Thriller Sex Kahani - अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म )
11-30-2020, 12:51 PM,
#87
RE: Thriller Sex Kahani - अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म )
-“जब यह हुआ तुम्हारा पति कहां था?”
-“वहां नहीं था। मेरे पहुंचने से पहले जा चुका था।”
-“तुम्हें गन कहां से मिली? अपने पिता से?”
-“उसी की रिवाल्वर थी। लेकिन उसने मुझे नहीं दी। मीना ने दी थी।
-“तुम्हारी बहन ने दी थी?”
-“हां। उसी ने दी होगी। मैं जानती हूं, उसके पास थी। फिर वो मेरे हाथ में आ गई।”
-“तुमने ऐसा क्यों किया?”
-“पता नहीं। याद नहीं आ रहा।” उसका चेहरा पूर्णतया भावहीन था- “सोचने की कोशिश करती हूं तो मीना के चेहरे और घंटियों की आवाजों के अलावा कुछ याद नहीं आता। हर एक बात इतनी तेजी से गुजर जाती है कि मैं पकड़ नहीं पाती। गन चल गई और मैं आतंकित सी उसकी लाश के पास खड़ी रही। कई सेकेंड तक मैंने सोचा फर्श पर मैं मरी पड़ी थी। फिर वहां से भाग आई।”
-“लेकिन तुम दोबारा वापस गईं थीं?”
-“हां सोमवार को। मीना का अंतिम संस्कार करने गई थी। उसे जला तो नहीं सकती थी। इसलिए मैंने सोचा, अगर उसे दफना दिया जाए तो उसके वहां पड़ी होने का ख्याल हर वक्त मुझे नहीं सताएगा।”
-“क्या उस वक्त सैनी लॉज में था या जब तुम लाश के पास थी तब आ गया था?”
-“वह तभी आया था जब मैं वहां थी। मैं मीना को घसीटकर उसकी कार तक ले जाने की कोशिश कर रही थी। सैनी ने कहा वह मेरी मदद करेगा। उसका कहना था लाश को वहां नहीं छोड़ा जा सकता। क्योंकि इस तरह उस पर मीना को शूट करने का शक किया जाएगा। वह जंगलों में मुझे एक ऐसी जगह ले गया जहां मैं उसे दफना सकती थी। फिर एक बूढ़ा हम पर जासूसी करने आ पहुंचा।“ उसकी आंखों में किसी क्रोधित बच्चे जैसे भाव उत्पन्न हो गए- “यह उस बूढ़े का दोष था कि मैं अपनी बहन को दफना भी नहीं सकी। उसी कमबख्त की वजह से मैं गिर पड़ी। मेरे घुटने में चोट आ गई।”
-“और तुम्हारी सैंडल की हील भी निकल गई?”
-“हां। तुम्हें कैसे पता चला? मीना के और मेरे पैरों का साइज एक ही था। सैनी ने कहा अगर मैं उसके सैंडलों से अपने सैंडल बदल लूं तो कभी किसी को फर्क का पता नहीं चलेगा। फिर उसके सैंडल मैं उसके फ्लैट में छोड़ आई जब हम एवीडेंस खत्म करने गए थे।”
-“कैसा एवीडेंस।”
-“यह सैनी ने मुझे नहीं बताया। बस इतना कहा था मीना के अपार्टमेंट में मेरे खिलाफ एवीडेंस था।”
एवीडेंस तुम्हारे खिलाफ नहीं, खुद सैनी के खिलाफ था। तुम्हारी बहन उसे ब्लैकमेल कर रही थी।”
-“नहीं। तुम गलत कह रहे हो। मीना ऐसी नहीं थी। यह कर पाना उसके वश की बात नहीं थी। हालांकि सोच-विचार वह नहीं करती थी लेकिन जानबूझकर कोई बुरा काम करने वाली भी वह नहीं थी। वह बुरी लड़की नहीं थी।”
-“बुरा कोई नहीं होता लेकिन लालच और चाहत जैसी चीजें किसी को भी बुरा बना देती है।”
-“नहीं। तुम नहीं समझ सकते। सैनी मेरी मदद कर रहा था। उसने कहा था, मीना की गलती की सजा मुझे नहीं मिलनी चाहिए। मीना अपनी कार की डिग्गी में थी। उसने कहा, वह कार को ऐसी जगह छोड़ आएगा जहां एक लंबे अर्से तक किसी को उसका पता नहीं चलेगा।”
-“अपनी इस मदद के बदले में वह तुमसे क्या कराना चाहता था? एक और दुर्घटना?”
-“याद नहीं।”
राज को वह टालती नजर आई।
-“मैं याद दिलाता हूं।” वह बोला- “सैनी ने तुमसे वीरवार शाम को हाईवे पर रहने को कहा था। तुमने मनोहर का ट्रक रुकवाकर किसी तरह उसे नीचे उतारना था। तुम अपने पिता के घर गईं- एक तो अपने लिए एलीबी जुटाने और दूसरे उससे उसकी कार मांगने- सफेद एम्बेसेडर। तुम्हारे लिए अपने पिता की कार ले जाना ही क्यों जरूरी था?”
-“सैनी ने कहा था, मनोहर उसे दूर से देखकर भी पहचान लेगा।”
-“उसने हर एक काम पूरे सोच-विचार के साथ किया था। लेकिन क्या वह जानता था तुम्हारे पास मनोहर की हत्या करने की भी तगड़ी वजह थी?”
-“कैसी वजह? मैं समझी नहीं।”
-“अगर मनोहर पहले ही नहीं जान गया था तो तुम्हें देखकर समझ सकता था कि तुम अपनी बहन की हत्या कर चुकी थी।”
-“मेहरबानी करके ऐसा मत कहो।” वह यूं बोली मानों राज ने कोई ऐसा खौफनाक जीव कमरे में छोड़ दिया था जो उसे दबोच सकता था- “यह लफ्ज इस्तेमाल मत करो।”
-“यह एकदम सही लफ्ज है- तीनों वारदातों के लिए। तुमने मनोहर को खामोश करने के लिए उसकी हत्या की थी। उसे खाई में धकेलकर तुम कार से अपने पिता के घर लौट गईं- अपनी एलीबी को पूरा करने के लिए। इस तरह तुम्हारे खिलाफ एक ही गवाह बचा- सैनी।”
-“तुम तो ऐसे कह रहे हो जैसे यह सब योजना बनाकर किया गया था। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं था। जब मनोहर ट्रक से उतरकर कार में आकर बैठा तो जो भी पहली बात मेरे दिमाग में आई मैंने कह दी- कि पापा का एक्सीडेंट हो गया था। मनोहर को शूट करने का कोई इरादा मेरा नहीं था लेकिन सीट पर रखी रिवाल्वर देखकर उसे शक हो गया। उसने रिवाल्वर पर झपटने की कोशिश की मगर उससे पहले ही मैंने रिवाल्वर उठा ली। मुझे उस पर जरा भी भरोसा नहीं था। फिर उस पर रिवाल्वर ताने रहकर मैं कार नहीं चला सकती थी। वह दोबारा रिवाल्वर पर झपटा।”
Reply


Messages In This Thread
RE: Thriller Sex Kahani - अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म ) - by desiaks - 11-30-2020, 12:51 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,481,796 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,316 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,224,267 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 925,940 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,643,070 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,071,561 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,935,590 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,006,244 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,012,622 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,040 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)