RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
मनु इन ऑफीस
कितनी परेशानी होती है जब स्नेहा नही रहती, पता ही नही चलता कौन सा काम पहले ख़तम करना है और कौन सा काम बाद मे... अब ये घोषाल वालों की कांट्रॅक्ट फाइल किधर रखी है....
मनु, स्नेहा को कॉल लगाता है....
स्नेहा.... हाई, मनु... कौन सी फाइल नही मिल रही...
मनु.... तुम्हे कैसे पता मैं फाइल को ले कर फोन कर रहा हूँ.
स्नेहा.... क्योंकि बात ऐसी है बॉस, मिस्टर. मनु अपने ऑफीस टाइम मे केवल काम ही करते हैं उसके अलावा कुछ नही...
मनु... हा हा हा, इतना नोटीस. अच्छा स्नेहा वो घोसल वालों की कांट्रॅक्ट फाइल किधर है...
स्नेहा... लेकिन मनु उनलोगों ने तो कांट्रॅक्ट किसी और को दे दिया ना, तो अब उस फाइल का क्या मतलब.
मनु..... बस मैं देखना चाहता हूँ कि इतने लंबे समय से हमारे साथ डील करने वाली कंपनी ने हमारा साथ क्यों छोड़ दिया. फाइल हाथ मे होगी तो रीज़न पूछने मे मज़ा आएगा. वो क्या है ना अब मैं उनको नंगा करने की सोच रहा हूँ, जिसने मेरे
इतने बड़े कांट्रॅक्ट मे सेंध लगाई, वो भी घोसल वालों की ज़ुबानी.
स्नेहा.... रॉंग अटेंप्ट मनु. किसी से ऐसे बदला थोड़े ना लिया जाता है. मैने उस पर काम शुरू कर दिया है, तुम वो अश्यूर इंडिया वालों की फाइल चेक करो, सब समझ जाओगे. सेंध किसी ने भी मारी, घोसल वाले तो बिज़्नेस करते हैं ना, वो क्यों
किसी की बात मे आ गये. पहली चोट घोसल वालों को दो, बाकी सारे चूहे अपने आप बिल से बाहर आएँगे....
मनु.... ठीक है मैं चेक करता हूँ....
मनु कुछ देर शांत रहा, खामोश फोन को देखता रहा.... स्नेहा भी खामोश.....
मनु.... मिस यू यू आ लॉट स्नेहा... लव यू...
स्नेहा का चेहरा जैसे खिल गया हो..... उसे ऐसा लगा जैसे उसका दिल धड़का हो... कुछ पल वो और खामोश हो गयी.....
स्नेहा.... बहुत प्यारा था ये. थॅंक यू. रखती हूँ फोन मुझ से अब बात नही किया जाएगा...
स्नेहा फोन को सीने से लगाए, आँसू बहाने लगी.... "लव यू टू, मनु"
मनु इधर वो फाइल उठा कर चेक करने लगा. फाइल देख कर उसे सारी बात समझ मे आ गयी..... "यू आर सिंपली आउटस्टॅंडिंग स्नेहा"
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