झट पट शादी और सुहागरात
02-19-2021, 07:59 AM,
#7
अंतरंग हमसफ़र भाग 02
अंतरंग हमसफ़र भाग 02

अंतरंग हमसफ़र मेरे दोस्त, दीपक कुमार के जीवन की पहली हमसफर रोज़ी के साथ पहले सम्भोग की कहानी हैंl कहानी में उसके सुन्दर सेक्स जीवन का एक विवरण पेश करने की कोशिश की गयी हैंl पढ़िए, उसकी कहानी उसी की जुबानीl

दोस्तों मैं दीपक, आपने मेरी कहानी 'अंतरंग हमसफ़र-1' में पढ़ा, मैंने अपने फूफेरे भाई बॉब को एक लड़की के साथ अंतरंग हालात में देखाl

अब आगे-

बिस्तर पर दोनों को इस तरह से अंतरंग हालात में देखकर मैं इतना चकित हो गया कि, मैं दरवाजे पर खड़ा उन्हें तब तक देखता रहा, जब तक कि बॉब ने हिलना बंद नहीं कर दियाl उसके बाद बॉब कुछ देर शांत होकर उस खूबसूरत लड़की के ऊपर ही लेट गया और उसे चूमने लगा, फिर उसेने ख़ुद को लड़की से दूर कर लियाl

वह उठा, उसकी पीठ मेरी तरफ थी, जबकि, वह सुन्दर खूबसूरत अधनंगी लड़की अभी भी अपनी आँखें बंद करके लेटी हुई थीl उसका पेटीकोट और कमीज ऊपर की और था, जिससे उसके बड़े-बड़े सुडौल स्तन मुझे ललचा रहे थेl लड़की का बदन, इतना सुन्दर, खूबसूरत, और आकर्षक उत्तेजक होता है, ये मुझे उस दिन ही पता चला था।

उस लड़की की टाँगे खुली हुई थीl वह हिली, और उसने अपनी जाँघों को अलग कियाl मेरी आँखे उसके सुन्दर गोर सुडौल बदन को टकटकी लगा कर देखने लगी, और मैंने उसके गोल सफेद सपाट पेट का मुआयना कियाl लड़की के नीचे के हिस्से और दोनों जाँघों के बीच की जगह को गहरे काले घुँघराले बालों ने छुपाया हुआ था।

मैंने ऐसा अकसर लड़कों से सुना था, लेकिन पहले कभी नहीं देखा थाl मैंने काले घुंघराले बालों के ताले के बीच छीपी हुई योनि की पहली झलक देखी। उसकी जाँघों के खुलने से मैंने घुंघराले बालों के बीच छीपी हुई उस शानदार गुफा, जो की एक गर्म-गर्म भट्ठे की तरह थीl उसके बीच के चीरे के आसपास दो मोटे और रसीले होंठों के बीच थोड़ा-सी खुली हुई थीl योनि मे से थोड़ा-सा सफेद दिखने वाला झाग निकल रहा थाl

मैंने जो कुछ देखा उससे अजीब-सी भावनाएँ, मुझ में जग गई थींl

मैं उस खूबसूरत नज़ारे को और पास से देखने के लिए बिस्तर की ओर आगे बढ़ा। जिस क्षण मेरे क़दम की आवाज़ को सुना गया, उस लड़की ने ख़ुद को बेडकवर के नीचे छुपा लियाl बॉब पलटा और मुझे मिलने आया, और मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर मुझे बिस्तर तक ले गया, और कहा, -मेरे भाई दीपक तुमने क्या देखा है? आप कितने समय से कमरे में हैं? "

