RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
विशाल भी जानता था उसका लण्ड काफी लंबा और मोटा है। आरोही की चूत में इतनी आसानी से नहीं जायेगा। विशाल अपने लण्ड को चूत की फांकों में ऊपर-ऊपर सहलाता रहा। चत और लण्ड पर तेल लगा होने से लण्ड चूत की फांकों में फासता जा रहा था।
आरोही अपनी चूत पर लण्ड को रगड़ महसूस करते हए इतनी बैंचें हो चुकी थी की बोली- "भैय्या प्लिज... कुछ करो.."
विशाल- आरोही तम्म तैयार हो?
आरोही- हाँ भैया।
अब विशाल अपने लण्ड का दबाब चूत के छेद पर बढ़ाने लगता है।
आरोही- "आह्ह.."
विशाल बहुत धीरे-धीरे दबाब दे रहा था और एकदम विशाल के लण्ड का सुपाड़ा चूत के छेद में फंसते हुए घुस जाता है।
आरोही- "उईईई... उइइंयी... भैया आईईई.."
विशाल आरोही का दर्द देखकर फौरन रुक जाता है। पूछता है- "क्या हुआ आरोही"
आरोही- भैया बड़ा दर्द हो रहा है।
विशाल- आरोही पहली बार में ऐसा ही दर्द होता है। अभी तो सिर्फ जरा सा घुसा हैं। तू कहे तो रहने दूं।
आरोही- "नहीं भैया, आप डालिये मैं सब सह लेंगी.. और आरोही में सब जोश में कह दिया लेकिन वो ये नहीं जानती थी की अभी उसको कितना दर्द होने वाला है?
जैसे ही विशाल अपने लण्ड पर थोड़ा और जोर लगता है, लण्ड चूत में छरर की आवाज से थोड़ा और घुसने लगता है। आरोही दर्द से झटपटा जाती है और अपनी कमीज उठाकर अपने मुँह में भींच लेती है की कहीं दर्द के मारे उसकी चीख ना निकल जाय। विशाल भी आरोही के दर्द को समझ रहा था। विशाल अपने लण्ड को यही रोक कर आरोही की चूचियों को अपने हाथों से मसलने लगता है।
जिससे आरोही का दर्द थोड़ा कम हो जाता है, और थोड़ी देर बाद आरोही को कुछ पाहत सी मिलने लगती है।
मगर विशाल जानता था अभी तो सिर्फ लण्ड का सुपाड़ा ही चूत के अंदर गया है।
विशाल- आरोही तुम ठीक हो?
आरोही- जी भैया में ठीक हैं।
विशाल अपने होंठों को आरोही के होंठों से मिलाकर होंठों को चूसने लगा, तो आरोही का सारा ध्यान किस करने में लग जाता है। फिर विशाल अपने लण्ड पर एक जोर धक्का मार देता है। लण्ड इस धक्के में आरोही की सील तोड़ता हुआ आधे से ज्यादा घुस जाता है। आरोही की एक जोरदार चीख निकलती है जो विशाल के गले में गुज जाती है।
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