RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
आरोही- क्या किया?
प्रिया- अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया।
आरोही का हैरत से मुँह खुला रह गया- "क्याऽs?"
प्रिया- हौं। ऐसा तो मैंने भी नहीं सोचा था। राहुल बड़े ही मजे से मेरी चूत को चूसने लगा। और पता है मेरी बेचैनी इस कदर बढ़ चुकी थी की जाने आज मुझे क्या होने वाला है। और मेरे हाथ खुद-ब-खुद राहुल के सिर को पकड़ लेते हैं। अंदर से ऐसा दिल कर रहा था बस राहुल , ही करता रहे। राहुल की जीभ मेरी चूत में साफ महसूस हो रही थी, और थोड़ी देर में मैं फारिग हो गई।
आरोही- फारिग?
प्रिया- हाँ मेरी जान... जब चूत में बेचे होती है तो चूतरस निकलता है, उसे ही फारिग होना कहते हैं। फिर गहल खड़ा होकर अपने सारे कपड़े उतार देता है। जैसे ही अपना अंडरवेर उतारता है, मेरी नजरों के सामने राहुल का लण्ड लहरा जाता है। एक पल के लिए तो देखकर मैं भी सहम गई थी। और मेरे मुँह से निकल गया. उफफ्फ... इतना बड़ा?
राहुल- "मेरी जान डरो नहीं, इससे हाथ में पकड़ो." और राहुल ने अपना लण्ड मेरे हाथ में पकड़ा दिया और मुझसे अपने लण्ड को धीरे-धीरे सहलबाने लगा। फिर पता है राहुल ने क्या कहा?
आरोही- क्या?
प्रिया- कहने लगा इसे किस करो।
आरोही- क्या?
प्रिया- हौं भला इस बात में क्या मना करती? मैंने राहुल के लण्ड को चूम लिया। मगर राहल कुछ और ही चाहता था।
आरोही- क्या?
प्रिया- लण्ड को मुँह में लो कुल्फी की तरह।
आरोही- फिर?
प्रिया- मैंने अपना मुँह खोल दिया और राहल ने अपना लण्ड मेरे मुँह में दे दिया। मैं धीरे-धीरे लण्ड को कुल्फी की तरह चूसने लगी। थोड़ी देर में राहुल ने लण्ड को मेरे मुँह से निकाला और दो-तीन पिचकारी छोड़ दी।
आरोही- कैसी पिचकारी?
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