मैंने उसे बताया कि मैंने उनके पूरे पराक्रम और प्रदर्शन को देखा है।

जब तुमने सब देख ही लिया है, तो फिर केसी शर्म, कहते हुए बॉब ने उस लड़की का कवर उतार कर फेंक दियाl लड़की अपने स्तनों को एक हाथ से, तथा दुसरे हाथ से अपने चेहरे को छिपाने की नाकाम कोशिश करने लगी, और मैं उस खूबसूरती के मुजस्मे को घूरता ही रहाl मेरा हाथ अनायास ही मेरे लंड पर चला गया, जो की मुझे कड़ा होता हुआ महसूस हुआl

बाब ने लड़की को बैठे हुए मुद्रा में उठाते हुए, एक हाथ उसकी कमर पर लपेटते हुए कहा-" दीपक भाई!, क्या तुमने कभी किसी लड़की के संग का आनंद लिया है?

मैंने कहा "नहीं कभी नहीं"l

तो बॉब बोला तुमसे बातें करते हुए, मुझे कुछअंदाजा तो था, के तुम इस मामले में बिलकुल अनारी होl

तुमने एक सुंदर लड़की को बांहों में लेकर प्यार करने से प्राप्त होने के लिए सुख का स्वाद कभी नहीं लिया हैंl तुम्हें नहीं पता इस आनंद के आगे दुनिया के सभी सुख और आनंद फीके हैंl तुम ये भी नहीं जानते, कि एक खूबसूरत लड़की की बाहो में खो जाना उसे हासिल कर लेना, उसे प्यार करना, और उसका प्यार पाने के प्रलोभन का विरोध कर पाना, एक पुरुष के लिए कितना कठिन हैl पुरुष अपनी पूरी शक्ति और साधन का उपयोग करके, एक खूबसूरत स्त्री को हासिल करने के लिए अपना सब कुछ भी दाव पर लगा देता हैl इस शारीरिक भूख को रोक सकने की शक्ति बहुत कम लोगों में होती हैl

फिर उस लड़की का हाथ पकड़ कर चूमते हुआ बॉब बोला-ऐसा कौन है, जो ऐसी सुंदर, प्यारी, और आकर्षक हुस्न की मालकिन हसीना को इनकार कर सकता हैl मैं क्या चीज हूँl इन्होंने मुझे कल रात अपने कक्ष में मुझे आमंत्रित किया था, लेकिन मैं इंतज़ार नहीं कर सकाl मैंने आज ही इसे अपने कक्ष में आमंत्रित कर इनके शिष्टाचार का जवाब दिया, जो इन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया, और ये सब उसी का नतीजा हैl "

वह खूबसूरत हसीना जिसे मैंने पहले बार बेपर्दा देखा था, वह रूबी थी l बॉब ने मुझ से पूछा "क्यों भाई ये बहुत आकर्षक और खूबसूरत है न?"

तो मैंने उत्तर दिया, "हाँ, बेशक, ये बहुत ही सुन्दर और आकर्षक है"l लिंगों के संयोजन से प्राप्त सुखों को प्राप्त करने की इच्छा महसूस करते हुए, मैंने अपने हाथ रूबी के नंगे घुटने पर रखे, जो अभी भी बिस्तर के किनारे पर बैठी थीl उसके कपड़े उसकी योनी और जाँघों को छुपाने की असफल कोशिश कर रहे थेl उसने अपनी क़मीज़ के नीचे खिसका दिया था, जो अपने नीचे उस खूबसूरत योनि की छुपाये हुई थीl

मेरे हाथ धीरे-धीरे उसकी रस भरी योनि की और बढ़ने लगा और मैं धीरे-धीरे रूबी को अपनी और खींचने लगाl

वही पता नहीं मुझे क्या हुआ के अनायास ही मेरे हाथ रूबी के घुटनों पर चले गए, और उसकी योनि की और बढ़ने लगे, लेकिन बॉब ने मुझे रोकते हुए कहा, "मुझे माफ़ कर दो, मेरे भाई, लेकिन रूबी फिलहाल मेरी हैl कम से कम वर्तमान के लिए, लेकिन जैसा कि मैं देख रहा हूँ, कि आप प्रेम की देवी के रहस्यों में ख़ुद को डूबा देने के लिए उत्सुक हैं, तैयार हैंl मुझे लगता है कि रूबी की मदद से मैं आपको रात के लिए एक साथी खोजने में सक्षम हो सकता हूँl उसने रूबी की तरफ़ देखते हुए कहा क्या हम मेरे भाई के लिए एक साथी नहीं ढूँढ सकते?"

