RE: Rishton mai Chudai - परिवार
चंचल "लगता है आज पापा ने फिर से वही गलती की है घर में किसी का नही होने का फायदा उठा कर हममे से किसी की पैंटी को चाट या सूंघ रहे थे और रूपा ने पकड़ ली है।"
सुवर्णा"हा तू सही कह रही है मुझे भी यही लग रहा है ।"
अभी इन दोनो की बाते चल ही रही थी कि रूपा फिर से भड़कते हुए बोलती है कि
रूपा "पापा इससे पहले भी मैं आपको ना जाने कितनी बार माफ कर चुकी हूं लेकिन आज आपने जो कुछ किया है उंसके लिए तो मैं आपको कभी भी माफ नही कर सकती हूं।आप जानते हों कि सोनिया को आपने और माँ पैदा जरूर किया है लेकिन जबसे मैंने अपना होश संभाला तबसे मैं उसे अपनी बहन की तरह नही बल्कि एक बेटी की तरह पाला है। मैं जानती हूं कि आपकी नजर इतनी खराब हो चुकी है कि आपने माँ समान अपनी भाभी को नही छोड़ा और गांव में भी ना जाने कितनी औरतों के साथ आपका सम्बन्ध है मैं गिनवा नही सकती ।"
चाचा धीरे आवाज में बोलते है कि
चाचा "बेटी एक बार मुझे माफ़ कर दे आज के बाद मैं कभी भी ऐसी गलती नही करूँगा।"
रूपा "पापा लगता है कि आपकी यादाश्त बहुत ही कमजोर है इसलिए सायद आपको याद नही आ रहा है। इसके पहले भी आपने जितनी बार गलती की सभी बार इसी तरह से माफी मांगते रहे है और हर बार मैं आपको माफ भी करती रही लेकिन आज आपने जो किया उंसके बाद तो मैं आपको कभी भी माफ नही कर सकती हूं ।"
सुवर्णा "छोटी आखिर चाचा ने ऐसी कौन सी गलती कर दी है जिसके लिए तू इतनी गुस्सा हो रही है।"
रूपा " दीदी अगर कोई यह सोचता है कि मुझे घर मे होने वाली हरकतों के बारे में मालूम नही है या मैं कुछ नही जानती हूं तो वह सबकी गलत फहमी है और रही बात इनकी गलतियों की तो इनको मैं आज तक बहुत माफ करती आई हूं लेकिन इन्होंने जो गलती आज की है उंसके लिए मैं इन्हें कभी भी माफ नही कर सकती हूं।"
सुवर्णा "तू बातो को इतना क्यों घुमा रही है ।सीधे सीधे बोल ना कि इनकी गलती क्या है ।
रूपा "दीदी आप जानती हो इनकी मानसिकता कितनी गिरी हुई है ।इन्होंने आज सोनिया की पैंटी को चाट रहे थे और बार बार उसे चोदने की बात कर रहे थे। इसके पहले भी मैंने इन्हें बहुत बार पकड़ चुकी हूं ।इन्होंने कई बार तो मेरी पैंटी और आप दोनों की पैंटी को चाटते हुए पकड़ी हुई ।लेकिन हर बार मैं इन्हें बहुत बार माफ कर चुकी हूं लेकिन मैं इन्हें आज माफ नही कर सकती हूं। इनकी नजर हम सबसे होते हुए सोनिया पर भी पड़ गयी है ।बड़ी माँ और माँ से मन भर गया तो आप दोनों पर बहुत दिनों से ट्राय कर रहे थे लेकिन आप दोनों की नजर तो कही और है ।इसलिए इनपर नजर नही पड़ी आप लोगों की ।तो इन्होंने सोचा कि सोनिया को ही पटाने की कशिश की जाए।"
सुवर्णा" तू कहना क्या चाहती है कि हम लोग किसी और से प्यार करती है ।क्या तूने आज तक किसी लड़के से बात करते हुए देखी है हम लोगों को।"
रूपा " दीदी मैंने पहले ही बोल दी थी कि इस घर मे होने वाली हर हरकत पर मेरी नजर रहती है ।आप लोगो से मैं बाद में बात करती हूं पहले इनसे निपट लू फिर आप लोगो की बात भी सुन लुंगी और अपना सुना भी दूँगी।"
सुवर्णा और चंचल दोनो एक साथ बोलती है कि ठीक है पहले तू इनसे निपट ले फिर हम बाते कर लेंगी।
रूपा "हा तो पिता जी आपको ज्यादा ही गर्मी चढ़ी हुई है जो अपनी ही बेटियों पर गंदी नजर रखने लगे है ।
चाचा "नही बेटी ऐसी बात नही है ।जैसा तू सोच रही है वैसा कुछ भी नही मैं नही जानता था कि वो सोनिया की है।"
रूपा "पापा अगर आपकी गर्मी अपनी ही बेटियों के साथ शांत होगी तो मैं आपको यकीन दिलाती हु। एक दिन मैं खुद आप के साथ वो सब करूँगी। जो आपकी इच्छा होगी लेकिन उसके लिए आपको मुझे यह यकीन दिलाना होगा कि आप सोनिया को गन्दी नजर से कभी भी नही देखेंगे।
चाचा "अगर ऐसी बात है तो मैं आज तेरी कसम खा के बोलता हूं कि मैं वो सब करूँगा जो तू बोलेगी ।"
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