RE: Antervasna मुझे लगी लगन लंड की
रितेश मेरे पास आया और बोला- लो दो दिन के लिये फिर मुश्किल हो गई तो आज रात तैयार हो जा, तेरी खूब गांड और चूत चोदूँगा। मुझे भी क्या चाहिए था, रितेश का लंड ही तो चाहिये था। खाना खाते खाते यह तय हुआ कि जितनी लेडीज आयेंगी वो ऊपर मेरे और नमिता के कमरे में रहेंगी और जेन्टस हॉल में तथा विजय और रितेश के कमरे में रहेंगे। चूंकि सासू मां ने पहले से ही मना कर दिया कि कोई भी उनके कमरे में नहीं रहेगा तो बस उनसे यही कहा गया कि यदि मेहमानों की सख्या अधिक हुई तो मैं और नमिता ही उनके कमरे में रात को सोयेंगे। सासू मां इस बात पर मान गई। हम लोग खा-पीकर एक बार फिर सब अपने अपने कमरे में चले गये।
कमरे में पहुँचते ही मैंने हल्की सी रोशनी की ताकि देखने वाले देख सकें। मैं जैसे ही अपना गाउन उतराने लगी तो देखा कि रितेश नंगा खड़ा है,
मुझे देखकर मुस्कुराते हुए कहा- यार अपना कमरा अपना ही होता है, कोई रोक टोक नहीं।
मैंने अपना गाउन उतारा और रितेश की बांहो में अपने को समेट लिया। तभी मुझे हल्की सी आवाज दरवाजे के बन्द होने की आई, इसका मतलब था कि अमित और नमिता दोनों ऊपर आ गये हैं और उन्होंने ही दरवाजा बंद किया है।
उसी समय मैंने रितेश से थोड़ी उँची आवाज में कहा- रितेश, आज 69 की पोजिशन करके तुम मेरी चूत चाटो और मैं तुम्हारे लंड को चूसूँ, लेकिन खड़े वाली 69 की पोजिशन!
चूंकि रितेश भी काफी हृष्ट-पुष्ट था तो वो तैयार हो गया।
मेरी नजर खिड़की पर ही थी जहाँ पर नमिता और अमित दोनों खड़े होकर हमे देख रहे थे।
रितेश ने मुझे उठाया और हवा में ही मुझे उल्टा कर दिया, मेरा मुंह उसके लंड पर आ गया। अब हमारी पोजिशन काफी रोचक थी और शायद बाहर से देखने वालों के लिये भी। मैं रितेश के लंड को चूस रही थी, रितेश मेरी चूत का रसास्वादन कर रहा था। काफी थ्रिल था।
थोड़ी देर बाद रितेश ने मुझे अपनी गोद से उतारा और मुझे घोड़ी बनने का इशारा किया। मैंने जानबूझ कर खिड़की की दीवार से अपने को सपोर्ट दिया, मैं देखना चाहती थी कि नमिताको कैसा लग रहा है। खिड़की की एक तरफ नमिता और दूसरी तरफ अमित छुप कर अन्दर के नजारे का मजा ले रहे थे। रितेश ने मेरी गांड में थूक लगाया और एक झटके में अपने लंड को मेरी चूत के अन्दर पेल दिया।
मैं - 'उईईई ईईईई मां... मादरचोद हमेशा इसी तरह से मेरी गांड मारोगे कि कभी प्यार से भी?'
रितेश - 'अरे बहन की लौड़ी, जब तेरी गांड ही इतनी मस्त है तो मैं अपने को कैसे रोकूँ?'
मैं - 'तो यह बात है- तुमको सिर्फ मेरी गांड ही मस्त लगती है चूत नहीं?'
रितेश बोला- नहीं डार्लिंग, चूत तो तुम्हारी दुनिया की सबसे मस्त चूत है। इतनी चूत चोदी, लेकिन जब तक तेरी चूत न चोदूँ तो मजा नहीं आता है। आज तो पूरी रात मेरा लंड तुम्हारी चूत और गांड की सेवा करेगा। क्योंकि कल से फिर दो तीन दिन के लिये अपना मिलन जरा मुश्किल है।
कहकर वो जोर-जोर से मेरी चूत और गांड का बाजा बजाने लगा और साथ ही साथ मेरे चूतड़ पर कसकर तड़ी मारता और जोर-जोर से मेरी चूची को मसलता। दर्द के कारण मेरे मुंह से सीत्कार निकल जाती।
इधर वो दोनों मेरी बात को सुनकर एक दूसरे को कमरे में चलने का इशारा कर रहे थे लेकिन मेरी नजर में ना आ जायें इसलिये वो वहीं रूके रहे। तब तक रितेश मेरी कायदे से बजा चुका था
और चिल्ला रहा था- मैं झड़ने वाला हूँ!
उसको सुनकर मैं तुरन्त ही नीचे बैठ गई और उसके लंड को अपने मुँह में लेकर उसके माल को जैसा कि आप सभी समझ गये होंगे, लेकर मैंने क्या किया होगा। इधर मुझे दौड़ने की आवाज आई और यही दौड़ने की आवाज रितेश ने भी सुनी।
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