RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
आरोही दौड़कर दरवाजे की तरफ लपकती हैं। आज आरोही से विशाल की ये दूरी भी सही नहीं जा रही थी। मगर जैसे ही आरोही दरवाजा खोलती है, तो सामने पिया और उसका भाई अजय खड़े हुए थे।
आरोही- अरी प्रिया तू.."
प्रिया- हाँ मैं... बधाईयां आरोही। भला ऐसा हो सकता है की तरी पार्टी हो और मैं ना आऊँ। खबर सुनते ही दौड़ी चली आई।
आरोही- थैक्स। आओ आओ अंदर आओ। राहुल नहीं आया?
प्रिया- नहीं। वो किसी काम से बैंगलोर गये हुए हैं। इसलिए मैं अजय के साथ आ गई।
आरोही- मैं तने अच्छा किया। बैठो मैं चाय लेकर आती है।
प्रिया- आरोही चाय बाद में पियेंगें पहले थोड़ा ठंडा सा पानी पिला दें। बहुत प्यास लगी है।
आरोही- ओंके अभी लाई।
प्रिया- और सब कहां हैं आरोही?
आरोही- "मम्मी विशाल के साथ मार्केट गई है.." और आरोही किचेन में पानी लेने पहुँच जाती है। तभी आरोही को प्रिया की हल्की सी आवाज सुनाई देती है।
प्रिया- "अजय तुमसे जरा भी सब नहीं होता, अगर आरोही ने देख लिया तो?"
आरोही के कानों तक प्रिया की ये बात साफ-साफ पहुँच चुकी थी। पं प्रिया अजय से कैसी बात कर रही है? और आरोही का जासूसी दिमाग घोड़े दौड़ाना लगता है। आरोही पानी लेकर बाहर आती है। मगर आरोही को दोनों में ऐसा कुछ नजर नहीं आया जैसे अभी आपस में दोनों ने कोई बातें की हो। मगर आरोही का दाल में कुछ काला लगने लगा था।
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