RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
“ये … ये तुम क्या कह रहे हो तेजस्वी?” कमिश्नर शांडियाल तक के लहजे में हकलाहट उत्पन्न हो गई—“तुम काली बस्ती में स्थित थारूपल्ला के अड्डे पर जाओगे … और वह भी अकेले?”
“जी!” सावधान की मुद्रा में खड़े तेजस्वी ने दृढ़तापूर्वक कहा—“मुझे ऐसा करना पड़ेगा।”
“मगर क्यों?” डी.आई.जी. चिदम्बरम के हलक से चीख निकल गई—“मौत के उस मुंह में तुम्हारा जाना क्यों जरूरी है?”
“लोगों के दिमाग पर छाए स्टार फोर्स के हव्वे को ध्वस्त करना पड़ेगा सर।”
“क्या मतलब?” एस.एस.पी. कुम्बारप्पा ने पूछा।
“स्टार फोर्स लोगों के दिलो-दिमाग पर हुकूमत कर रही है—आम आदमी की यह पक्की धारणा है कि राज्य में केवल वह होगा जो स्टार फोर्स चाहेगी—और मेरी पक्की धारणा ये है कि स्टार फोर्स को तब तक नेस्तनाबूद नहीं किया जा सकता जब तक लोगों के दिलो-दिमाग में बसी इस धारणा की धज्जियां नहीं उड़ा दी जातीं।”
“निश्चित रूप से तुम्हारी बात में दम है तेजस्वी।” एस.एस.पी. सिटी मिस्टर भारद्वाज ने कहा—“मगर इस बात का तुम्हारे काली बस्ती जाने से क्या संबंध?”
“जब लोगों को पता लगेगा कि एक अकेला पुलिस इंस्पेक्टर थारूपल्ला को खुलेआम चैलेंज देने के बाद न केवल काली बस्ती को पार करके उसकी मांद में जा घुसा बल्कि अपने स्पेशल रूल से उसकी चमड़ी उधेड़ने के बाद सुरक्षित वापस भी आ गया तो क्या लोगों के दिमाग में स्टार फोर्स की इमेज बरकरार रह पाएगी?”
“ल-लेकिन!” एस.पी. देहात मिस्टर पाण्डे के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं—“ऐसा हो नहीं सकेगा तेजस्वी।”
“क्यों सर, क्यों नहीं हो सकेगा?”
“नहीं तेजस्वी, हम तुम्हें आत्महत्या करने की इजाजत नहीं दे सकते।”
“आत्महत्या?”
“यह आत्महत्या नहीं तो और क्या है?” मिस्टर शांडियाल कहते चले गए—“झावेरी नदी के उस पार स्थित बस्ती का नाम काली बस्ती पड़ा ही इसलिए है क्योंकि दुनिया का ऐसा कोई काला धन्धा नहीं है जो वहां न होता हो—दो किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली उस बस्ती की आबादी बीस हजार के करीब है—अगर यह कहा जाए तो गलत न होगा कि काली बस्ती का बच्चा-बच्चा स्टार फोर्स का मैम्बर है—वहां पनप रहे काले धन्धों को रोकने की बात तो दूर, फोर्स घुस तक नहीं सकती—कई बार कोशिश की जा चुकी है—हर बार खून-खराबा हुआ—बस्ती के लोग और फोर्स के जवान मारे गए मगर थारूपल्ला की परछाई तक न पहुंचा जा सका—ब्लैक स्टार को ईश्वर और थारूपल्ला को उसका प्रतिनिधि मानते हैं वे—उसकी हिफाजत की खातिर जान तक देने में नहीं हिचकते और तुम … तुम यह कहना चाहते हो कि जहां अनेक बार प्रयास करने के बावजूद सशस्त्र फोर्स न घुस सकी वहीं अकेले …।”
“मैं यह करिश्मा करके दिखाऊंगा सर।”
“हरगिज नहीं।” चिदम्बरम बोला—“ये बेवकूफी करने की इजाजत किसी कीमत पर नहीं दी जा सकती—शायद तुम्हें मालूम नहीं, काली बस्ती के बच्चे-बच्चे पर न केवल अत्याधुनिक हथियार हैं बल्कि हैरतअंगेज तरीके से वे उनका इस्तेमाल भी करते हैं—हिंसक हैं वे—चौबीस घंटे मरने-मारने का ऐसा जुनून सवार रहता है कि … कि एक बार टैंकों की मदद से काली बस्ती पर हमला किया गया—औरतों ने अपने जिस्मों पर बम बांधे और मकान की छतों से टैंकों पर कूद पड़ीं—इस तरह चार महिलाओं ने अपनी जान देकर टैंक नष्ट कर डाले।”
एस.पी. पाण्डे ने कहा—“काली बस्ती को उजाड़ डालने के मिशन पर गई सैनिक टुकड़ी के एक ऐसे भाग्यशाली सैनिक से मेरी बातें हुईं जो आज तक जीवित है—उसने बताया, सैनिक टुकड़ी पर एक छोटे से मकान से भारी बम वर्षा की गई—कई सैनिक मारे गए मगर अंततः टुकड़ी ने मकान पर कब्जा कर लिया—मौजूद लोगों को कवर कर लिया गया—उनमें एक आठ वर्षीय लड़की भी थी, बच्ची समझकर उसकी तरफ से खास सतर्क न रहा गया—अफसर के नजदीक पहुंचते ही उस बच्ची ने बिजली की-सी फुर्ती के साथ स्कर्ट के नीचे से भारी रिवॉल्वर निकाली और दनादन फायर करके अफसर के चिथड़े उड़ा दिए।”
“फ-फिर क्या हुआ?”
