hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
12-31-2020, 12:17 PM,
#17
RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
“तुमने सुना?” जुए का अवैध अड्डा चलाने वाले लुक्का ने कहा—“प्रतापगढ़ थाने पर इंस्पेक्टर तेजस्वी को नियुक्त कर दिया गया है।”
“तो?” कच्ची शराब का धंधा करने वाले रंगनाथन ने बुरा-सा मुंह बनाया—“मरा क्यों जा रहा है, चेहरे पर हवाइयां क्यों उड़ रही हैं?”
“सुना है वह ईमानदार है।” चकला चलाने वाला कह उठा—“रिश्वत नहीं लेता—और जब थानेदार नहीं लेगा तो हमारा धंधा कैसे चलेगा?”
“बकवास!” रंगनाथन ने हाथ झटका—“दुनिया में ऐसा कोई पुलिसिया नहीं है जो रिश्वत न लेता हो।”
“नहीं रंगनाथन, गलत सोच रहा है तू।” प्रतापगढ़ के सट्टा किंग ने कहा—“वो सचमुच रिश्वत नहीं लेता—सूअर का बाल है साले की आंखों में—तुझे मालूम है, एक साल पहले मैं कमाठीपुरे में धन्धा करता था—उस थाने पर तेजस्वी की नियुक्ति हो गई—मैंने उससे दुगनी रकम देकर ‘ट्यूनिंग’ बनाने की कोशिश की जितनी पिछले इंस्पेक्टर को देता था, मगर मानना तो दूर, साले ने उठाकर बन्द कर दिया—मजबूर होकर मुझे इस इलाके में सैटल होना पड़ा—अब लगता है, यहां से भागना पड़ेगा—उसके हाथ में हमेशा एक रूल रहता है, रूल के अंतिम सिरे पर साइकिल की चैन बंधी रहती है—यह उसका पसंदीदा हथियार है, यानि जब तक अपराधी की खाल उससे नहीं उधेड़ता, तब तक उसके कलेजे में ठंडक नहीं पड़ती।”
“मेरा ‘एक्सपीरियेंस’ तुम सबसे जुदा है मेरे लाडलों।” रंगनाथन मुस्कराया।
बहुत देर से खामोश बैठे पेशेवर कातिल को आखिर बोलना पड़ा—“तू कहना क्या चाहता है रंगनाथन?”
“मैं पिछले दस साल से कच्ची शराब का धन्धा कर रहा हूं—न जाने प्रतापगढ़ थाने पर कितने इंस्पेक्टर आए और चले गए, मगर मेरा बिजनेस बदस्तूर चलता रहा—बस ये है कि जिस इंस्पेक्टर के बारे में जितना ज्यादा यह प्रचारित हो कि वह कर्मठ, जुझारू, मेहनती और ईमानदार है, समझ लो उसका पेट उतना ही बड़ा है—सब साले बिकाऊ हैं, कोई एक में बिकता है, कोई सौ में।”
“इस बार तुझे अपने ‘एक्सपीरियेंस’ में तब्दीली लानी पड़ेगी रंगनाथन।” पैसे लेकर मकान खाली कराने वाले ठेकेदार ने कहा—“मैं भी उसे भुगत चुका हूं—रिश्वत का नाम लेते ही ऐसे बिदकता है जैसे भैंसे ने लाल कपड़ा देख लिया हो।”
“देखा जाएगा …।” रंगनाथन ने पुनः हाथ झटका।
“देखने के लिए तू अकेला ही इस इलाके में बचेगा।” किसी अन्य की प्रॉपर्टी खुद बेच डालने में माहिर शख्स ने कहा—“अपन तो इस इलाके में अब धन्धा करेगा नहीं—अपन को तो सारी जिन्दगी दूसरों के मकान-दुकान बेचने हैं, सो वे हर इलाके में होते हैं।”
“मेरा भी यही ख्याल है।” अपहरण करने का हुनरमन्द बोला—“अब इस इलाके की जमीन अपने धन्धे की फसल के लिए बंजर हो गई है।”
रंगनाथन हंसा, बोला—“तुम सब मुझे एक ही मूड में नजर आ रहे हो—सबके चेहरों पर इंस्पेक्टर तेजस्वी के भूत को कत्थक करते देख रहा हूं मैं—साला इंस्पेक्टर न हुआ, हव्वा हो गया—जरा यह भी तो सोचो कि हम सब अपने-अपने धन्धों में से एक निश्चित रकम स्टार फोर्स को पहुंचाते हैं—क्या ब्लैक स्टार हमारे धन्धे चौपट होने देगा? हरगिज नहीं—हमारे धन्धों से स्टार फोर्स को लाखों रुपये महीना की इन्कम है।”
“बात तो तुम्हारी ठीक है।” बच्चों को भीख मंगवाने का धन्धा करने वाला बोला—“हमारे धन्धे चौपट होने का मतलब है, ब्लैक स्टार का धन्धा चौपट होना और स्टार फोर्स ऐसा बिल्कुल नहीं होने देगी।”
“अब बोलो मेरे लाडलों।” रंगनाथन ने अन्य पर व्यंग्य किया—“क्या वो इंस्पेक्टर स्टार फोर्स से उलझ सकेगा?”
“स-सुना है तेजस्वी की नियुक्ति इस थाने पर की ही इसलिए जा रही है कि वह स्टार फोर्स का सफाया कर डाले?”
