RE: antarwasna आधा तीतर आधा बटेर
गाड़ी आगे बढ़ गयी….
और कॉर्निला ने हंस कर कहा….यह तो मैने इसलिए किया था कि तुम्हे फ़िक्र पड़ जाए कि मैने ऐसा क्यूँ किया है….!
क्या बात हुई….?
खुद ही तुमसे नही बोलना चाहती थी….ख्वाहिश थी कि तुम खुद मुझसे बोलो….नाराज़ हो गये थे ना मेरे बाप की हरकत पर….?
अरे नही….
तो क्यूँ चुप-चाप मुझे उन लोगों के हवाले कर दिया था….?
ऐसा ना करता तो खुद भी बंद कर दिया जाता….
लेकिन तुम इतनी रात गये तक क्यूँ भीगति फिर रही हो….?
मेरा बाप तुमसे मिलना चाहता है….
इस वक़्त….?
हाँ इसी वक़्त….
कोई ख़ास बात….?
मैं नही जानती….तुम यह बताओ कि चलोगे या नही….?
सोचना पड़ेगा….
क्या सोचना पड़ेगा….?
यही कि तुम्हारे साथ चलूं या ना चलूं….
हिचकिचाहट की वजह….?
पता नही खुद मिलना चाहता है या कोई और उसके ज़रिए मिलना चाहता है….!
नही वो खुद मिलना चाहता है….यह सवाल पहले ही कर चुकी हूँ….अहमक तो नही हूँ….!
अच्छी बात है चलूँगा…. लेकिन किसी टेलिफोन बूथ से घर इततेला दूँगा कि कहाँ जा रहा हूँ….!
ज़रूर….ज़रूर….तुम हर तरह अपना इतमीनान कर लो
इमरान ने एक ड्रग स्टोर से ब्लॅक-ज़ीरो को फोन किया….
और जल्दी ही गाड़ी की तरफ पलट आया….!
छतरी और बरसाती वाली बात अब तक मेरी समझमे नही आई….? इमरान गाड़ी स्टार्ट करते हुए कहा
तुम्हारी पोज़िशन सॉफ करना चाहती थी….यहाँ की पोलीस को जताना चाहती थी कि किस कदर दिमाग़ से उतरी हुई भी हूँ….
और खुद ही तुम्हारे पीछे पड़ी रहती हूँ….!
इसकी ज़रूरत नही थी….मैं डाइरेक्टर-जनरल का बेटा हूँ….!
अच्छी बात है….तो मैं डाइरेक्टर-जनरल को यह ज़ाहिर करना चाहती थी कि मेरे सिलसिले में मेरा बाप की चिंता बजा थी….उसने उनके बेटे पर अगवा का इल्ज़ाम नही लगाया था….
बल्कि मेरी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी….एक आधी दीवानी लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट….!
सच-मूच क्रॅक मालूम होती हो….
यही समझलो….कॉर्निला ने कहा….
फिर चौंक कर बोली….यह तुम किधर जा रहे हो….? मेरे घर का रास्ता तो नही है….?
इमरान कुछ ना बोला….
मेरी बात का जवाब दो….?
तुम्हारा मकान भरी पूरी बस्ती के करीब है….
मैं नही समझी….?
तन्हाई में तुमसे गुफ्तगू करना चाहता हूँ….
पता नही तुम क्या कह रहे हो….?
पागल हो गया हूँ….
मैं चीखना शुरू कर दूँगी….मुझे कहाँ ले जा रहे हो….?
पागल-खाने….तुम सुबह ही से शहेर में एलान करती फिर रही थी कि पागल हो गयी हो….!
गाड़ी शहेरी आबादी से निकल आई….
अच्छी बात है….चलो जहाँ चलते हो….मैं ज़ररा बराबर भी खिलाफ नही हूँ….!
अरे….तो क्या मैं भेड़िया हूँ कि मुझसे डरोगी….?
कितनी सुनसान और अंधेरी सड़क है….
छतरी खोलो लो….
मेरा मज़ाक़ मत उड़ाओ….!
ठीक उसी वक़्त उनकी गाड़ी की पीछे की तरफ से तेज़ किस्म रोशनी पड़ी….
और कॉर्निला मूड कर देखी….क….क….कि….किस की गाड़ी की सर्च लाइट….वो हक्लाई
लहज़ा अब मुझे रुक जाना चाहिए….इमरान ने अपनी गाड़ी को बाईं (लेफ्ट) तरफ सड़क के नीचे उतारते हुए कहा
यह क्या कर रहे हो….?
