RE: Gandi Kahani सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री
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" ये बाते तुम्हे कहाँ से पता चली "
" कान्हा के दोस्तो ने बताया था, लेकिन बताने से पहले उन्होने अपना नाम ना खोलने की शर्त रखी थी, उनके घरवालो को पता लगा तो उन्होने तो घोर आपत्ति उठा दी, बल्कि सीधे-सीधे ये ही कहने लगे कि हमारे बच्चो ने तुम्हे ऐसा कुछ नही बताया है, हम, मतलब पोलीस समझ गयी कि बच्चे कोर्ट मे पेश होकर वे बयान देने वाले नही है जो मुझे दिया गया है इसलिए कोर्ट मे पेश की गयी स्टोरी मे उन बच्चो का कोई ज़िक्र नही किया गया है "
" कौन है वे बच्चे "
राघवन चुप रह गया.
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" चुप रहने से काम नही चलेगा राघवन प्यारे " थोड़ी देर की चुप्पी के बाद विजय ने कहा," बच्चो के बारे मे बताओ "
" कोई फ़ायदा नही होगा सर क्योंकि अपने परिवारो के प्रेशर मे आए वे अब किसी के सामने कुछ भी कहने वाले नही है, और फिर, इस सबकी ज़रूरत भी क्या है, उनके आभाव मे भी कोर्ट सरकार दंपति को मुजरिम करार दे चुकी है "
" तुम शायद भूल रहे हो राघवन प्यारे कि हमारा संबंध रॉ से है " विजय ने थोड़े कड़क लहजे मे कहा था," तुम्हे हमारे हर सवाल का जवाब देना होगा, सीधी उंगली से नही तो टेढ़ी उंगली से "
रागवान ने एक सेकेंड सोचा, फिर बोला," क्योंकि आपसे छुपा नही सकता, इसलिए बता रहा हू, शुभम और संचित "
" कॉलोनी के है या.... "
" स्कूल के, उसी की क्लास मे पढ़ते है "
" अड्रेस तो उनके बाद मे ले लेंगे " विजय ने कहा," फिलहाल ये बताओ, उन्होने क्या बताया "
" कान्हा अक्सर उनसे मीना की बाते करता था, कहता था कि उसे उसके साथ बहुत मज़ा आता है, वो उन्हे भी किसी से ऐसे संबंध बनाने के लिए उकसाता था, कहता था कि इसमे कोई बुराई नही है बल्कि नया एक्सपीरियेन्स होता है "
" क्या उसने उन्हे अपने संबंधो का कोई सबूत भी दिया था "
" उन्हे तो नही दिया मगर मेरे हाथ लग गया था "
" कैसे और क्या "
" कान्हा का मोबाइल तो गायब हो ही गया था जो आजतक नही मिला परंतु उसके लॅपटॉप से मुझे एक ई-मेल मिला, ई-मेल उसने अपने पापा यानी मिस्टर. सरकार को भेजा था, लिखा था, मुझे मालूम है कि आप नाराज़ है, मुझे ऐसा नही करना चाहिए था, मगर नयी जेनरेशन पुरानी जेनरेशन से ज़रा अलग है, मैंने एक्सपीरियेन्स के लिए ऐसा किया, मेरे दोस्तो ने कहा था कि इसमे कोई बुराई नही है, आपको दुख पहुचाने के लिए सॉरी, बस इतना ही कह सकता हू कि अब ऐसा बालिग होने के बाद ही करूँगा "
" इस ई-मेल मे मीना से सेक्स संबंधो की बात कहाँ है, बल्कि अगर ये कहा जाए तो ज़्यादा मुनासिब होगा कि पता ही नही लग रहा कि कान्हा किस संबंध मे बात कर रहा है "
" क्या आपने बालिग होने के बाद वाली बात नही पकड़ी "
" बालिग होने से तो और भी काई चीज़ो का संबंध है "