तो रूबी वहाँ एकदम से कूद कर अपने पैरो पर खड़ी हो गयी और मुसकुराते हुए बोली, बहुत बढ़िया "हम, महाशय दीपक को मेरी छोटी बहन रोज़ी से मिला देते हैं, और मुझे यक़ीन है कि मेरे ख़ुद की तुलना में रोज़ी बहुत सुंदर लड़की हैl कुमार दीपक, रोज़ी आपको बहुत अच्छी लगेगीl उसकी मुझ से बड़ी सुडौल और गोरे गोरी स्तन हैं"l उसने फुसफुसाते हुए मेरे फूफेरे भाई बॉब के कानों में कुछ कहाl

तो बॉब ने मुझे बधाई देते हुए कहा :मेरे भाई तुम बहुत क़िस्मत वाले हो तुम्हें बहुत बधाई!, अभी मुझे रूबी ने बताया है, तुम्हारी पहली साथी भी तुम्हारी तरह ही कुंवारी हैl मुझे रूबी ने भी मुबारक दी और अपनी गोल सफेद गोलाइयों की जोड़ी को कवर किया कहा, जिन्हे मैं अपनी आँखों से लालच से खा रहा था। "मुझे यक़ीन है, जब हम उसे आज रात लाएंगे तो आप रोज़ी से मिल कर प्रसन्न होंगे", रूबी बोलीl

तो मुझ से बॉब ने पूछा "तुम चुदाई के बारे में क्या जानते हो?" तो मेरा जवाब सुन कर वह बो बोला "तुम्हें बहुत कुछ सिखाना पड़ेगा", और बोला "रूबी मेरी मदद करो दीपक को कुछ सेक्स सीखा देते हैं"l

बॉब बोला तो दीपक, तुम अब ठीक से चुदाई देख और सीख लोl

बॉब रूबी को किस करने लगा और उसके और अपने सारे कपडे उतार डालेl बॉब उसके बूब्स दबाने लगा, और रूबी उसके खड़े लण्ड को सहलाते हुए अपनी चूत पर घिसने लग गयीl

और फिर बॉब अपना लण्ड रूबी की चूत में घुसा कर दनादन धक्के लगाने लग गयाl फिर एक दो आसान बदले और कुछ देर बाद झड़ गया। उसके बाद, रूबी ने मुझ से वादा किया, कि वह रात को अपनी बहन को मेरे कमरे में ले आएगी, तो मैंने भी वादा किया, कि मैं भी उसका और बॉब का राज गुप्त रखूँगा, और जो मैंने देखा था उसका किसी से भी कोई जि़क्र नहीं करूंगाl मैं उन्हें वही छोड़ कर अपने कमरे की और जाने लगाl

बॉब रूबी के कान में कुछ फुसफुसाया और रूबी अपने कपडे उठा कर भाग गयी, और जाते हुए बोली रात के खाने के बाद मैं रोज़ी को ले कर आती हूँl बाद में बॉब ने मुझे सेक्स के बारे में कुछ और हिदायतें दी और सफ़ाई करने की जरूरी हिदायतें दीl उसके बाद मैं अपने कमरे में आ गया और नहा धो कर सफ़ाई कर के जल्दी-जल्दी रात का खाना खायाl

