RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
रात को प्रोग्राम शुरू होने के बीस मिनट बाद वो सभी थोड़ी-२ देर में उठे और बाहर आकर एक जगह इकठ्ठा हो गए. रेहान बड़ा फुदक रहा था, वो जानता था की अगर मेरी बात सच हुई तो उसके तो मजे हैं और अगर झूठ निकली तो मेरी बेईसती देखने को तो मिलेगी ही..
मैंने उन्हें समझाया की हमें बिलकुल चुपचाप रहना होगा, अगर जरा सी भी आहट हुई तो सारा खेल बिगड़ जाएगा.
हम सभी उनके कॉटेज में पहुंचे और बिना किसी आहट किये मोनी और सोनी के बेडरूम में चले गए, मैंने देख लिया था की उनके साथ वाले बेडरूम से रौशनी आ रही है, यानी वहां पक्का कोई खेल चल रहा है.
अन्दर जाने के बाद सोनी मेरे बिलकुल सामने खड़ी हो गयी और अपनी छाती ऊपर नीचे करते हुए मुझे देखने लगी और बोली "अब बताओ...क्या कह रहे थे तुम..?"
मैं आगे बड़ा और शीशा हटा कर दुसरे कमरे में देखा, मेरा अनुमान सही था. वहां दो औरतें 69 की अवस्था में एक दुसरे की चूत चाट रही थी, मैंने गौर से देखा तो पाया , ये तो वोही कल वाली आंटी मंजू थी, जिसकी काफी मोटी गांड थी, पर आज वो किसी और जोड़े के साथ थे, और उनके पास बैठे दो आदमी अपने लंड हाथों में पकड़ कर मसल रहे थे और उन्हें देख रहे थे,, एक तो वोही कल वाला आदमी यानी मंजू का पति और सोनी, मोनी का बाप था दूसरा कोई नया आदमी था, मैंने सोनी को कहा "ओके..यहाँ आओ और देखो"
वो उस शीशे के हटते ही आश्चर्यचकित रह गयी की ऐसी जगह उनके कमरे में हैं जहाँ से दुसरे कमरे में देखा जा सकता है, और अगर है भी तो मैं ये कैसे जानता हूँ, पर उसने सोचा ये बाद में देखेंगे अभी तो दुसरे कमरे में क्या है वो देखा जाये..ये सोचकर जैसे ही वो आगे आई और अन्दर देखा तो उसके हाव भाव ही बदल गए, उसका मुंह खुला का खुला रह गया.
मोनी जो अपनी बहन का चेहरा देखते ही समझ गयी थी की अन्दर क्या हो रहा है, झट से आगे आई और उसे पीछे करके अन्दर देखने लगी, सोनी ने उसे रोकने की कोशिश की पर तब तक देर हो चुकी थी..
मोनी ने अन्दर देखा और वो बोली "वाउ .....तुम सच कह रहे थे..."
सोनी ने उससे कहा "मोनी तुम पीछे हट जाओ, तुम्हे ये सब नहीं देखना चाहिये.."
मोनी : "अरे..सोनी देख तो , मम्मी कैसे इंदु आंटी की टांगो के बीच में उनकी चूत चाट रही है....और शर्मा अंकल और पापा कैसे अपने हाथों में अपना लंड लेकर मसल रहे हैं, कितने बड़े हैं दोनों के..." वो देखे जा रही थी और धीरे-२ बोले जा रही थी.
अपनी बहन के मुंह से लंड और चूत जैसे शब्द सुनकर स्तब्ध रह गयी, पर कुछ ना बोली...
"अरे देखो सोनी, पापा अब अपना लंड इंदु आंटी की चूत में डाल रहे हैं....वो....और मम्मी भी शर्मा अंकल को लिटा कर उनके ऊपर चढ़ गयी है और उनका लंड अपनी चूत में ले कर उछल रही है.."
उनकी बातें सुनकर वो चोदु रेहान आगे आया और मोनी को साइड करके खुद देखने लगा, अन्दर का नंगा नाच देखकर उसने अपनी जींस के ऊपर से ही अपना लंड मसलना शुरू कर दिया..
"ये सब कितने मजे कर रहे हैं, उनके चेहरे देख कर लगता है की वो इन सबमे खुश हैं, कितनी सफाई से वो एक दुसरे से प्यार कर रहे है..." रेहान ने कहा.
"हाँ ...ये सब खुश हैं और इन्हें मजे भी आ रहे हैं, तभी तो इस वक़्त सभी पेरेंट्स अपने-२ कॉटेज में यही कर रहे हैं.." मैं उनसे कहा.
"ये तुम क्या कह रहे हो...सभी पेरेंट्स यही कर रहे हैं ? " सोनी ने आश्चर्य से मेरी तरफ देखते हुए कहा.
"हाँ..सभी पेरेंट्स...अगर तुम मेरे साथ आओ तो मैं तुम्हे दिखा भी सकता हूँ" मैंने उसे कहा.
"क्या सच में...मैं तो जरूर देखना चाहूंगी ..." मोनी ने मचलते हुए कहा.
"चलो फिर मेरे साथ...तुम ये सब रोज देख सकते हो अगर तुम चाहो तो.." मैंने उनसे कहा और हम सब बाहर की तरफ चल दिए.
मैंने बाहर आकर देखा और एक और कॉटेज में, जहाँ से लाइट बाहर आ रही थी, चले गए, वहां भी हम सभी चुप चाप अन्दर गए, अन्दर आकर मैंने शीशा हटाया और अन्दर देखा. वासना का नंगा नाच चल रहा था, तीन जोड़े थे वहां पर..सभी एक दुसरे की मारने में लगे हुए थे. मोनी ने मुझे पीछे किया और अन्दर देखने लगी.
"अरे...देख तो सोनी..ये आंटी कैसे अपनी चूत में उस अंकल का लंड ले रही है और दुसरे अंकल उनकी गांड में लंड डाल रहे हैं, और वो आंटी कितने मजे से आँखें बंद करके मजे से चीख रही है..." वो बुदबुदाये जा रही थी और अन्दर का हाल बताये जा रही थी, अन्दर का नजारा, सोनी, मोनी, रेहान, नेहा और रितु ने भी देखा..
मैंने नोट किया की मोनी अन्दर का नजारा देख कर काफी खुश हो रही है, पर जब मैंने सोनी की तरफ ध्यान दिया तो पाया की वो अपनी जींस के ऊपर से अपनी चूत को रगड़ रही है, उससे कण्ट्रोल नहीं हो पा रहा था, मैं समझ गया को अब इसके कपडे उतारने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.
और वो चोदु रेहान तो अपनी लार टपका -२ कर ऐसे देख रहा था की अभी दीवार फाड़ कर दुसरे कमरे में घुस जाएगा और चुदाई में शामिल हो जाएगा. घूमकर जब वो मेरी बहन ऋतू को अपनी चुदासी नजरों से देखता तो मेरा खून खोल उठता..पर इस समय मेरा ध्यान इन दो कमसिन लड़कियों, सोनी और मोनी, पर था.
"चलो अब आगे चलते हैं, एक और कॉटेज देखते हैं" मैंने उनसे कहा.
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