RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
शिला के बदन मे ऐंठन होने लगी.. जो, उसके झड़ने के करीब होने का सबूत था..
मज़े के मारे उसने अपनी आँखें बंद कर ली और वह करीब करीब चिल्ला ही उठी,
शिला- "आहहह..आहह..उउउहह… सतीशशश..मैय्य्य्य गईईईई...!!!
वह झड़ चुकी थी… … …
उसका हो गया था… …
शिला ने चुदाई की मंज़िल, पा ली थी…
शिला ने सतीशके धक्के मारते लंड को, अपनी चूत मे जकड़ने की कोशिश की,
सतीश- "शिलाआअअअ… मेरारारा... भी निकल ने वाला है…!!
शिला ने सतीश के लंड पर अपनी चूत की पकड़ ढीली की तो सतीश उसे फिर से चोदने लगा और कोई 10-12 धक्कों के बाद वो भी आनंद के कारण चिल्लाया
सतीश- "शिलालालाला … आआ ह ह ह ह ह ह ह हहह…!!
एक जोरदार धक्के के साथ, सतीश के लंड ने अपने प्रेम रस की बरसात शिला की चूत के अंदर करनी शुरू कर दी..
उस का लंड, चूत को अंदर से अपने प्रेम रस से भरने लगा…
सतीश ने उसे कस कर पकड़ लिया और उसका लंड, नाच नाच कर शिला की चूत में अपने पानी का फव्वारा छोड़ रहा था..
शिला ने उसके लंड को, अपनी चूत में कस कर जकड़ लिया और पीछे हो कर, उसकी छाती पर अपनी पीठ टीका कर, उसके ऊपर उसकी तरह, लेट गई…
दोनों ही खुश थे की घर जाने से पहले, वह एक शानदार और यादगार चुदाई कर चुके थे…
वह कुछ देर यूँही पड़े रहे और थोड़ी देर बाद, जब सतीश का लंड शिला की चूत में नरम पड़ने लगा और उसके लंड का उसकी चूत में छोड़ा हुआ पानी उसकी चूत से बाहर आने लगा तो शिला ने शरारत से अपनी गांड हिलाई और सतीश का लंड उसकी चूत से बाहर आ गया…
साथ ही, उसके लंड का काफ़ी सारा पानी भी उसकी चूत से निकल आया..
शिला उठ कर ड्राइवर सीट पर आ गई और उसने अपनी चूत और उसका लंड टिश्यू पेपर से साफ़ किया,
साथ ही साथ, शिलाने लंड से उसकी चूत में निकाला गया पानी जो बाहर कार में गिरा था, उसको भी साफ़ किया…
इतनी देर चुदवाने के बाद, अब शिला मूतना चाहती थी..
बाहर, अभी भी बरसात ही रही थी,
शिला- "मुझे मूतना है… क्या कार में, छतरी है… ??
सतीश- "छाता तो नहीं है, यार… बाहर जाओगी तो, भीग जाओगी…?
सतीश- "मूतना तो मैं भी चाहता हु...!!
वह दोनों ही, हंस पड़े,
सतीश- "मैं कार के बाहर जाए बिना ही, कार के अंदर से ही बाहर मूत सकता हु…!!
एक मर्द होने का, ये एक बड़ा फायदा है,
सतीशने अपनी तरफ का कार का दरवाजा थोड़ा खोला, अपने लंड को पकड़ कर ऊपर किया और उसके लंड से मूत की धार निकलने लगी.. जो, बाहर काफ़ी दूर तक जा रही थी..
बिना कार में मूत की एक भी बूँद गिराए, सतीश ने अपना मूतना पूरा किया और कार का दरवाजा वापस बंद किया..
सतीश- "बरसात अपने पूरे ज़ोर में है… वापस जाते समय, रास्ते में जो भी पहला होटेल आएगा, वहाँ आराम से मूत लेना…
शिला- "नहीं… मैं भी यहाँ तुम्हारी तरह, मूतने की कोशिश करती हूँ…!!
सतीश हँसने लगा,
सतीश- "चलो ठीक है… कोशिश करो… लेकिन, कार में ही मत मूत देना…!!
शिला ने कार का दरवाजा खोला, अपने पैर बाहर की तरफ कर के बैठी..
उसने अपनी गांड ऊपर करके चूत को बाहर की तरफ किया और चूत के दोनों तरफ अपनी दो उंगलियाँ रख कर दबाया और मूतने के लिए ज़ोर लगाया..
शिला खुश हो गई की उसकी चूत से भी मूत की धार निकलने लगी और वो कार के बाहर गिरने लगी…
शिला ने भी मर्दों की तरह, मूत कर दिखा दिया..
शिला ने फिर से टिश्यू पेपर ले कर, अपनी चूत पर लगा मूत साफ़ किया,
उसने अपनी जीन्स और पेंटी पहनी,
सतीशने पीछे से उसकी ब्रा का हुक लगाया और शिला ने अपने टॉप के खुले हुए बटन बंद किए,
अब वह, घर जाने के लिए तैयार थे…
दोनों ही, चुदाई बाहर होती बरसात में, कार के अंदर कर चुके थे और वो भी हाइवे के पास, बिना किसी को पता चले..
ये बहुत ही रोमांचक और याद रहने वाली, चुदाई थी…
दोनों घर की तरफ, बियर पीते हुए चल पड़े…
करीब 50 मिनट में हम शालू के अपार्टमेंट पहुँच गए..
सतीश ने शालू को किस किया ओर उससे जाने की इजाजत मांगी फिर मिलते रहने का वादा लेकर शालू ने इजाजत दी,सतीश ने अपनी कार अपने घर की और मोड़ दी,यह मुम्बई से पुणे का सफर सतीश को हमेशा याद रहेगा, जब वह घर पहुंचा तो10 बज रहे थे गाड़ी पार्क करके उसने डोर बेल बजायी...
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