रंगनाथन ठहाका लगाकर हंसा, बोला—“स्टार फोर्स का सफाया … वाह … वाह … मजाक है—जिस स्टार फोर्स का सफाया ‘श्रीगंगा’ की सैनिक क्षमता न कर सकी—हमारे देश के जवान न कर सके—उसका सफाया तेजस्वी करेगा, एक अदना सा पुलिस इंस्पेक्टर … वाह, इस मजाक में मजा आ गया दोस्त!”
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“योजना का पहला चरण यानि प्रतापगढ़ थाने पर इंस्पेक्टर तेजस्वी की नियुक्ति का काम पूरा हो चुका है।” डी.आई.जी. चिदम्बरम ने इस तरह कहा जैसे बहुत बड़ा तीर मारा हो।
चमकदार काले जूते, काली पैन्ट और काले ही ओवरकोट वाले शख्स ने सफेद दस्ताने से ढका अपना दायां हाथ जेब में डाला—पांच सौ के नोटों की एक गड्डी निकालकर मेज पर फेंकता हुआ बोला—“वादे के मुताबिक योजना का पहला चरण पूरा होने की फीस हाजिर है।”
“केवल एक गड्डी?” एस.एस.पी. कुम्बारप्पा ने पूछा।
“और हैं।” कहने के बाद जो वह शुरू हुआ तो हाथ तभी रुका जब जेब से निकाल-निकालकर पूरी दस गड्डियां मेज पर फेंक चुका—इस बीच चिदम्बरम और कुम्बारप्पा की नजरें रहस्यमय शख्स के लम्बे बालों और आंखों पर चढ़े चौड़े फ्रेम के काले चश्मे पर स्थिर रहीं—उन्हें पूरा यकीन था अगर यह शख्स किसी और हुलिए में उनके सामने आए तो लाख प्रयासों के बावजूद पहचान नहीं पाएंगे—त्वचा के नाम पर वे केवल उसकी नाक देख पाते थे क्योंकि गालों का अधिकांश हिस्सा और ठोड़ी घनी दाढ़ी-मूंछों से ढकी रहती थी—वे समझ सकते थे कि दाढ़ी-मूंछ ही नहीं सिर के बाल तक नकली हैं—हालांकि नाक से यह अंदाजा लगता था कि उस व्यक्ति की त्वचा का रंग काला होगा परन्तु चिदम्बरम और कुम्बारप्पा समझते थे कि असल में वह दूध की मानिन्द गोरा भी हो सकता है।
इस रहस्यमय शख्स की गहराई में जाने की कोशिश दोनों में से कभी किसी ने नहीं की और करते भी कैसे—यह शख्स जब भी सामने आता, वही सौगात बरसाकर चला जाता जो इस वक्त मेज पर पड़ी थी और उनकी आंखें ठीक उसी तरह जुगनुओं की मानिन्द चमकने लगतीं जैसे इस वक्त चमक रही थीं, अपने उल्लास को काबू में रखे कुम्बारप्पा ने पूछा—“योजना का अगला चरण क्या है?”
“अभी उसके बारे में जिक्र करने का वक्त नहीं आया है।” रहस्यमय शख्स ने प्रभावशाली स्वर में कहा—“ख्याल रहे, तेजस्वी को कभी मालूम न हो पाये कि प्रतापगढ़ थाने पर उसकी नियुक्ति तुम लोगों ने किसी खास मकसद से कराई है।”
“जब हमें ही असली मकसद नहीं मालूम तो उसे क्या बताएंगे?” चिदम्बरम कह उठा—“हां, इतना अवश्य मालूम हो सकता है कि हमने आई.जी. साहब से उसकी तारीफ की थी, प्रतापगढ़ थाने पर नियुक्ति के प्रस्तावक भी हम ही थे—मगर इस जानकारी से इसके अलावा कोई अर्थ नहीं निकलेगा कि हम भी आई.जी. की तरह कुछ बेहतर करना चाहते थे—हमने इंस्पेक्टर की झूठी प्रशंसा नहीं की, वह वास्तव में वैसा ही है जैसा हमने कहा था—ईमानदार, कर्मठ, मेहनती और जुझारू!”
“दूसरी चेतावनी।” रहस्यमय शख्स बोला—“जब तक अगला आदेश न मिले तब तक इस बात में विशेष दिलचस्पी नहीं लेनी है कि प्रतापगढ़ थाने पर नियुक्त तेजस्वी क्या कर रहा है?”
“हम कोई दिलचस्पी नहीं लेंगे लेकिन …।”
“लेकिन?”
“अगर बुरा न मानें तो एक बात कहना चाहता हूं।”
“बोलो।”
“जिस तरह आपने हमसे काम लिया है अगर उसी तरह इंस्पेक्टर तेजस्वी से किसी गैरकानूनी काम में मदद लेने की कोशिश की तो आप मुंह की खा सकते हैं क्योंकि वह …।”
“हमें मालूम है मिस्टर कुम्बारप्पा कि किससे किस ढंग से काम लिया जाएगा।”
“निश्चित रूप से वह कोई बहुत बड़ा काम होगा जिसके लिए आपने हमें इतने …।”
“इस बारे में सोचकर अपना दिमाग खराब मत करो मिस्टर चिदम्बरम!” रहस्यमय शख्स के हलक से निकलने वाली गुर्राहट इतनी सर्द थी कि दोनों की रीढ़ की हड्डी में सिहरन दौड़ गयी—“जो शख्स वक्त से पहले मेरे मकसद के बारे में जानने की कोशिश करेगा, उसे वक्त से पहले इस दुनिया से जाना होगा।”
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RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा - by desiaks - 12-31-2020, 12:17 PM

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