Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
11-27-2020, 03:57 PM,
#47
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
“बाहर निकल साले हरामी” मैं चीख पड़ा। इधर डरते डरते वह भिखारी बाहर निकला। उस दुबले पतले, करीब तीस पैंतीस साल का, साढ़े चार फुटिया नाटे गंदे भिखारी को देख कर मैं ताज्जुब कर रहा था कि भगवान जाने इस पागल भिखारी में लक्ष्मी ने क्या देखा था, जबकि लक्ष्मी अच्छी खासी साढ़े पांच फुट की बेहद सुंदर, गोरी और सेक्सी औरत थी। बिखरे गंदे खिचड़ी बाल और बेतरतीब झाड़ियों की तरह लंबी दाढ़ी के साथ पिचके गाल, अपने काले रंग के अनुसार उस पागल भिखारी का नाम कालू था। उसका हाफ पैंट सामने से तंबू बना हुआ था। एक तरफ उसका मैला कुचैला फटा पुराना बनियान फर्श पर पड़ा हुआ था। साफ साफ पता चल चल रहा था कि यहां चुदाई का कार्यक्रम शुरू होने वाला था।

“बहु, जल्दी इधर आ साली कुतिया।” मैं ने बहु को आवाज दी। लक्ष्मी डरते डरते बेडरूम में आई। “साली हरामजादी बुर चोदी, और कोई नहीं मिला चुदवाने के लिए। यही पागल भिखारी मिला?” मैं गुस्से से बोला।

रंगे हाथ पकड़ाने के बावजूद वह बड़ी बेशरमी से बोली, “और क्या करती मैं? आप लोगों ने ही तो मुझे रंडी बनाया है। मुझे लंड का चस्का लगा दिया। आप लोगों ने ही तो मेरी आदत खराब की है। अब आप लोग नहीं रहिएगा तो मैं अपने शरीर की गर्मी का क्या करूं, बताईए?”

मुझे उस पर तरस आया और बोला, “ठीक है बहु ठीक है, मगर तुझे यही पागल मिला था?”

मेरे नरम पड़ने पर वह थोड़ी हिम्मत से बोली, “बाबूजी, मुझे लगा कि इस पागल के साथ ये सब करना ज्यादा सुरक्षित है। यह किसी से कुछ बोलेगा भी नहीं।”

“तू तो बहुत चालाक हो बहु। पर तूने इसे फंसाया कैसे?” अब मैंने गुस्सा थूक कर मजा लेते हुए पूछा।

थोड़ी झिझकते हुए वह बोलने लगी, “बाबूजी यह रोज इधर भीख मांगने आता था। दिमागी तौर से यह पागल है मगर खतरनाक नहीं। आज तक इसने किसी को कोई नुक़सान नहीं पहुंचाया है। यह दरवाजे पर आकर बैठ जाता था और रोटी या खाने की कोई भी चीज मिलने पर यहीं बैठ कर खाता था और चला जाता था। इधर आप लोग नहीं रहने के कारण मैं तड़प रही थी और बड़ी परेशान थी कि अपने शरीर की गर्मी कैसे शांत करूं। आज जब वह रोज की तरह दरवाजे पर आया और आवाज लगाया, “मां जी कुछ खाने को मिलेगा?” मेरे दिमाग में एक आईडिया आया और मैं जोर से बोली, “थोड़ा रुको मैं अभी आती हूं,” और तुरंत अपना ब्रा और पैंटी उतार के नाईटी पहन ली। नाईटी के ऊपर के दो बटन खोल दी ताकि थोड़ा सा झुकने पर ही सामने से मेरी चूचियां नंगी हो कर दिखने लगे। इसी तरह कमर से नीचे के बटन भी खोल दी कि थोड़ा सा पैर फैलाने पर सामने से मेरी चूत भी दिखाई दे। फिर मैं दरवाजा खोल कर उसे अंदर आने को बोली। वह अंदर आया तो मैंने उसे बैठने के लिए कहा। जब वह बैठ रहा था तो मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। वह चुपचाप नीचे फर्श पर बैठ गया। जब वह बैठा तो मेरी नज़र उसके पैंट से झांकते लंड पर पड़ी जिसे देखते ही मैं गनगना उठी। पैंट के अन्दर यह कुछ नहीं पहना था और इसका लंड स्पष्ट दिखाई पड़ रहा था। मैं रोटी ला कर उसके सामने प्लेट में डालने के लिए झुकी तो सामने से खुली नाईटी से झांकते मेरी चूचियों पर कालू की नज़रें पड़ीं और वहीं जम गई। मैं ने महसूस किया कि इसका लंड खड़ा होने लगा है। मैं अब अपने पांव थोड़ा फैलाई तो मेरी चूत के सामने से नाईटी का पर्दा हट गया और मेरी चूत भी सामने से साफ साफ दिखाई देने लगी। जब प्लेट में रोटियां देखने के लिए सिर झुका रहा था तो इसकी नजर मेरी खुली चूत पर पड़ी, इसकी नजरें मेरी चूत पर ही जम गयीं। मैं इसी के चेहरे की प्रतिक्रिया देख रही थी। इसका आधा तना लंड और तनने लगा। मैं समझ गई कि इसे पटाने में कोई समस्या नहीं होगी। फिर इसने सिर उठाकर मुझे देखा तो मैं मुस्कुरा उठी। पता नहीं इसने कभी किसी को चोदा था या नहीं। जितनी देर यह खाता रहा, मैं इसे अपनी चूचियां और चूत दिखाती रही।

खाना खाने के बाद मैं ने इसके हाथ धुुलवाया और पूछा “और कुछ चाहिए?” यह असमंजस में चुपचाप मुझे देख रहा था। मैं ने इसका हाथ पकड़ा और बोली, “चलो अंदर, मैं तुम्हें कुछ और भी दूूंगी।” यह यंत्र चालित पालतू कुत्ते की तरह मेरे साथ बेडरूम में आ गया। “बेेड पर आराम से बैठ जाओ।” मैं ने कहा। यह आराम से बेड पर बैठ गया। मैं भी आ कर इससे सटकर बैठ गई। पता नहीं कितने दिनों से नहाया नहीं था, इसके गंदे शरीर से पसीने की दुर्गन्ध भी आ रही थी मगर मुझे उसकी परवाह नहीं थी, मेरा उद्देश्य तो सिर्फ एक ही था, उसके लंड से अपनी चूत की आग बुझाना। उस समय इसके शरीर की बदबू भी मुझे अच्छी लग रही थी। मैं ने इसके हाथों को अपनी चूचियों पर रखा तो यह अपने आप मेरी चूचियों को सहलाने और दबाने लगा। नाईटी के ऊपर वाले बटन तो खुले ही थे, जिस कारण वह आसानी से हाथ घुसा कर मेरी चूचियों को मसलने लगा। मैं उसके फटे हुए हाफ पैंट में हाथ डाल कर उसके लंड को सहलाने लगी,
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RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा - by desiaks - 11-27-2020, 03:57 PM

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