RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
अगले दिन शाम को ऋतू ने बताया की पूजा की 4 सहेलियां तैयार हो गयी हैं अपनी चूत चटवाने के लिए और वो इसके लिए दो-दो हजार रूपए देने को भी तैयार हैं.
हमने अगले दिन ४ बजे का टाइम फिक्स किया...उस रात मुझे सोने में बहुत परेशानी हुई अगले दिन के बारे में सोच-सोचकर..
अगले दिन मैं उनका इन्तजार करने लगा, जब मैंने उनके आने की आवाजें सुनी तो छेद से देखा, ऋतू और पूजा के साथ उनकी चार और सहेलियां आई हुई थी, १ लड़की को तो मैं भी जानता था, वो ऋतू के बर्थडे पर पहले भी घर आई हुई थी, वो देखने में बिलकुल सीधी-साधी लगती थी पर उसके नैन नक्श बहुत तीखे थे, दूसरी लड़की काफी मोटी थी, उसकी कमर फैली हुई और छाती भरी हुई थी, तीसरी उससे बिलकुल विपरीत दुबली पतली और चुचे ना के बराबर,पर उसके कुल्हे काफी भरे हुए और गुदाज दिख रहे थे, और चोथी लड़की को तो मैं देखता ही रह गया, वो बिलकुल कटरीना कैफ जैसी दिख रही थी, वैसा ही हेयर स्टाइल वैसा ही हंसमुख और लम्बा चेहरा, भरे हुए दूध के ग्लास और पतली कमर के नीचे मोटे-मोटे गद्देदार चूतड..कुल मिलकर वो सेक्स बोम्ब लग रही थी, वो अन्दर आते ही धीरे-२ अपने कपडे निकाल कर नंगे हो गए और बेड पर लाइन से अपनी चूत को उभार कर लेट गए, ऋतू ने उनसे कुछ कहा और बाहर निकल गयी,
फिर मेरे रूम में आई और बोली..."चल मेरे शेर, तेरे जलवे दिखाने का टाइम आ गया है...."मैं नंगा खड़ा था, वो आगे आई और मेरा लंड पकड़कर मुझे अपने रूम में ले गयी और अपनी नंगी सहेलियों के सामने लेजाकर खड़ा कर दिया.
मैंने इतना सुन्दर दृश्य कभी नहीं देखा था, पूजा साइड में नंगी खड़ी थी, बाकी चारो लडकियां पूरी तरह से नंगी हुई आधी बेड पर लेटी हुई थी, उनकी नजरें मेरे लंड को घुर रही थी, मैंने पहली लड़की को देखा, वो मोटी वाली थी, मैं झुका और उसकी टांगों पर हाथ रखकर उन्हें ऊपर उठाया और उसे पीछे की तरफ धक्का दिया, वो लेट गयी और अपनी टंगे ऊपर हवा में उठा दी, मैंने अपनी जीभ निकाली और सीधे उसकी चूत पर लगा दी, उसके मुंह से एक सिसकारी निकल गयी उसकी चूत काफी गरम थी, बिलकुल टाईट और छोटे-२ बाल भी थे, मैंने उसे चुसना और चाटना शुरू कर दिया, वो बिस्तर पर मचलने लगी और अपने चूतड उठा -२ कर मेरे मुंह में अपनी चूत मारने लगी..जल्दी ही वो झड़ने लगी और मेरे मुंह में उसका गरमा गरम रस आ गया और मैंने सारा पी डाला...बुरा नहीं था.
दूसरी वो कटरीना कैफ थी, मैंने उसकी चूत को ध्यान से देखा ..बिलकुल चिकनी , बिना बाल की, लगता था आज ही उसने सफाई की हो..
वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी, उसके चुचे एकदम कड़क और उठे हुए थे, मैंने एक हाथ उसके कड़क चुचे पर रखा, दूसरा उसकी गांड पर रखकर उसे थोडा उठाया और उसकी आँखों में देखते हुए अपने होंठ उसकी चूत के होंठों से जोड़ दिए, और उन्हें फ्रेंच किस करने लगा, वो सिहर उठी और मेरे गालों पर हाथ फेरते हुए अपने चुचे को दबाने लगी .....