" शायद आप ठीक कह रहे है लेकिन.... भले ही ई-मेल मे बात सॉफ ना हो लेकिन शुभम और संचित के बयानो की रोशनी मे बात पूरी तरह सॉफ हो जाती है "
" ई-मेल उसी संबंध मे था तो एक बात और सॉफ हो जाती है "
" क्या "
" मिस्टर. सरकार को कत्ल वाली रात से पहले ही कान्हा और मीना के संबंधो के बारे मे पता था, उस पर उन दोनो के बीच चर्चा भी हो चुकी थी और ई-मेल के ज़रिए उसने माफी भी माँग ली थी "
" सो तो है ही, तभी तो 4 और 5 जून की रात को मिस्टर. राजन सरकार मीना को उसके कमरे से गायब पाते ही समझ गये कि वो कहाँ होगी, हॉकी उठाकर गुस्से मे भरे सीधे कान्हा के कमरे मे पहुचे और वहाँ के हालात देखकर अपने गुस्से पर काबू ना रख सके और... मैंने उस रात का पूरा डेमो तैयार किया है जो कोर्ट को दिखाया गया, आप भी देख सकते है "
उसके ऑफर को दरकिनार करके विजय ने पूछा," तुमने मिस्टर. सरकार से ई-मेल के बारे मे पूछा होगा "
" उस वक़्त तो नही लेकिन इनटेरगेशन के दरम्यान पूछा था"
" क्या जवाब मिला "
" उनके मुताबिक कान्हा ने एक बार विस्की पी ली थी, पता लगने पर उन्होने डाँट लगाई, कहा कि इस उम्र मे तुम्हे ऐसा नही करना चाहिए, ई-मेल के ज़रिए उसने उसी के संबंध मे माफी माँगी थी "
" मिस्टर. सरकार और चंदानी के बारे मे किसने बताया "
" शुभम और संचित ने ही "
" क्या कहा "
" कान्हा ने उन्हे बताया था, मेरे पापा और चंदानी आंटी के बीच संबंध है, मैंने उन्हे साथ देखा है "
" तुमने पूछा होगा, कब और कैसे "
" उन्होने बताया कि कान्हा ने कहा था, एक रात मम्मी ने भी ज़्यादा पी ली थी और चंदानी अंकल ने भी, वे बेसूध हो गये, नशे मे तो पापा और चंदानी आंटी भी थी लेकिन वे बेसूध नही थे, उस रात मीना उसके बेटे से मिलने गयी हुई थी, पापा सोच रहे थे कि मैं सोया हुआ हू मगर ऐसा नही था, मैं इंटरनेट पर पॉर्न फिल्म देख रहा था, आहट सुनकर की-होल से झाँका तो देखा कि पापा चंदानी आंटी को किस कर रहे थे, कुछ देर बाद उन्हे बाँहो मे भरे ड्रॉयिंगरूम से बेडरूम की तरफ ले गये, मैं लॉबी मे आया, दबे पाँव पापा के बेडरूम की तरफ बढ़ा, वो अंदर से बंद था लेकिन ऐसी आवाज़े आ रही थी जैसी पॉर्न फिल्म्स मे होती है "
विजय जैसा शख्स हैरान होकर कह उठा," आज की जेनरेशन ऐसी बाते दोस्तो से शेअर करती है "
" इससे भी ज़्यादा "
" मतलब "
" शुभम और संचित ने ये भी बताया कि एक बार जब कान्हा के पापा ने मीना को नौकरी से हटाने की बात कही तो वो पापा से अड़ गया, पापा ने जब सख्ती की तो उसने कह दिया, अगर आप ऐसा करेंगे तो मैं आपके और चंदानी आंटी के बारे मे सबको बता दूँगा, वे इस बात को सुनकर सहम गये और मीना को नौकरी से हटाने का ख़याल दिमाग़ से निकाल दिया "
" इस बारे मे मिस्टर. सरकार से बात की "
" उनसे भी की थी और मिसेज़. चंदानी से भी, दोनो, ना केवल मुकर गये बल्कि ये कहते हुवे मुझपर राशन-पानी लेकर चढ़ गये कि मैं इतनी गंदी बाते सोच भी कैसे सकता हू "
