RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
उसकी तो बुरी हालत हो गयी.....नाआआआआआआअ.......निकाआआआआआआअल्ल्लूऊओ मुझे नहीईइ कर्नाआआआअ.......मैं थोडा रुका, ऋतू ने नेहा को फिर से किस किया और उसके चुचे चुसे, वो थोडा नोर्मल हुई, मैंने अगला झटका दिया, उसका पूरा शरीर अकड़ गया मेरे इस हमले से, मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और उसकी झिल्ली से जा टकराया, वो चीख पड़ती अगर ऋतू ने उसके होंठो पर अपने मुंह की tape न लगाई होती. मैंने लंड पीछे खींचा और दुबारा और तेजी से अन्दर डाल दिया, मेरा लंड उसकी झिल्ली को चीरता हुआ अन्दर जा घुसा , मैंने अपने लंड पर उसके गर्म खून का रसाव महसूस किया, उसकी छोटी सी चूत फट चुकी थी. मैंने सोचा भी नहीं था की चूत इतनी टाईट भी हो सकती है, वो मेरे नीचे पड़ी चटपटा रही थी, ऋतू ने उसके दोनों हाथों को पकड़ा हुआ था और उसे किस करे जा रही थी. मैंने लंड बाहर खींचा और धीरे -२ अन्दर बाहर करने लगा, थोड़ी ही देर में उसके कुल्हे भी मेरे लंड के साथ-२ हिलने लगे.
अब उसे भी मजा आ रहा था...साआले....जान ही निकाआल दी तुने तूऊ....अब देख क्या रहा है...जोर से चोद मुझे भेन चोद.... सालाआआ कुत्ताआआआ ...चोद मुझीईईईए.........आआआआआआआआह्ह्ह्ह उसकी गरम चूत मेरे लंड को जकड़े हुए थी, मेरे लिए ये सब बर्दाशत करना अब कठिन हो गया और मैंने अपना वीर्य अपनी छोटी सी कुंवारी बहन की चूत में उड़ेल दिया....वो भी झटके लेकर झड़ने लगी और मैं हांफता हुआ अलग हो गया.
उसकी चूत में से मेरा रस और खून बाहर आने लगा.
नेहा थोड़ी डर गयी पर ऋतू ने उसे समझाया की ये सब तो एक दिन होना ही था और उसे बाथरूम मे ले गयी साफ़ करने के लिए, और बेड से चादर भी उठा ली धोने के लिए.
मैं भी उठा और छेद से देखा की अन्दर का माहोल भी लगभग बदल चूका है मेरे पापा आरती चाची की चूत में लंड पेल रहे थे और मेरी माँ अजय चाचू के ऊपर उनके लंड को अन्दर लिए उछल रही थी. मेरी माँ ने नीचे झुककर चाचू को चूमा और झड़ने लगी, चाचू ने भी अपने हाथ मेरी माँ की मोटी गांड पर टिका दिए और अपना रस अन्दर छोड़ दिया.
पापा ने भी जब झड़ना शुरू किया तो अपना लंड बाहर निकाला और चाची के मुंह पर धारें मारने लगे, वो नीचे पेशाब वाले गीले फर्श पर लेटी थी, उनकी हालत एक सस्ती रंडी जैसी लग रही थी. शरीर पेशाब से गीला और चेहरा मेरे पापा के रस से...
थोड़ी देर लेटने के बाद मेरी माँ अपनी जगह से उठी और आरती चाची के पास आकर उनके चेहरे पर गिरा मेरे पापा का रस चाटने लगी, बड़ा ही कामुक दृश्य था, आरती का चेहरा चाटने के साथ-२ मेरी माँ उन्हें चूम भी रही थी, फिर चाची ने मेरी माँ को भी किस करना चुरू कर दिया और उनके उभारों को चूसते हुए नीचे की तरफ जाने लगी और उनकी चूत पर पहुँच कर अपनी जीभ अन्दर डाल दी और वहां पड़े अपने पति के रस को खोद खोदकर बाहर निकालने लगी, माँ ने भी अपना मुंह चाची की चूत पर टिका कर उसे साफ़ करना शुरू कर दिया, थोड़ी ही देर में दोनों ने एक दुसरे को अपनी-2 जीभ से चमका दिया. फिर मेरे मम्मी पापा अपने रूम में चले गए और चाचू-चाची नंगे ही अपने बिस्तर में घुस गए.
