RE: hot Sex Kahani वर्दी वाला गुण्डा
“अच्छे-अच्छे सूरमा डर जाते हैं इंस्पेक्टर, शायद तुमने मौत को कभी नजदीक से नहीं देखा?”
“डरने वाले मूर्ख होते हैं, समझदार जानते हैं कि मौत से कोई चाहे जितना भाग ले मगर अंततः वह उसे दबोच ही लेगी—जो इस हकीकत की गहराई में उतर जाते हैं उन्हें मौत से डर नहीं लगता ब्लैक स्टार।” दांतों-पर-दांत जमाए तेजस्वी कहता चला गया—उसे ब्लैक स्टार से इस लहजे में बात करता देखकर थारूपल्ला की आंखों में आश्चर्य का समुद्र उमड़ आया था—तेजस्वी को इस तरह देख रहा था वह जैसे हाड़-मास के बने इंसान को नहीं, मिस्र के पिरामिडों को देख रहा हो—उसके जीवन में आया सबसे हैरतअंगेज शख्स कहता चला जा रहा था—“आपका यह कहना गलत है कि मैंने मौत को नजदीक से नहीं देखा, जितने नजदीक से मौत को मैं इस वक्त देख रहा हूं, मेरा दावा है—इतने नजदीक से कभी आप ने भी नहीं देखा होगा।”
“क्या कहना चाहते हो?”
“क्या मेरे और मौत के बीच केवल आपकी चुटकी का फासला नहीं है? क्या थारूपल्ला इस वक्त मौत बनकर मेरी बगल में नहीं खड़ा है? क्या मौत को किसी ने इससे ज्यादा नजदीक से देखा होगा?”
“गुड! तुम ठीक कह रहे हो।”
तेजस्वी को लगा, ब्लैक स्टार प्रभावित हो रहा है—हौसला बढ़ा, दुगने जोश के साथ कहा उसने—“अगर आप इसे अपनी शान में गुस्ताखी न समझें तो मैं बताना चाहता हूं कि बुद्धिमान शख्स अपनी नहीं बल्कि अपने प्रियजनों की मौत से डरता है—उनके मरने से डरता है जिनसे वह मुहब्बत करता हो, जिन्हें टूट-टूटकर चाहता हो—मेरे बूढ़े मां-बाप, मुझे भगवान की तरह पूजने वाली पत्नी और … और मेरे हंसते-खेलते दो खिलौने, मेरे बेटे … जब मौत उन सभी को लील गई तो मैं … मैं भला मौत से क्यों डरने लगा?”
“भावुकता की दीमक विवेक को चाट डालती है इंस्पेक्टर!”
“मगर इंसान के इरादों को चट्टान की तरह अडिग बना देती है।”
“गुड! क्या पूछना चाहते थे तुम?”
मारे सफलता के तेजस्वी झूम उठा।
ब्लैक स्टार अपने सवाल का जवाब पाने से पूर्व उसके सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हो चुका था, खुशी को दबाए रखकर उसने गंभीर स्वर में पूछा—“आपको यह भनक कहां से, कैसे और किससे लगी कि मेरा असली उद्देश्य स्टार फोर्स को नेस्तनाबूद करना नहीं बल्कि कुछ और है?”
ब्लैक स्टार चौंक पड़ा—“तुम्हें कैसे मालूम कि हमें पहले से भनक थी?”
“अपनी योग्यताओं के बूते पर मालूम किया।” तेजस्वी के होंठों पर रहस्यमय मुस्कान थिरक रही थी।
“जवाब दो इंस्पेक्टर।” मानो सांप फुंफकारा—“किसने बताया तुम्हें?”
तेजस्वी ने थारूपल्ला की तरफ देखते हुए चटखारा लिया—“आपके मेजर ने।”
“नहीं!” अविश्वसनीय स्वर—“वह तुम्हें क्यों बताने लगा?”
“पूछने वाले में ‘गट्स’ होने चाहिएं सर, सामने वाला वह सब बता बैठता है जो उसे नहीं बताना चाहिए।” तेजस्वी एक-एक शब्द को नाप-तोलकर बोल रहा था—“मैंने थोड़ा-सा जोश दिलाया—यह सिद्ध करने का नाटक किया कि मेरे दिमाग के सामने आप भी फेल हैं और वह भड़क गया, मुझे आपके मुकाबले बौना साबित करने के फेर में वह सब बक गया जो वास्तव में उसे नहीं बकना चाहिए था।”
“ऐसी बचकानी चालों में होशियार आदमी नहीं फंस सकता, बेवकूफ ही फंसते हैं।”
तेजस्वी ने जबरदस्त रहस्यमय मुस्कान के साथ कहा—“आप अपने आदमियों को बेहतर जानते होंगे।”
दूसरी तरफ सन्नाटा छा गया—जाहिर था, थारूपल्ला पर गुस्सा आ रहा था उसे—इधर तेजस्वी अपनी कामयाबी पर झूम रहा था—उसका पहला उद्देश्य ब्लैक स्टार के दिमाग में थारूपल्ला की अहमियत कम करना था, वह कामयाब था—बगल में खड़ा थारूपल्ला यह तक न जान सका कि तेजस्वी ब्लैक स्टार के जहन में उसके खिलाफ जहर भर चुका है।
जान भी कैसे सकता था?
ब्लैक स्टार की आवाज तो सुन नहीं सकता था वह और तेजस्वी ने ऐसा कुछ कहा न था जिससे इल्म होता कि ब्लैक स्टार उसके बारे में क्या कह रहा है?