मैंने चाटना जारी रखा...मैंने नजर घुमाई दो पाया की बाकी सभी लडकियां, पूजा और ऋतू भी, अपना मुंह फाड़े मुझे चूत चाटते हुए देख रहे थे और उनका एक हाथ अपनी अपनी चूत पर था, मैंने अपना ध्यान वापिस कटरीना पर लगाया और उसे जोर से सक करने लगा, वो चीखती रही और एक लम्बी सिसकारी के साथ मेरे मुंह पर झड़ने लगी, फिर मैं उठा और अपने अगले शिकार के सामने बैठ गया.
वो दुबली -पतली लड़की थी, जैसा मैंने कहा था, उसके सीने पर कोई भी उभार नहीं था, पर उसके निप्पल्स इतने बड़े थे की मेरे हाथ खुद बा खुद उनके ऊपर जा टिके और मैंने उन्हें मसल दिया, वो चिहुंक उठी और मेरा मुंह पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया, मैं तो उसकी चूत का चेहरा भी नहीं देख पाया था, पर उसकी उत्तेजना के आगे मैं कुछ न कर पाया और मैं उसे चाटने में लग गया, उसका स्वाद बड़ा मीठा था, मुझे काफी मजा आ रहा था, वो भी जल्दी ही झड गयी और मुझे अपना अमृत पीला कर हांफने लगी.
लास्ट में बची लड़की की निगाहें जब मुझसे मिली तो वो होले से मुस्कुरा दी और पीछे सर करके लेट गयी, मैंने देखा उसकी चूत पर घने बाल थे, मैंने अपनी उँगलियों से उसकी काली-२ झाटें साइड करी और उसकी पिंक चूत को बाहर निकाला, मैंने इतने बाल चूत पर आज तक नहीं देखे थे. खैर..मुझे क्या, सबकी अपनी-२ पसंद होती है...मैंने अपनी जीभ निकाली और उसे भी चूस चूस कर झाड दिया.
मैं उठ खड़ा हुआ, मेरा पूरा मुंह गीला था और उसपर सभी लड़कियों का मिला जुला रस लगा हुआ था.
वो चारों अपनी चूत फैलाये अपने ओर्गास्म का आनंद लेते हुए ऑंखें बंद किये, गहरी सांसें लेती हुई, पड़ी हुई थी. "और अगर तुम चाहो तो इसका भी आनंद ले सकती हो...." ऋतू ने मेरे खड़े हुए लंड को अपने हाथों में लेकर कहा.
"पूजा, जरा दिखाओ तो इनको की ये कितना मजा देता है.." ऋतू ने पूजा की तरफ देखते हुए कहा.
पूजा अपनी मोटी गांड मटकती हुई , नंगी मेरे सामने आकर बैठ गयी और मेरी आँखों में देखते हुए मेरे लंड को पकड़कर अपने मुंह में लेकर लोलीपॉप की तरह चूसने लगी.
मेरी ऑंखें बंद होने लगी और मैं खड़ा हुआ पूजा से चुस्वाने में लगा रहा, वो बड़े प्यार से मेरे लंड को अन्दर ले रही थी, जीभ से सहला रही थी और अपने होठों से चूस रही थी, बाकी सभी लडकियां उठी और गौर से हमें देखने लगी.
मैं जल्दी ही झड़ने के करीब पहुँच गया, पूजा ने मेरे लंड को पूरा बाहर निकाला और अपना मुंह खोलकर, लंड को जोर से हिलाने लगी.
मेरे लंड ने पिचकारी मारनी चुरू कर दी और अपने सामने बैठी पूजा के मुंह पर, आँखों पर, माथे पर, नाक पर निशाने लगा-२ कर , उसका सांवला चेहरा, अपने सफ़ेद वीर्य से भिगो दिया, वो अपने मुंह में आये रस को पी गयी और फिर अपने चेहरे पर लगे हुए वीर्य को भी अपने हाथों से इकठ्ठा करके चाट गयी.
"अगर तुममे से कोई भी मेरे भाई का लंड चुसना चाहता है तो मुझे बता देना...पर अभी तुम सब कपडे पहनो और जाओ यहाँ से, मेरे मम्मी पापा आने ही वाले है." ऋतू ने सभी लड़कियों से कहा.
मैं भी जल्दी से अपने रूम में आ गया और बेड पर नंगा लेट गया, बिलकुल संतुष्ट, आज मैंने चार लड़कियों की चूत चाटी थी और पूजा ने मेरा लंड भी चूसा था, और साथ ही साथ आठ हजार रूपए भी कमाए थे..
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