RE: Kamukta Story प्यास बुझाई नौकर से
रूबी अपनी दुनियां में खोई हुई रामू के हरेक हमले का मजा लेती रहती है। अब रामू अपने एक हाथ से रूबी की चूत को रगड़ने की कोशिश करता है। रूबी इस हमले से हड़बड़ा जाती और अपनी जांघे टाइट कर लेती है। राम का हाथ बार-बार हमला करता है रूबी की जांघे खुलवाने के लिए। उधर रामू उसके उभारों को पागलों की तरह चूस रहा था। उसके उभार रामू के थूक से चमक रहे थे।
रूबी का विरोध धीरे-धीरे कम होने लगता है और राम का हाथ लेगिंग के ऊपर से चूत को रगड़ के हाथ का स्पर्श पाकर रूबी की चूत पानी छोड़ने लगती है। रामू धीरे-धीरे चूत रगड़ने की स्पीड बढ़ा देता है। रूबी उसके हाथ की मूटमेंट के साथ-साथ अपने चूतर हिलाने शुरू कर देती है। उसकी इस हरकत से रामू को लगता है की रूबी उसके कंट्रोल में आ गई है और वो उसकी चूत के दीदार कर सकता है। यही सोचते हुए रामू उसकी लेगिंग की लाइन को पकड़कर नीचे खींचना शुरू कर देता है।
रूबी समझती है की शायद राम उसको भोगने की फिराक में है, और इसलिए उसे नंगी करने की कोशिश कर रहा है। वो रामू का हाथ पकड़ लेती है। दोनों की नजरें मिलती हैं, और रूबी ना में अपना सिर हिला देती है।
रामू रिक्वेस्ट करता है। पर रूबी उसको अपन वादा याद दिला देती है।
रूबी- देखो राम तुमने वादा किया था की मेरी मर्जी के वगैर नहीं करोगे।
रामू- पर हम आपको भोगने नहीं लगे थे।
रूबी- नहीं रामू मम्मीजी बाहर हैं। मैं नहीं चाहती कोई इश्यू खड़ा हो।
रामू- मेरी जान अपनी तरफ देखो। तुम्हारा दिल चरमसुख पाने को नहीं कर रहा क्या?
रूबी- वो बात नहीं है। पर प्लीज लेगिंग मत उतारो।
राम अधूरे मन से लेगिंग छोड़ देता है, और कहता है- “ठीक है मैं आपकी लेगिंग नहीं उतारूगा और ना ही आपको आपकी मर्जी के बिना भोगूंगा। पर इसके इलावा मैं जो चाहूं मुझे करने देना.."
रूबी उसपे विश्वाश करती है और आँखें बंद कर लेती है।
रामू फिर से अपने हाथ से रूबी की चूत रगड़ने लगता है, तो उसे अपनी उंगलियों पे गीला-गीला महसूस होता है। वो समझ जाता है की रूबी की चूत पानी छोड़ रही है और आग में झुलस रही है। रामू की उंगलियां रूबी की चूत पे जादू कर रही थी, और रूबी के चूतर उनके साथ डान्स कर रहे थे। उधर रूबी आहें भरने लगती है। रामू आगे बढ़कर रूबी के होंठों पे अपने होंठ रख देता है और अपने हाथ को लेगिंग के अंदर डाल देता है और तब उसे पता चलता है की रूबी की चूत बलों से भारी है। रामू उसके होंठ छोड़कर फिर से उभार चूसना शुरू कर देता है। उसका हाथ रूबी की चूत के रेशमी बालों से खेलने लगता है, और फिर उंगलियां चूत की दीवार से खेलने लगती हैं। रूबी की सांसें तेज हो जाती हैं। वो अपनी कमर को और तेज हिलाने लगती है। वो अपने चरमसुख की ओर बढ़ने लगती है।
रूबी- “आहह... उफफ्फ... ओफफ्फ... रामू मेरी जान... मार डालोगे क्या?"
रूबी तेजी से अपनी चूत की दीवार को अपने चूतर हिला-हिलाकर राम की उंगली से रगड़ती है, और उसकी उंगली के चूत में प्रवेश के लिए तड़पने लगती है। पर वो ज्यादा देर इस इंतेजार को सहन नहीं कर पाती और उसकी चूत पानी छोड़ देती है। रूबी अपनी आँखें बंद कर लेती है और अपने आर्गेज्म को एंजाय करती है। रूबी धीरे-धीरे ठंडी पड़ने लगती है।
रामू यह सब देखकर अचंभित हो जाता है। रूबी तो इस खेल में बिल्कुल अनाड़ी निकली थी। रामू रूबी की सांसें नार्मल होने की इंतेजार करता है। कछ देर बाद रूबी अपने आँखें खोलती है तो पाती है की राम उसकी तरफ ही देख रहा था। रूबी उसके चेहरे पे चुंबनों की बरसात कर देती है। उधर रामू भी खुश होता है की रूबी को चरम आनंद का एहसास हो गया था, और वो भी उसे चूमने लगता है। अभी रामू अगले कदम के बारे में सोच ही रहा होता है की बाहर मुख्य दरवाजे के खुलने की आवाज आती है।
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