“होना क्या था … सैनिकों की गनें गरजीं, बच्ची की क्षत-विक्षत लाश जमीन पर गिरी मगर वहीं खड़े उसके मां-बाप और दादा के होंठों पर ऐसी मुस्कान थी जैसे बच्ची के कारनामे पर उन्हें गर्व हो।”
“उफ्फ!” भारद्वाज के मुंह से स्वतः शब्द निकले—“ऐसा जुनून?”
“ऐसे ही जुनूनियों के कारण थारूपल्ला आज तक सुरक्षित है—काली बस्ती के बीचों-बीच स्थित दो-मंजिले मकान में रहता है वह—स्टार फोर्स के वर्दीधारी बस्ती के चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं, थारूपल्ला के नजदीक पहुंचना उतना ही कठिन है जितना सूरज पर पहुंचना।”
“मेरा दावा है।” चिदम्बरम कह उठा—“अगर थारूपल्ला ने यह कहा है कि बस्ती में दाखिल होने के बाद ग्यारहवें कदम पर तेजस्वी की लाश पड़ी होगी तो सचमुच ग्यारहवें कदम पर तुम्हारी लाश ही पड़ी होगी तेजस्वी।”
“अगर मैं मरने से डरता तो आपने मेरी नियुक्ति प्रतापगढ़ थाने पर न की होती सर।”
“वो बात अपनी जगह ठीक है मगर हम जानबूझकर तुम्हें मौत के मुंह में नहीं धकेल सकते।” कुम्बारप्पा ने कहा—“स्टार फोर्स को कुचल डालने की सारी उम्मीदें तुम पर टिकी हैं, तुम्हीं न रहे तो मंसूबे बिखर जाएंगे।”
“अगर मुझे इसी तरह रोका जाता रहा तो मेरे जीवित रहने से क्या होगा सर, क्या इस तरह आपके मंसूबे परवान चढ़ सकेंगे?”
“समझने की कोशिश करो तेजस्वी।” शांडियाल थोड़े झुंझला उठे—“कोई और रास्ता निकालो—जोश का नहीं होश का रास्ता।”
“मुझे जोश जरूर आता है सर, मगर होश कभी नहीं गंवाता मैं।”
“क्या वहां जाने की जिद्द का होश से कोई संबंध है?”
“अगर ध्यान से मेरी बात सुनें तो पाएंगे कि मेरा फैसला जोश में नहीं बल्कि होश में और केवल होश में किया गया फैसला है।”
“वह कैसे?”
“या तो मुझे स्टार फोर्स से उलझने का हुक्म न दिया गया होता—और मैं थारूपल्ला से उलझा ही न होता, मगर जब उलझ चुका हूं तो मुझे कोई कदम उठाने से रोका नहीं जाना चाहिए—थाने में मेरे द्वारा थारूपल्ला को दी गई शिकस्त के बाद स्थिति इस दौर में पहुंच चुकी है कि स्टार फोर्स या मुझ में से एक का ही अस्तित्व रह सकता है—थारूपल्ला के मुताबिक ब्लैक स्टार अपना पिछला आदेश वापस लेकर नया आदेश जारी कर चुका है—नये आदेश के मुताबिक उसने दस दिन के अंदर मेरी लाश मांगी है—जाहिर है, उसके आदेश को पूरा करने के लिए स्टार फोर्स एड़ी-चोटी का जोर लगा देगी—मैं गलत तो नहीं कह रहा सर?”
शांडियाल का गंभीर स्वर—“नहीं।”
“मतलब ये कि मुझ पर हमला किया जाएगा—पहला हमला नाकाम होने पर दूसरा, तीसरा, चौथा और पांचवां … यानि उस वक्त तक प्रयास किए जाते रहेंगे जब तक मैं मर नहीं जाता।”
“करेक्ट।”
“इन हमलों से कब तक बचा रह सकता हूं मैं?”
“कहना क्या चाहते हो?”
“सीधी-सी बात है—अगर मरना ही है तो अपनी शक्ति उनके हमलों से बचने के प्रयास में क्यों गंवाई जाए—पलटकर हमला ही क्यों न कर दिया जाए—मर गया तो गम नहीं क्योंकि मरना तो पहली सूरत में था ही, लेकिन अगर जीवित रह गया तो दुश्मन की रीढ़ की हड्डी तोड़ चुका होऊंगा।”
“रीढ़ की हड्डी?”
“काली बस्ती को पार करके थारूपल्ला तक पहुंच जाना स्टार फोर्स की रीढ़ तोड़ डालने से कम नहीं होगा सर।”
“म-मगर तुम समझ क्यों नहीं रहे तेजस्वी, यह काम नहीं हो सकता।”
“होगा सर, यह काम जरूर होगा।” तेजस्वी के दांत भिंच गए, चेहरे के जर्रे-जर्रे से आत्मविश्वास टपक रहा था—“थारूपल्ला तक पहुंचने के लिए अनेक बार जो प्रयास किए गए, वे शक्ति के बूते पर किए गए थे, बुद्धि के बूते पर नहीं—इसलिए नाकाम हो गए, मगर मैं दिमाग का इस्तेमाल करूंगा, ठीक उसी तरह जैसे थाने में किया था—मुझे पूरा विश्वास है, इस बार भी सफलता मेरे कदम चूमेगी—अपना काम पूरा करके तेजस्वी को लोग काली बस्ती से बाहर निकलता देखेंगे और इस काम में आपको मेरी मदद करनी होगी।”
“हमें?” शांडियाल चौंके।
“जी हां!” तेजस्वी ने कहा—“मैं एकान्त में आपसे कुछ बातें करना चाहता हूं।”
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