" तब "
" मुझे लगा, अड़ने से फ़ायदा नही होगा क्योंकि अपने घरवालो के प्रेशर मे आए बच्चे अब किसी के सामने कुछ नही कहेंगे बल्कि इस बात से सॉफ मुकर जाएँगे कि उन्होने ऐसा कुछ कहा था "
" अधिकारियो को बताया होगा "
" सुनने के बाद वे भी यही बोले कि चार्जशीट मे इस बात का ज़िक्र करने से कोई लाभ नही होगा बल्कि हानि हो सकती है क्योंकि बच्चो के बयान के आभाव मे इस बात को सिद्ध नही कर सकेंगे, वैसी हालत मे चार्जशीट कमजोर पड़ जाएगी, इसलिए कोर्ट मे कही भी इन बातो का ज़िक्र नही आया "
" इतना सब पता लगने के बाद तुमने क्या किया "
" लगभग सबकुछ सॉफ था मगर कोई सबूत नही था इसलिए सरकार का मोबाइल सर्व्लेन्स पे ले लिया गया, इस बीच शायद मिस्टर. सरकार को भी इल्म हो गया था कि वे शक के दायरे मे आ गये है इसलिए उन्होने बिजलानी से जमानत की प्रक्रिया के बारे मे पूछा, ये पता लगते ही आइजी साहब अंतिम निर्णय पर पहुच गये, उनके हुकुम पर सरकार दंपति को गिरफ्तार कर लिया गया "
" मिसेज़. सरकार को क्यो "
" क्या आपको लगता है कि मिस्टर. सरकार ने इतना सबकुछ अकेले कर दिया होगा और मिसेज़. सरकार को कुछ पता ना लगा होगा "
विजय चुप रह गया.
राघवन कहता चला गया," फ्लॅट मे 4 लोग थे, दो मारे गये, दो जिंदा बचे, ऐसा हो ही नही सकता कि 2 को एक ने मारा हो और चौथे को पता ना लगा हो, ये बात असंभव है, ख़ासतौर पर उस हालत मे जबकि हत्याए हॉकी से हुई... "
विजय ने राघवन को टोका," तब तक ये बात कहाँ क्लियर हुई थी कि हत्याए हॉकी से हुई थी "
" गिरफ्तारी से पहले हो चुकी थी "
" कैसे "
" पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से " राघवन ने बताया," दूसरी बातो के अलावा उसमे ये भी था कि कान्हा की कनपटी और मीना के सिर पर हॉकी जैसी किसी चीज़ के निशान पाए गये है, हमारे लिए यानी कि पोलीस डिपार्टमेंट के लिए इतना काफ़ी था, हमे मालूम था कि मिस्टर. सरकार अपनी जवानी मे हॉकी के अच्छे खिलाड़ी रह चुके है और उसी वजह से वर्तमान मे रेलवे टीम के कोच है तो स्वाभाविक रूप से उनके घर मे हॉकी भी रहती होंगी जबकि तलाशी मे एक भी हॉकी नही मिली थी, जब इस बारे मे सवाल किया गया तो उन्होने बड़ा ही ना-मुमुकिन सा जवाब दिया "
पता होने के बावजूद विजय ने पूछा," क्या "
" उन्होने कहा, पिच्छले रात मैंने दो हॉकी बेडरूम मे रखी थी लेकिन सुबह वहाँ एक भी नही थी जबकि बेडरूम अंदर से बंद था "
" इस जवाब पर पोलीस ने क्या सोचा "
" कि वे झूठ बोल रहे है "
" क्यो "
" क्योंकि वे मर्डर वेपन को सामने नही ला सकते थे, उसे हमेशा के लिए गायब कर दिया था उन्होने, आजतक भी नही मिला "
" तुमने अपनी स्टोरी मे हॉकी के मीना के कमरे मे होना दर्शाया है, शायद डेमो मे भी यही है, ऐसा किस आधार पर किया, मिस्टर. सरकार अपनी हॉकी उसके कमरे मे क्यो रखेंगे "