अगर….टाइयर का निशाना लेने के लिए सर्च लाइट खोली गयी है तो मैं ख़तरे में रहूँगा….!
फिर डर ने वाली बातें करने लगे….?
दूसरी गाड़ी करीब आ गयी….
और उसकी रफ़्तार भी कम होती नज़र आई….
फिर बराबर आ कर रुक गयी….!
इमरान अपने दोनो हाथ जाँघो पर रखे बैठा रहा….
कॉर्निला ख़ौफफज़दा नज़रों से पीछा करने वाली गाड़ी को देखे जा रही थी….
अचानक….गाड़ी से आवाज़ आई….तुम दोनो चुप-चाप गाड़ी उतर आओ….स्टॅन गन की ज़द (चपेट) पर हो….!
अरे….इन लोगों ने तो खिलोना बना लेना है मुझे….इमरान ठंडी साँस ले कर बोला
क….क….क्या वही हिप्पी….? कॉर्निला हक्लाई
ढांप भी हो सकता है….इमरान बोला
और दूसरी गाड़ी से फिर किसी ने उतर आने का हुक्म दिया….
इमरान हाथ उठाए हुए गाड़ी से उतरता हुआ कॉर्निला से उँची आवाज़ में बोला….तुम सीधी मेरे बाप के पास जाना….
और सूचित कर देना….!
हरगिज़ नही….गाड़ी से आवाज़ आई….लड़की तुम भी उतरो….!
फिर मेरी गाड़ी का क्या होगा….? इमरान ने गुस्सैले लहजे में सवाल किया
दूसरी गाड़ी से एक आदमी स्टॅन गन लिए उतरा….
और कॉर्निला से बोला….तुम हमारी गाड़ी में जाओ….
फिर एक आदमी उसी गाड़ी से उतर कर इमरान की तरफ बढ़ता हुआ बोला….तुम अपनी गाड़ी में बैठो….उसके हाथ में चोथा रेवोल्वेर था….!
यह हुई ना बात…. लेकिन पेट्रोल के दाम वसूल करूँगा….12 रुपये गैलन हो गया है….इमरान ने खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा
दूसरा आदमी इमरान को कवर किए हुए उसकी गाड़ी में बैठ गया….
अब गाड़ी को मोड़ कर वापस चलो….
इमरान ने एंजिन बंद नही किया था….चुप-चाप गाड़ी आगे बढ़ा कर शहेर की तरफ मोड़ दी….उसने सख्ती से होंठ भींच रखे थे….!
कॉर्निला पहले ही दूसरी गाड़ी में बैठ चुकी थी….अब दोनो गाड़ियाँ आगे-पीछे शहेर की तरफ वापस जा रही थी….!
करीब आधे घंटे बाद इमरान से गाड़ी को एक कच्चे रास्ते में मोड़ ने के लिए कहा गया….!
मेरे पास कोई फालतू पैसा नही है….इमरान गदगदा कर बोला
लेकिन बराबर बैठे हुए आदमी ने कुछ कहने की बजाय उसके हाथ में रेवोल्वेर की नाल का दबाब बढ़ा दिया….!
आख़िर यह ढांप मेरे पीछे क्यूँ पड़ गया है….? इमरान बोला
इमरान ने अपनी आदत अहमाक़ाना अंदाज़ में डरना चाहा….
लेकिन अंधेरे में कौन देखता है….!
सन्नाटे में गाड़ियों का शोर दूर-दूर तक फैल रहा था….आख़िर एक जगह इमरान से गाड़ी रोकने के लिए कहा गया….!
एंजिन बंद कर दिए गये….
लेकिन अब दूसरे किस्म का शोर फ़िज़ा में फैला हुआ था….ऐसा मालूम हो रहा था जैसे करीब ही कोई कारखाना हो….वो मशीनो के चलने की आवाज़ थी….
और फिर….थोड़ी ही देर में इमरान को मालूम हो गया कि वो कहाँ लाया गया है….वो एक विदेशी कारखाने के करीब लाए गये थे….जहाँ खाद बनाई जाती थी….फ़िज़ा में अंधेरा फैला हुआ था….उनसे एक तरफ चलने को कहा गया टॉर्च की रोशनी से रास्ता तय करते हुए वो एक इमारत तक पहुँचे जो उसी कारखाने के कॉंपाउंड में थी….!
अब तुम अपनी बकवास बंद कर दो….
