Maa Sex Story आग्याकारी माँ
11-20-2020, 12:53 PM,
#83
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
आंटी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, कभी मेरे बाल सहलाती और कभी मेरी पीठ.
मैंने ऐसे ही कुछ 30-40 धक्के मारे होंगे कि मैं झड़ने लगा ! और जब मैं झड़ा तो मेरे मुंह से एक चीख ही निकल गई और एक बड़े झटके के बाद मैं 10-12 छोटे छोटे झटके मारता रहा और उसके बाद थक कर आंटी के ऊपर ही लेट गया.
जब मैं झड़ा तो उसके बाद ही आंटी भी अपने आप ही झड़ गई और फिर ना मेरी हिम्मत हुई तुरंत कुछ करने की ना ही आंटी की.
थोड़ी देर के बाद मैं आंटी के ऊपर से अलग हट कर बगल में लेट गया बिल्कुल निढाल सा होकर, और आंटी की भी हालत वही थी.
थोड़ी देर बाद आंटी को थोड़ी हिम्मत आई तो वो मेरे पास खिसक कर बोली- आय ऍम सॉरी सतीश ! मैंने ये सब तुम्हारे साथ किया, पर क्या करती, मैं खुद को रोक नहीं पा रही थी.”
मैंने कहा- जो हो चुका है, वो तो हो चुका है उस पर पछतावा करने से कोई फायदा नहीं है, बस मैं अंकल के सामने शर्मिन्दा हो जाऊँगा अगर उन्हें पता चला तो ! क्यूँकि वो मुझ पर इतना भरोसा करते हैं और मैंने उनका भरोसा तोड़ दिया.”
आंटी ने कहा- पहली बात, भरोसा तुमने नहीं मैंने तोड़ा है, तुम तो क्या उस स्थिति में कोई भी होता वही करता जो तुमने किया है, बल्कि तुमने तो बहुत ज्यादा रोका खुद को और दूसरा यह कि रमेश को इस बात से कोई तकलीफ नहीं होगी. वो खुद भी करते हैं जब बाहर जाते हैं, मैंने आज तक शिकायत नहीं की उनसे, अगर मैंने एक बार कर ही लिया वो भी तुम्हारे साथ तो क्या हुआ?”
मैंने कहा- जो भी हो, प्लीज आप उनको मत पता चलने दीजियेगा.
आंटी ने कहा- ठीक है.
इस सारे उपक्रम में मुझे भूख लग आई थी तो मैंने कहा- कुछ खाने के लिये है भी या नहीं? या भूखे ही रखने का विचार है?
आंटी ने शरारत से कहा- सिर्फ खाने के लिए चाहिए, पीने के लिए नहीं?
मैंने कहा- नहीं, आपने कल रात में पिलाया था, अभी मेरी हालत कैसी है, दिख रहा है और पीने के लिए तो आप आओगी तो सब मिल ही जायेगा. तो आप बस खाने का इन्तजाम करो, भूख लग रही है.
आंटी ने कहा- खाना तैयार है, तुम नहा लो, फिर साथ में खाते हैं.
अब तक मेरा मन फिर से आंटी के साथ प्यार करने का होने लगा था तो मैंने कहा- अगर साथ में ही खाना और खाने के लिए सिर्फ नहाना ही है तो चलो, साथ में नहाते हैं.
और जब तक आंटी कुछ बोलती, मैं उन्हें उठा कर बाथरूम में लेकर चला गया और उन्हें एक हाथ से पकड़ कर शावर चालू कर दिया.
नहाते हुए मैं कभी उनके होठों को चूम रहा था तो कभी उनके गालों को और कभी उनकी गर्दन को काट रहा था. उसके बाद मैंने आंटी के बदन पर साबुन लगाया और आंटी ने मेरे बदन पर ! और फिर हम दोनों ही एक दूसरे के बदन का साबुन धोने लगे और साबुन धोते हुए मैं आंटी की चूत और स्तनों को मसल रहा था और आंटी मेरे लंड को मसल रही थी.
अद्भुत था वो मजा भी ! और ऐसे में ही आंटी मुझे लेकर वही बड़े से बाथरूम के फर्श पर लेट गई, वो नीचे और मैं उनके ऊपर था, ऊपर से फव्वारे की बौछारें आ रही थी और नीचे आंटी ने मेरा पूरा सख्त हो चुका लंड अपने हाथों में लेकर उनकी चूत पर रख लिया और मैंने एक झटके में मेरा पूरा लंड आंटी की चूत में अंदर तक घुसा दिया.
आंटी के मुह से एक हल्की सी सिसकारी निकली और मेरे अंतर में एक अलग आनंद ! और फिर मैंने धक्के लगाने शुरू किए पर उन धक्कों का मजा ना ही आंटी को आ रहा था ना मुझे क्योंकि नीचे सख्त फर्श था और मेरे हाथ पैर के घुटने काफी दर्द करने लगे थे.
थोड़ी ही देर में तो मैंने बाथरूम का दरवाजा खोला और बाथरूम के बाहर ही बिछे हुए नर्म कालीन पर आ गया और वहीं पर ही आंटी की चूत के साथ कुश्ती शुरू कर दी.
नीचे चूत लंड से टकरा रही थी और ऊपर होंठ होठों से, मेरे हाथ आंटी के गीले बालों और सख्त हो चुके स्तनों के बीच घूम रहे थे.
हम दोनों ही वासना के ज्वार में ऊपर-नीचे हो रहे थे और मेरे हर धक्के का जवाब आंटी अपने धक्कों से ही देती थी.