" इसका कोई सबूत या आधार नही है " राघवन ने स्पष्ट रूप से कहा," कहानी को स्वाभाविक बनाने के लिए ऐसा किया गया "
" ओके, बात वही से शुरू करो जहाँ से हम ने काटी थी "
" मैं ये बता रहा था कि मिस्टर. सरकार के साथ मिसेज़. सरकार को भी क्यू गिरफ्तार किया गया, हॉकी से कत्ल करने के बाद मीना की लाश को कूड़े के ढेर पर भी पहुचाया गया, इतना ही नही, गाड़ी और पूरे फ्लॅट की सॉफ-सफाई की गयी, यहाँ तक कि कान्हा और मीना को मारने के बाद कपड़े पहनाए गये, क्या ये सब अकेले मिस्टर. सरकार के लिए संभव था "
" ऐसा कैसे कह सकते हो कि कान्हा और मीना को कपड़े उनके मारने के बाद पहनाए गये "
" जैसा कि मुझे शुरू मे ही लगा था कि कान्हा को शर्ट मरने के बाद पहनाई गयी, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद इसकी पुष्टि हो गयी "
" वो कैसे "
" रिपोर्ट मे सॉफ लिखा था, मृत्यु से पहले कान्हा सेक्स कर रहा था, मीना की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी यही कहती है और... "
" और "
" पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर गजेंदर हज़ारे ने आइजी साहब को बताया, मिस्टर. सरकार ने उनके पास संदेश भिजवाया था कि यदि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मे सेक्स वाली कोई बात आई हो तो उसे गोल कर जाए क्योंकि इससे परिवार की बदनामी होगी "
" इसे तो यूँ कहा जा सकता है की मिस्टर. सरकार अपने पैरो मे खुद ही कुल्हाड़ी मार रहे है "
" आप ही बताइए, इतने सब के बाद इनके हत्यारा ना होने की गुंजाइश ही कहाँ बचती है " राघवन कहता चला गया," पहली बात, मैंने खूब अच्छे से जाँच की थी, फ्लॅट मे किसी बाहरी व्यक्ति के आने का कोई निशान नही था, फिर भी अगर उन दोनो को किसी और ने मारा तो सरकार दंपति की नींद क्यो नही खुली "
" हो सकता है वे बहुत ज़्यादा नशे मे हो, उतने ही जितने एक रात मिस्टर. चंदानी और मिसेज़. सरकार हो गयी थी, बेसूध "
" पहली बात, नशा चाहे जितना हो, इतना बेसूध कोई नही होता कि केवल 4 इंच की दीवार के पार हॉकी से दो हत्याए कर दी जाए और किसी को पता ना लगे, दूसरी बात, हत्यारा या हत्यारे अगर कोई और होते तो अपना काम करने के बाद फरार होने के बारे मे सोचते या लॉबी मे डाइनिंग टेबल पर बैठकर शराब पीते "
" वो किसने पी "
" मेरा मानना है कि टेन्षन से मुकाबला करने के लिए शराब सरकार दंपति ने ही पी थी "
" तुम्हारा मानना है या इस बात का कोई सबूत भी है "
" इस केस मे सबसे अनोखी बात ही ये है " राघवन कहता चला गया," इस बात का कही भी, कोई स्पष्ट सबूत मौजूद नही है कि क्राइम सरकार दंपति ने ही किया है, सब परिस्तिथिजन्य साक्ष्य है और कोर्ट ने उन्ही के आधार पर फ़ैसला सुनाया है "
" हमारा कहना कुछ और है " विजय ने कहा.
राघवन ने पूछा," क्या "
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