रात को जल्दी से अपने कमरे में जाकर मैंने एक घंटा इंतज़ार के बुखार में बितायाl फिर रूबी मेरे कमरे में आयी और मुझ से बोली "आप कुछ देर के लिए अपने भाई बॉब के कमरे में चले जाओ, तब तक मैं आपका कमरा तैयार कर देती हूँl इतनी देर में रोज़ी भी आ जायेगी, फिर जब मैं बुलाऊंगी आप आ जाना"l
लगभग आधे घंटे बाद में रूबी मेरे पास आयी और मुझे मेरे कमरे में ले गयी वहां कमरे का नजारा बदला हुआ थाl बिस्तर फूलों से सजा हुआ थाl मेरे अंदर आते ही रूबी की बहन रोजी कमरे में दाखिल हुईl मैंने रोजी की तरफ हाथ बढ़ाया रोजी एक सबसे खूबसूरत लड़की थीl रोजी ने एक दुल्हन की गुलाबी पोशाक पहन रखी थीl

मैं रोजी को एकटक देखता रहा और जिस पल वह कमरे में दाखिल हुई और दरवाजा बंद किया गयाl मैं आगे की ओर बढ़ गया, उसे अपनी बांहों में पकड़ लिया, और उसे एक सोफे पर ले गया, जहां मैं बैठ गया और उसे अपनी तरफ खींच लियाl रोजी ने एक दुल्हन की पोशाक में अपना चेहरा नक़ाब से ढक रखा थाl मैंने उसका हाथ पकड़ कर चूमा और अपनी जेब से एक अंगूठी निकाल कर उसे तोहफ़े के तौर पर दी, और उसे कहा ये हमारे पहले मिलन की निशानी के तौर पर तोहफा कबूल करो, मेरी रोज! उसने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया और मैंने उसे अंगूठी पहना दीl

मैंने उसका नक़ाब हटाया और उसका खूबसूरत चेहरा देखकर मुझसे रुका न गया, और उसके होंठ चूमने लगाl मैंने वों रुमाल जो उसके स्तनों को ढक रहा था, उसके पिन को खोला, तो उसके बड़े गोल सुडौल उरोज मेरे सामने उजागर हो गएl मैं उसके स्तन चूमते हुए अपनी बांहों में फिर से उसे कस कर जकड़ लियाl मेरी निष्ठुरता और कुछ हद तक, अपने आप को मेरे आलिंगन से मुक्त करने के लिए रोजी संघर्ष करने लगी, और बोली प्लीज मुझे छोड़ दोl तब उस कमरे में मौजूद रूबी जिसे मैं लगभग भूल ही चूका था वह बोलीl

कुमार!! रोजी इससे पहले किसी पुरुष के साथ अंतरंग नहीं हुई है, और कुंवारी है, इसलिए आपको थोड़ी गंवार या अनारी लग सकती हैl लेकिन आपके साथ रहने के लिए बहुत इच्छुक और उत्साहित है, और वों आपको जरूर खुश करेगी, ऐसा मेरा यकीन हैl मुझे पक्का भरोसा है, वह आपकी सारी इच्छाएं पूरी करेगीl आप दोनों बहुत मजे करोगेl ये उसका पहली बार है, इसलिए थोड़ा आराम से और प्यार से कीजियेl

क्यों मेरी बहन रोजी क्या ऐसा नहीं है,?

जिस पर रोजी ने एकदम से जवाब दिया, "ओह! हां," दीदी, और मेरी छाती में अपना चेहरा छिपा लियाl कसम से, उसकी इस अदा पै, मैं एकदम फ़िदा हो गयाl उसका चेहरा ऊपर कर उसके माथे पर एक किस कियाl उसे अपनी छाती से लगा लिया, और बोला "मेरी जान! घबराओ मत अब आराम से करूंगाl. क्या करूँ तुम्हें देख कर मुझ से रुका ही नहीं जा रहा"l

रूबी ने मुझे बताया, चूंकि शराब जोश और हिम्मत को बढाती है, प्रेम की उत्तेजना को भी बढाती है, वह बोली वह मेरे लिए कुछ शराब ले कर आती हैl मैंने कहा रूबी तुम चिंता मत करो शराब हर कमरे में उपलब्ध है, क्योंकि मेरे पिताजी और फूफा सब शराब के शौकीन हैl

