से आवाज़ आई
अरे वाह….क्या बात हुई है….बड़े मौक़े से फोन किया है तुमने….?
बिल्कुल….बिल्कुल….सुनो….मैने ढांप का पता लगा लिया है….!
कहाँ है….?
शेरशाह रोड पर एक इमारत है….वहाँ….!
कौन सी इमारत….?
जल्दी में नंबर नही देख सका…..
अगर अपना कोई आदमी साथ कर दो तो उसे दिखा सकता हूँ….पोलीस को इसलिए इततेला नही दी कि तुम उससे निपट लो….
फिर देखा जाएगा….!
तुमने अक़ल्मंदी का सबूत दिया है….
और मेरे पास भी तुम्हारे लिए एक इत्तेला है….!
जल्दी बताओ….मुझे नींद आ रही है….अब सोना चाहता हूँ
नींद गायब हो जाएगी खबर सुन कर….
तो फिर….जल्दी कहो….?
डॉक्टर शाहिद को बचाने की कोशिश में मेरा एक आदमी ज़ख़्मी हो गया है….!
क्या हुआ डॉक्टर शाहिद को….?
ढांप के आदमी उसे पकड़ ले गये है….मेरा जो आदमी डॉक्टर शाहिद की निगरानी कर रहा था ज़ख़्मी हो गया है….!
वाक़ई बुरी खबर सुनाई तुमने….
लेकिन….बहेरहाल….
ढांप के एक ठिकाने से वाक़िफ़ हो गया हूँ….पहले वो ही देखते है….क्या तुम मेरा साथ दोगे….?
मैं तैयार हूँ….
कहाँ मिलोगे….?
अगर मामला शेरशाह रोड का है तो वहीं कहीं मिलना चाहिए….तुम ही जगह बोलो….शेरशाह रोड का नाम सुना है मैने….!
टिप-टॉप नाइट क्लब के करीब मिलूँगा….इमरान ने कहा
हां….मैं वहाँ पहुँच सकता हूँ….
तो फिर जल्दी करो….!
इमरान ने रिसीवर रख कर जोसेफ को आवाज़ दी….
यस बॉस….जोसपेः सामने आ खड़ा हुआ
हड्डियाँ तोड़ने के मूड में हो….? इमरान ने सवाल किया….
और
जोसपेः के दाँत निकल आए….आँखों में अजीब सी चमक लहराई.....!
तैयार हो जाउ….? जोसेफ चाहेक कर बोला
जितनी जल्दी मुमकिन हो….!
जोसेफ फिर अपने कमरे में गया….बहुत जल्दी में उसने अपना बॉडीगार्ड वाला ख़ास लिबास पहेना….
और 10 मिनिट के अंदर ही अंदर इमरान के पास पहुँच गया….!
ठीक है….इमरान सर हिला कर बोला
वो लोग बाहर निकल आए….टू-सीटर गॅरेज में छोड़ कर इमरान ने दूसरी गाड़ी निकाली….इसलिए कि जोसेफ उसमे बा-आसानी छुप सकता था….गॅरेज में पहुँचते-पहुँचते इमरान ने उसे अच्छी तरह समझा दिया था कि बाज़ हालात में उसे क्या करना है….!
लेकिन बॉस….जोसेफ काफ़ी सोच-विचार के बाद बोला….अगर वो ही लोग है तो इस हरकत का क्या मक़सद हो सकता है….?
मुझे यक़ीन दिलाना चाहते है कि डॉक्टर शाहिद की मुसीबत का बाईस ढांप है….चलो देर ना करो….!
जोसेफ ने पिछली सीट का दरवाज़ा खोला….
और इमरान स्टियरिंग पर जेया बैठा….
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