ऋतू और नेहा भी वापिस आ चुकी थी, नेहा थोड़ी लड़खड़ा कर चल रही थी, उसकी मासूम चूत सूज गयी थी मेरे लंड के प्रहार से. ऋतू ने उसे पेनकिलर दी और नेहा उसे ले कर सो गयी, मैं भी घुस गया उन दोनो के बीच एक ही पलंग में और रजाई ओढ़ ली..मजे की बात ये थी की हम तीनो नंगे थे.
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सुबह मेरी आँख जल्दी खुल गयी और मैंने पाया की नेहा वहीँ शीशे वाली जगह से अन्दर देख रही है, मैंने ऋतू की तरफ देखा, वो सो रही थी, नेहा नंगी खड़ी दुसरे रूम में देख रही थी, मैं उठ कर पास गया और उसके गोल-२ चूतडो पर अपना लंड टिका कर उसके पीछे खड़ा हो गया, उसने मुस्कुराकर पीछे देखा और मुझे जगह देते हुए साइड हो गयी, मैंने अन्दर देखा की चाचू और चाची 69 की अवस्था में एक दुसरे को चूस रहे थे, क्या गजब का सीन था, मैंने मन ही मन सोचा - सुबह-२ इनको चैन नहीं है, और नेहा की तरफ देखा, उसकी साँसे तेजी से चल रही थी, अपने मम्मी पापा को ऐसी अवस्था में सुबह देखकर वो काफी उत्तेजित हो चुकी थी, उसकी चूत में से रस बहकर जांघो से होता हुआ नीचे बह रहा था... मैंने मन ही मन सोचा कितना रस टपकाती है साली...उसके होंठ कुछ कहने को अधीर हो रहे थे, उसकी आँखों में एक निमंत्रण था, पर मैंने सोचा चलो इसको थोडा और तड़पाया जाए और मैंने उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया और वापिस अन्दर देखने लगा.
अन्दर उन्होंने अपना आसन तोडा और चाची उठ कर चाचू के सामने आ गयी और उनका लंड मुंह में डालकर चूसने लगी.
अजय की आँखें बंद होती चली गयी, आरती किसी रण्डी की तरह चाचू का लंड चूस रही थी, मेरा तो दिल आ गया था अपनी रांड चाची पर. जी कर रहा था की अभी अन्दर जाऊं और अपना लोडा उसके मुंह में ठूस दूं...साली कुतिया.
वहां नेहा काफी गरम हो चुकी थी, वो अपना शरीर मेरे शरीर से रगड़ रही थी, अपने चुचे मेरे हाथों से रगड़ कर मुझे उत्तेजित कर रही थी, मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं की और अन्दर ही देखता रहा, पर मेरा लंड मेरी बात कहाँ मानता है, वो तो खड़ा हो गया पूरी तरह. जब नेहा ने देखा की मैं कुछ नहीं कर रहा हूँ तो वो मेरे सामने आई और मेरे लिप्स पर अपने होंठ रखकर उन्हें चूसने लगी और अपना पूरा शरीर मुझसे रगड़ने लगी. अब मेरी सहन शक्ति ने जवाब दे दिया और मैंने भी उसे रिप्लाई देना शुरू कर दिया और उसे जोरो से चूसने और चाटने लगा, मैंने अपने हाथ उसके गोल और मोटे चूतडो पर टिकाया और अपनी एक ऊँगली उसकी गांड में डाल दी, वो चिहुंक उठी और उछल कर मेरी गोद में चढ़ गयी, और अपनी टाँगे मेरे चारों तरफ लपेट ली, मेरी ऊँगली उसकी गांड में अन्दर तक घुस गयी, वो उसे जोरो से हिलाने लगी, मेरे मन में उसकी गांड मारने का विचार आया पर फिर मैंने सोचा अभी कल ही तो इसने चूत मरवाई है, इतनी जल्दी गांड भी मार ली तो बेचारी का चलना भी दूभर हो जाएगा, इसलिए मैंने अपनी ऊँगली निकालकर उसकी रस उगलती चूत में डाल दी, वो तो मस्ती में आकर मुझे काटने ही लगी और इशारा करके मुझे बेड तक ले जाने को कहा, मैं उल्टा चलता हुआ बेड तक आया और उसे अपने ऊपर लिटाता हुआ नीचे लेट गया, उससे सहन नहीं हो रहा था.
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