फिर वों रोजी से बोली. "कुमार को अच्छे से खुश करो मेरी बहन और उन्हें अच्छी शराब जितनी वों पी सके, उतनी पिलाओ और उनकी सब बात मानो"l फिर वह गयी और एक ट्रे में कुछ शराब के बोतल, केक नमकीन कुछ फल मिठाई इत्यादि ले आयीl मेरे पास आ कर, दो गिलासों में शराब डाल कर, मुझे एक छोटी बोतल देते हुए बोली मेरे कान में फुसफुसाई, "आप रोजी को शराब में इस ख़ास देसी दवा की कुछ बूंदे डाल दें और आपके गिलास में भी मैंने कुछ बूँद डाल दी है इससे आपका आनंद बढ़ जाएगाl फिर मजे करिये", और शुभ रात्रि बोल कर वह दरवाजा बंद कर चली गयीl

जब रूबी चली गयी, तो मैंने अंदर से दरवाजा बंद कर दिया, फिर एक टेबल को बिस्तर का पास खींचा, और रोजी को बिस्तर पर ले गयाl उसके पास बैठ कर, मैंने पहले बिना रोजी के साथ कोई स्वतंत्रता लिए,आगे धीरे- धीरे आगे बढ़ने का फैसला किया, और अपने सभी प्रयास आराम से करने का प्रयास कियाl मैं उसकी प्रशंसा करने लगा मैं उसे कहा,"तुम मुझे बहुत अच्छी लगीl तुम बहुत अच्छी हो!"

तो उसने शर्माते हुए पुछा, "आप को मुझ में क्या अच्छा लगा?", तो मैंने कहा, "तुम्हारे रस भरे ओंठ, मन करता है, बस इन्हें चूसता रहूँl"

वह बोली तो फिर किसने रोका है और मेरे ओंठों पर उसने अपने ओंठ रख दिए, और मैंने उसके रस भरे ओंठों पर चुम्बन कर दियाl ऐसे ही उसकी तारीफ करता रहा, और उसका पूरा चेहरा, गाल, नाक, माथा, और आँखे, धीरे-धीरे सब चूमते-चूमते चाट गयाl

कहानी जारी रहेगीl
आपका दीपकl



Reply


Messages In This Thread
अंतरंग हमसफ़र भाग 02 - by aamirhydkhan - 02-19-2021, 07:59 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  A Fresh Perspective on Indian Live Sex and Live Porn India desiaks 0 12,448 03-13-2024, 01:53 PM
Last Post: desiaks
  Saali Adhi Gharwali - 2 ratanraj2301 1 13,354 03-12-2024, 11:57 AM
Last Post: volohan
Bug Jannath Ke Hoor's sashi_bond 0 3,213 02-29-2024, 12:54 PM
Last Post: sashi_bond
  महारानी देवरानी aamirhydkhan 211 325,676 12-20-2023, 03:29 AM
Last Post: aamirhydkhan
  गुलाबो Peacelover 19 29,169 12-04-2023, 06:42 PM
Last Post: Peacelover
Exclamation Meri sagi mom ki chudai-1 (How I became Incest) gotakaabhilash 6 44,460 12-02-2023, 01:36 PM
Last Post: gotakaabhilash
  दीदी को चुदवाया Ranu 101 526,713 11-27-2023, 01:13 AM
Last Post: Ranu
  Sach me Saali adhi Gharwali - Part 1 ratanraj2301 0 7,103 11-22-2023, 09:58 PM
Last Post: ratanraj2301
  Maa ka khayal Takecareofmeplease 25 231,577 11-08-2023, 01:58 PM
Last Post: peltat
  FFM sex series Part 1 सपना Popcorn 4 9,838 11-08-2023, 12:16 AM
Last Post: Popcorn



Users browsing this thread: 1 Guest(s)