और मुझे बताओ कि तुमने डॉक्टर शाहिद को कहाँ छुपा कर रखा है….? मुझे अच्छी तरह मालूम है कि तुम उसे तीन दिन पहले ढांप की क़ैद से छुड़ा कर ले गये थे….!
और तुम्हारे आदमी दुम दबा कर भाग गये थे….इमरान ने हिकारत (तिरस्कार) से कहा
उसी रात मुझे अंदाज़ा हो गया था कि ढांप तुम्हारा ही स्टंट हो सकता है….!
मेरा स्टंट….इमरान ने हैरत से कहा….वो किस तरह माइ डियर हिप्पी….?
जिस तरह तुम उसे ललकार रहे थे मैने यही अंदाज़ा लगाया था….कोई समझदार आदमी ऐसी हरकत नही कर सकता जैसे तुमने की थी….!
समझदार आदमी ना….मैं समझदार कब हूँ….अब यही देखलो तुम्हारा एक आदमी मुझ पर रेवोल्वेर ताने खाड़ा है….
अगर सनक जाउ तो इसकी परवाह किए बगैर तुम्हारे जबड़े पर घूँसे रसीद कर सकता हूँ….!
च….च….चुप रहो….कॉर्निला रोए जा रही थी
वाक़ई तुम्हारा कहना मान लेना चाहिए था….इमरान उसकी तरफ मूड़ कर बोला….चलो चलते है तुम्हारे घर….!
तुम जहाँ कहीं भी होते….तुम्हे यहीं आना पड़ता….हिप्पी घुर्राया….मेरे आदमी सुबह से लड़की का पीछा कर रहे थे….!
और पहनो बरसाती….
और लगाओ छतरी सूखे मौसम में….इमरान कॉर्निला की तरफ देख कर हाथ नचा कर बोला….खुदा का शूकर है कि मोकामी लफंगे तुम्हारी तरफ मुतवजा (अट्रॅक्ट) नही हुए….
वरना तुम इस वक़्त धूतर मछली का सूप पी रही होती….!
मैं कहता हूँ बकवास बंद करो….
और डॉक्टर शाहिद का पता बताओ….?
420 डार्लिंग स्ट्रीट….!
इसके पैर में फाइयर करो….हिप्पी मूड कर दहाडा
लेकिन….इमरान ने फाइयर होने पहले ही हिप्पी पर छलाँग लगा दी….कॉर्निला चीखने लगी….फाइयर हुआ….
लेकिन बे-मक़सद….कॉर्निला दौड़ कर एक कोने में जा खड़ी हुई….
और बुरी तरह काँपती रही….!
हिप्पी दीवार से जा टकराया था…. और रेवोल्वेर वाले ने कमरे में दाखिल हो कर इमरान पर एक फाइयर झोंक दिया….
कॉर्निला की चीख निकल गयी….इमरान ने कला बाज़ी खाई….
और फर्श पर बेहिसस-ओ-हरकत हो गया….!
ओ मरदूद….यह क्या किया….हिप्पी दहाड़ता हुआ आगे बढ़ा
कॉर्निला दोनो हाथों से चेहरा छुपाए फर्श पर बैठ गयी….
हिप्पी झुक कर इमरान को सीधा करने लगा….इमरान ने आखें खोली….मुस्कुराया
और उसे आँख मारता हुआ उठ बैठा….!
वो दोनो ही बौखला कर पीछे हटे….
और उसी हालात में….
अचानक इमरान ने रेवोल्वेर वाले पर हाथ डाल दिया….साथ ही उसकी लात हिप्पी के सीने पर पड़ी….!
कॉर्निला फिर चीखने लगी….
लेकिन इस बार इमरान को बढ़ावा दे रही थी….शाबाश….मार डालो….फाइयर करो….मार डालो….!
लेकिन इमरान उन्हे सिर्फ़ कवर किए हुए खड़ा रहा….
फिर बेवक़ूफी कर रहे हो….कॉर्निला बेचैन अंदाज़ में बोली….मार डालो….यह वही लोग मालूम होते है….जो मेरे बाप को ब्लॅकमेल करते रहते है….कभी ढांप के रूप में कभी हिप्पी बन कर….!
ना यह ढांप है ना हिप्पी….इमरान सर्द लहजे में बोला
वो दोनो अपने हाथ उपर उठाए खड़े थे….
त….त….तुम्हे ग़लतफहमी हुई है….हिप्पी ने ज़बरदस्ती मुस्कुराने की कोशिश की
कैसी ग़लतफहमी माइ डियर मिस्टर.डेविड….?
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