RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
शाम का वक़्त.... नताली और पार्थ....
पार्थ.... हे नताली थॅंक्स कहने की ज़रूरत नही. उल्टा मुझे तुम्हे थॅंक्स कहना चाहिए तुम्हारे वजह से उस मंत्री को ट्रॅप कर सके.
नताली.... हां सो तो है. लेकिन फिर भी थॅंक्स. तुम नही मिलते तो मुझे वो सब शायद करना पड़ता जिसके लिए मेरा दिल मुझे अलोड कभी नही करता. वैसे एक बात समझ मे नही आई, वो तो मंत्री है इतनी आसानी से फँस कैसे गया.
पार्थ... उसका दो कारण है. पहला ये कि उसके पीए ने सारा मामला सेट कर रखा था. उसी ने तुम्हारी पॉज़िटिव बातें मंत्री के दिमाग़ मे डाली, जिस से तुम पर शक़ ना किया जाए. दूसरी बात ये की तुम कॉर्पोरेट से बिलॉंग करती हो, तो तुम्हारा मोटो केवल अपना टेंडर पाना होगा, मंत्री को तुम क्यों फसाने लगी.
नताली... ह्म ! अच्छा फसाया उसे... चलो चलती हूँ मैं....
पार्थ... नताली तुम कुछ टेन्षन मे हो क्या...
नताली.... कुछ खास नही बस कुछ पर्सनल प्रॉब्लम्स हैं....
पार्थ.... मैं भी तो तुम्हारा पर्सनल ही हूँ. तो जो तुम्हे परेशान करेगा वो मुझे भी, बताओ तो क्या हुआ....
नटाल.... रहने दो पार्थ. तुम्हारी ईव्निंग क्यों खराब करूँ मैं.
पार्थ.... नताली, तुम्हारे लिए मेरे दिल मे खास जगह है. तुम ने जो किया उसके लिए स्लॉट. यहाँ सब अपना सोचते हैं, देश और देशभक्ति अब तो ऐसा लगता है जैसे बस कुछ लोगों की जागीर बची है और सिर्फ़ वही सोच सकते हैं दूसरा कोई नही. ऐसे मे तुम मिली, जिसके पास कोई
वजह नही थी ख़तरा मोल लेने की लेकिन तुमने अपना ना सोच कर देश का सोचा.... सल्यूट युवर डेडैकेशन ... नाउ टेल युवर प्राब्लम ... मेरा
वादा है की वक़्त आने पर मैं पूरे इंडिया को तुम्हारे कदमों मे झुका सकता हूँ.....
पार्थ की बात मे जैसे भरोसा था, वो पार्थ के कंधे पर अपना सिर टिका कर ऑफीस मे हुई सारी बातों को बता दी. पार्थ बारे गौर से सुन रहा था....
पार्थ.... काफ़ी इंटरेस्टिंग करेक्टर है ये मनु भी. मेरे ख्याल से तुम्हे मनु की मदद करनी चाहिए.
नताली.... ह्म ! मैं भी वही सोच रही थी. लेकिन उसकी मदद करूँ तो कैसे करूँ ...
पार्थ.... सिंपल है जो डूबी कंपनी है उसे आगे तक ले जाओ. मुझे विस्वास है तुम ज़रूर सफल हो जाओगी.
नताली.... मेरा हौसला बढ़ाने का सुक्रिया. लेकिन दिल मे अब भी कुछ टीज़िंग जैसा है पार्थ, पता नही क्यों.
पार्थ... हां जानता हूँ. किसी अपने के साथ बुरा हो तो दिल मे चोट लगती है. और यहाँ तो तुम्हारे दोनो फॅवुरेट को टारगेट किया गया है, तुम्हारे
डॅड आंड मनु....
नताली.... हां, अब सही कहा है. मेरा तो खून खौल रहा है उन सब पर, मन करता है उनको गोली मार दूं.
पार्थ..... हा हा हा... गोली मारने से मुक्ति मिलती है, मज़ा तो सज़ा देने मे आएगा....
नताली.... मतलब...
पार्थ..... मतलब ये की जिस खुशी को पाने के लिए उन लोगों ने तुम्हारे साथ बुरा किया, उन लोगों से उनकी वही प्यारी चीज़ छीन लो.
नताली.... एसस्स पार्थ सुकून मिल रहा है तुम्हारी बात सुन कर. कहते रहो और क्या-क्या करना है...
पार्थ.... ओये बस... हो गया ख़तम ... एक ही चीज़ करना है, जिस शेयर को वो हासिल करने के लिए गेम खेल रहे हैं, तुम उन से उन्ही शेर्स
को छीन लो....
नताली.... हां यही करूँगी. मैं मनु से बात करूँगी, और उसे कहूँगी प्लान करो तब भी और पिच्छवाड़े पर लात मार कर भागाओ उन सब को जो तुम्हे भागना चाहते हैं....
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