RE: Hindi Sex Stories याराना
तृप्ति ने कहा- मैं बहुत थक गई हूं। मन तो है कि आज सोयें नहीं... पर अब मेरी चूत अब ठुकाई के लिए राजी नहीं होगी। तुमने उसकी हालत बहुत खराब कर दी है शायद मुझे चला भी नहीं जाएगा सुबह। तुम तो पूरे जंगली हो। (और मुस्कुराने लगी।)
मेरा लक्ष्य दोस्त की बीवी तृप्ति की गांड मारना था क्योंकि मुझे पता था कि मेरे दोस्त राजवीर ने उसकी गांड का उद्घाटन नहीं किया है क्योंकि तृप्ति ने उसे कभी ऐसा नहीं करने दिया। मुझे यह भी पता था कि तृप्ति ने जब अपने पति को ही अपनी गांड नहीं दी तो वह मुझे भी इतनी आसानी से अपनी गांड नहीं देगी।
मैंने तृप्ति से कहा- क्या तुम आज की रात को यादगार रखना चाहोगी? आज की रात तुम्हारे लिए हमेशा यादगार रहेगी?
तृप्ति ने कहा- हां, इस रात को मैं कभी नहीं भूल पाऊँगी और यह ना भूलने वाला अनुभव है।
इस पर मैंने तृप्ति को कहा- वक्त के साथ शायद तुम भूल जाओ लेकिन जो मैं करना चाहता हूं वह ऐसा है कि तुम इस रात को चाह कर भी कभी नहीं भूल पाओगी और मेरे लिए यह सबसे बड़ी खुशी की बात होगी।
मेरी बात सुन कर तृप्ति चौंक गई और उसने कहा- अब ऐसा क्या करने वाले हो?
मैंने अपनी एक उंगली को अपने थूक में भरा और उस उंगली को सीधा तृप्ति की गांड पर लगाकर उसकी गांड के छेद पर फिराने लगा। इस पर, तृप्ति जो लेटी हुई थी, फट से बैठ गई, उसने कहा- ऐसा सोचना भी मत। (और हंसने लगी)
उसने कहा- नहीं, तुम नहीं कर सकते! और मैं यह करवाऊंगी भी नहीं।
मैंने उसकी काफी मिन्नतें की, कहा- इसमें तुमको बहुत मजा आएगा, तुम्हारी मोटी गांड बनी ही इसलिए है कि वह इसमें बहुत सारे लिंग के धक्के खाए।
मैंने कहा- इस रात को यादगार बनाने के लिए हमें इस काम को करना ही चाहिए।
उसने कहा- यह पहली बार होगा इसलिए मैं नहीं करवाऊंगी।
मैंने कहा- पहली बार होगा इसलिए तो यह रात यादगार होगी, यह बात जिंदगी भर याद रखोगी। जो अभी तक हमने किया है यह एक साधारण चुदाई ही है लेकिन तुम्हारी गांड का उद्घाटन तुम्हें हमेशा याद रहेगा।
तृप्ति अंततः राजी हो गई, उसने कहा- अगर मुझे दर्द होगा तो तुम तुरंत रुक जाओगे?
लेकिन मुझे प्रिया की गांड मारने का इतना अनुभव था कि मुझे पूर्ण विश्वास था कि आज तृप्ति की गांड का उद्घाटन मैं करके ही रहूंगा।
मैंने तृप्ति को किस करना शुरू किया, उसके पूरे शरीर पर, गोरे मांसल स्तनों से लेकर उसकी चूत तक मैंने चाट चाट कर उसको गर्म कर दिया। इतनी आकर्षक शरीर वाली औरत को चूसना ही एक प्रकार की सेक्स क्रिया थी, ऐसा करने से तृप्ति फिर उत्तेजना में बह गई।
अब वो उचक उचक कर मेरा साथ देने लगी थी, मैंने उसको उल्टी लेटाते हुए उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया और उसके गांड के दोनों तरबूजों को अलग करते हुए उसकी गांड के छेद के चारों ओर अपनी जीभ फिरानी शुरू की। मैंने अपने दोस्त की बीवी की गांड को अपनी जीभ से पूरा गीला कर दिया। तृप्ति उत्तेजना में मेरा साथ देने लगी थी और अपनी गांड के छेद को मेरे मुंह की तरफ धकेलने लगी। अब मुझे लगा कि तृप्ति गांड चुदाई के लिए पूर्ण रूप से तैयार है तो मैंने उठ कर अपना लिंग उसके मुंह में दे दिया। तृप्ति के मुंह के थूक से मेरा लिंग चिकना हो गया था। वह तृप्ति की गांड में जाने के लिए बेताब था किंतु मैं जानता था कि तृप्ति की छोटे से गांड के छेद के लिए यह चिकनाई पर्याप्त नहीं है, मैंने फटाफट से प्रिया के मेकअप बॉक्स में से क्रीम निकाल ली और अपने लिंग पर उसे चारों तरफ लगा कर उसे भर दिया। तृप्ति उत्तेजना में पागल हो गई थी अब लग रहा था कि वह मजबूर नहीं है और यह देखना चाहती है कि गांड मराने में कितना मजा आता है।
मैंने अपने लिंग मुंड को बहुत अधिक क्रीम से भर रखा था। मैंने तृप्ति के गांड को चौड़ा करते हुए अपने लिंगको उसकी गांड के छेद पर टिका दिया, तृप्ति के मुंह से हल्की सी सिसकारी निकली। मैंने अपने लिंग को तृप्ति की गांड के छेद में दबाया।
उसने कहा- यार, बहुत दर्द हुआ। (उसकी आंखों से आंसू आने लगे)
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