यह धक्कम चोद चुदाई काफी देर तक चलती रही और फिर आंटी ने मुझे कस कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया, मेरे होठों पर उनके होठों की पकड़ ढीली हो गई और अपने पैरों से नीचे से धक्का लगा कर उनकी चूत को बस उठा ही रहने दिया और एक झटके में ही वो झड़ गई.
अब आंटी पूरी तरह से पस्त हो चुकी थी और मेरी भी हालत ज्यादा देर टिकने की नहीं थी तो मैंने भी धक्के लगाने शुरू कर दिये.
आंटी इतना पस्त होने के बाद भी मेरा पूरा साथ दे रही थी जो मुझे बहुत अच्छा लगा और फिर मुझे लगा कि मैं भी झड़ जाऊँगा तो मैंने आंटी से कहा- आंटी मैं भी झड़ने वाला हूँ.
मेरी बात सुन कर उन्होंने मेरी कमर पर अपनी टाँगें लपेट ली और मेरे हाथ अपने दोनों स्तनों पर रखते हुए बोली- अंदर ही झड़ जाना, एक बूँद भी बाहर नहीं निकलने देना.
और आंटी की इतनी बात सुननी थी कि मैंने आंटी के दोनों स्तनों को दबाते हुए धक्के लगाना शुरू किए और कुछ ही धक्कों में मेरासारा वीर्य आंटी की चूत के अंदर था.
झड़ने के बाद मैं एक बार फिर आंटी पर ही पसर गया, मेरे पसरने पर आंटी ने मुझे अपनी बाँहों में लपेट लिया और मेरी कमर को बंधे बंधे ही मेरे बालों को सहलाने लगी, साथ ही साथ मेरे कानों और कंधों को चूमने लगी जो बहुत अच्छा लग रहा था.
कुछ मिनट बाद मैं आंटी के ऊपर से उतर कर नीचे बगल में ही लेट गया तो आंटी बाथरूम में गई, उन्होंने अपनी चूत साफ़ की, हाथ धोए और तौलिए से हाथों और चूत को पौंछते हुए बोली- तुम नहा कर आ जाओ, मैं भी नहा कर खाना गर्म करती हूँ.
अलमारी से दूसरा तौलिया निकाल कर मुझे दिया और दरवाजे पर जा कर बोली- अलमारी में तुम्हारे एक जोड़ी कपड़े रखे हुए हैं तो कपड़ों की चिंता मत करना, वही पहन लेना.
आंटी की बात सुन कर मैं फिर से नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया.
मैंने नहा कर जब बदन पौंछना शुरू किया तो मैंने ध्यान दिया किक मेरे शरीर पर हर जगह आंटी के लव बाइट्स के निशान थे, मैं सोच रहा था कि आखिर मैं इन निशानों को सब से छुपाऊँगा कैसे.
फिर मैंने तौलिया लपेटा अलमारी में से कपड़े निकालने गया तो देखा कि ये भी मेरे ही कपड़े थे जिसमें अंडरवियर और बनियान नई थी और लोअर और टीशर्ट मेरे ही थे.
मैं घनचक्कर बन गया कि यार, यह लड़की कितनी लम्बी प्लानिंग करके रखती है, जहाँ उस गधी को दिमाग लगाना होता है वहाँ इतनी दूर तक की बात सोच लेती है कि उसके आगे पीछे की सौ बातें भी सोच लेगी, नहीं तो अपना दिमाग छोटी छोटी बातों में भी नहीं लगायेगी.
मैंने कपड़े पहने और जब खाने के मेज पर आया तो आंटी नहा चुकी थी, और खाना भी चुकी थी, उन्होंने बालों को तौलिए से बंधा हुआ था और एक गाउन पहन रखा था.
तभी दरवाजे की घंटी बजी, मैंने सोचा- जाने कौन होगा.
तो मैंने कहा- आंटी, मैं अंदर जाता हूँ.
पर शायद आंटी को पहले ही पता था तो उन्होंने कहा- चिंता मत कर, कोई दिक्कत नहीं है.
सामान्य स्थिति में मुझे कोई दिक्कत नहीं होती पर उस दिन मेरे पूरे शरीर पर जगह जगह निशान बने हुए थे इसलिए मुझे थोड़ा डर लग रहा था.
पर दरवाजे पर ईशा थी और आते ही पीछे से मेरे कंधों पर झूमते हुए बोली- क्यूँ गधे, मजा किया या नहीं?
मैंने उसके बाल पकड़ते हुए कहा- हाँ, खूब मजा किया इडियट, चल बैठ खाना खा ले.
वो आकर मेरे बगल में बैठ गई और जब उसने मेरे हाथ देखे तो चीखते हुए आंटी से बोली- यह क्या है?
आंटी के बजाय मैंने ही जवाब दिया- कुछ नहीं रे, आंटी का प्यार है.
मेरी बात सुन कर उसने मेरे दोनों हाथों को टी शर्ट की बाहें ऊपर करके देखा, फिर मुझे खड़ा करके मेरी टीशर्ट ऊपर करके मेरी पीठ और पेट को देखा, मेरे पैरों को देखा और फिर जब मैंने उसे देखा तो पाया कि उसकी आँखें भरी हुई थी.

Reply


Messages In This Thread
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ - by desiaks - 11-20-2020, 12:53 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,479,876 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,106 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,223,602 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 925,179 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,641,976 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,070,689 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,000,843 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,010,783 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,876 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ sexstories 231 6,320,202 10-14-2023, 03:46 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 24 Guest(s)