RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
आज सनडे का दिन था जाश्ता करते हुए राजेश सुमन से बोलता है- "सुमन मुझं आज कंपनी के काम से देल्ही जाना है मेरा बैग तैयार कर दो.."
सुमन- फिर कब तक आओगे आप?
गजेश- रात में देर हो सकती है। शायद रात को वहीं रुकना पड़ेगा?
सुमन- "मैं भी चलं आपके साथ? मुझे किरण के यहां छोड़ देना..."
किरण सुमन की छोटी बहन है, जो देल्ही में अपने पति और दो बर.चों के साथ रहती है। राजेश भी यही चाहता था की रात में अपनी साली के यहां रूक जाय, और फिर राजेश सुमन को भी साथ चलने को बोल देता है। आरोही बैग पैकिंग करवाने में मम्मी की हेल्प करती हैं।
सुमन- बेटा आराही ठीक से पढ़ाई कर लेना और खाना होटल से मैंगा लेना।
आरोही- मम्मी आप चिंता मत करो, मैं बना लेंगी।
सुमन- "चल ठीक है, अपना ध्यान रखना हम चलते हैं... और राजेश और सुमन दोनों देल्ही के लिए निकल जाते हैं।
11:00 बज चुके थे। विशाल हाल में बैठा अपनी पढ़ाई में लगा हुआ था।
आरोही सोचती हैं इतने में घर की सफाई ही कर लू? और फिर आरोही मम्मी के रूम में पहुँच कर रूम की सफाई में लग जाती है। आरोही बेड की चादर चेंज करने के लिए जैसे ही चादर हटाती है। चादर । एक पैकेट नजर आता है। आरोही के चेहरे पर कंडोम का पैकेट देखकर मुश्कराहट दौड़ जाती है, और आरोही कंडोम का पैकेट उठा लेती है। और फिर आरोही पैकेट पकड़ें विशाल के पास पहुँचती है।
आरोही- भैया, देखना ये पैकेट किस चीज का है? मम्मी के रूम की सफाई करते हुए मिला है।
जैसे ही विशाल की नजर उस पैकेट पर पड़ती है, विशाल एकदम सकपका जाता है। और आगही कडोम का पैकेट विशाल के हाथों में पकड़ाकर वहीं सोफे पर विशाल के बिल्कुल बराबर में बैठ जाती है।
आरोही- भैया बताइए ना ये पैकट किस चीज का है?
विशाल- आरोही ये... पे मैं तुझे नहीं बता सकता।
आराही- भला क्या? ऐसा इस पैकेट में क्या है जो आप मुझे नहीं बता सकते?
विशाल- देख आरोही प्लीज... इसके लिए जिद ना कर। मेरी बात को समझने की कोशिश कर।
आरोही- क्या भैया आप मुझे गोल-गोल घुमा रहें हो। मेरी तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा की तुम कहना क्या चाह रहे हो?
विशाल- आरोही इस पैकेट में जो भी है उसके बारे में मैं तुझसे बात नहीं कर सकता।
आरोही- क्यों भला?
विशाल- ये एक पर्सनल चीज है और इस मामले पर भाई बहन बात नहीं करते।
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