काफी लम्बी खामोशी के बाद ब्लैक स्टार ने कहा—“अगर तुम सचमुच एक कर्मठ, मेहनती, जुझारू, कत्र्तव्यनिष्ठ और ईमानदार पुलिस इंस्पेक्टर होते तो इकबाल की रिक्वेस्ट पर उसे चुपचाप न छोड़ देते।”
“क-क्या मतलब?” अब बुरी तरह उछल पड़ने की बारी तेजस्वी की थी।
“एक ईमानदार इंस्पेक्टर किसी की हत्या का षड्यंत्र रचने वाले को इस तरह चुपचाप नहीं छोड़ सकता जैसे तुमने इकबाल को इस शर्त पर छोड़ दिया कि हवालात से सीधा फिल्म नगरी चला जाएगा—इकबाल ने ब्लैक फोर्स से बाकायदा सलमा को फंसाने का सौदा किया था, वह सब तुमने जान लिया, मगर न हकीकत अपने अफसरों को बताई न कोर्ट को—हमें उसी समय इल्म हो गया था कि वास्तव में तुम वह नहीं हो जो नजर आ रहे हो।”
“अ-आपको यह भनक कहां से लग गई?”
“कोई तो ऐसी बात होगी ‘इंस्पेक्टर’, जिसके बूते पर हम यहां—श्रीगंगा में बैठकर—वहां हुकूमत कर रहे हैं जहां तुम इस वक्त नियुक्त हो—पल-पल की खबर रखनी पड़ती है हमें।”
तेजस्वी के मुंह से शब्द न फूट सके।
“हमारे ख्याल से अब हम तुम्हारा उद्देश्य जानने के अधिकारी हैं?”
“निःसंदेह सर। परंतु …”
“परंतु?”
“मुझे आपकी और अपनी इस वार्ता से किसी व्यक्ति विशेष के दिमागी स्तर का ज्ञान हो गया है।” इस बार फिर तेजस्वी हर शब्द को नाप-तौलकर बोल रहा था—“और मेरा जो उद्देश्य है, मेरे ख्याल से वह उस स्तर के दिमागी व्यक्ति के जानने योग्य हरगिज नहीं है—रहस्य फूट सकता है और विश्वास रखिए, अगर एक बार किसी ‘हल्के’ शख्स को मेरे उद्देश्य की भनक लग गई तो सात जन्म लेने के बावजूद अपने लक्ष्य को नहीं बेंध पाऊंगा।”
ब्लैक स्टार ने कहा—“थारूपल्ला की बात कर रहे हो न?”
“जी।”
“हम उसे कमरे से बाहर जाने का हुक्म दिए देते हैं।”
“वह खुद को अपमानित महसूस करेगा।”
“फिर?”
तेजस्वी ने ऐसा नाटक किया जैसे सोच रहा हो और फिर इस तरह बोला जैसे तरकीब दिमाग में आ गई हो—“मुमकिन है, कोई ट्रांसमीटर की ‘फ्रीक्वेंसी’ को कैच करके हमारी बातें सुन रहा हो—अतः मैं अपने उद्देश्य के बारे में आपको ऐसे सांकेतिक अंदाज में बताता हूं कि सुनने के बावजूद आपके अलावा कोई न समझ पाए।”
“बताओ!”
“किसी भी व्यक्ति को अपने परिवार की मौत के ‘असली जिम्मेदार’ को नहीं छोड़ना चाहिए।”
“ग-गुड!” ये शब्द ब्लैक स्टार के मुंह से मानो स्वतः फूट पड़े थे—“तुम्हारे विचार सुनकर हमें खुशी हुई इंस्पेक्टर और अगर यह कहा जाए तो गलत न होगा कि तुम्हारे उद्देश्य की हल्की-हल्की रूपरेखा हम समझ रहे थे—निश्चित रूप से तुममें अपने लक्ष्य को बेंध डालने की कूव्वत है—लक्ष्य हमारा भी वही था मगर ऐसा आदमी न मिल रहा था जिसमें उतनी आग हो जो उस लक्ष्य को जलाकर खाक कर सके।”
“मैं प्रस्तुत हूं लेकिन---”
“लेकिन?”
“मेरे और आपके बीच कम-से-कम एक मुलाकात आवश्यक है क्योंकि न तो ट्रांसमीटर पर उतनी लम्बी वार्ता संभव है न ही सुरक्षित—मुलाकात का अवसर दें तो खुद को सौभाग्यशाली समझूंगा।”
“ठीक है, अगले हफ्ते आज ही के दिन ‘जंगल’ में मिलते हैं।”
“मैं कैसे पहुंचूंगा?”
“स्टार फोर्स पहुंचाएगी।”
“मेरी छवि खराब नहीं होनी चाहिए।”
“और निखरेगी।”
“उसके लिए जरूरी है, लोगों की नजरों में मैं यहां जो कुछ करने आया था, उसे पूरा करके लौटूं।”
“रिसीवर थारूपल्ला को दो।”
“ओ.के. सर!” आंखों में जुगनू और होंठों पर कामयाबी की मदमस्त मुस्कान लिए तेजस्वी ने हैडफोन और माइक थारूपल्ला की तरफ बढ़ा दिए—उस थारूपल्ला की तरफ जिसके सामने उसके खिलाफ मुकम्मल खिचड़ी पक चुकी थी मगर वह यह तक न जान सका कि आग कब जली?
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