Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
02-23-2021, 12:02 PM,
#8
RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ
जब वो मुझसे सट कर बैठी… तो मैं अपनी फीलिंग नहीं बता सकता.. कि कितना अच्छा लग रहा था। उसकी दोनों चूचियों को मैं महसूस कर रहा था और बीच-बीच में ब्रेक मार-मार कर उसके आमों के दबने का मजा ले रहा था। लेकिन वो भी कुछ बोल नहीं रही थी। मैं समझ गया कि वो भी मज़े ले रही है। जब उसका कुछ काम था.. जो कि नहीं हुआ.. शायद उसे कोई फॉर्म भरना था जो वो नहीं भर पाई।
मैं - क्या हुआ?
दीप्ति - नहीं भर पा रहा है।
मैं- कोई बात नहीं.. मैं भर दूँगा रात में दिन में सरवर बिज़ी रहता है.. रात को भरने से हो जाएगा।
दीप्ति - ओके.. भर देना ना.. प्लीज़..
मैं - ओके और कुछ काम है या.. घर चलें..
दीप्ति- हाँ यार थोड़ी शॉपिंग करनी है.. चलोगे..?
मैं- चलो..
हम दोनों एक मॉल में गए और वो कपड़े पसंद करने लगी। मैं भी साथ था मैं हमेशा वैसे कपड़े उसको दिखा कर पूछ रहा था.. जो ज्यादा खुला हो या छोटा हो।
दीप्ति - तुम्हें ऐसे बेकार कपड़े ही पसंद आ रहे हैं.. ये सब भी पहनने की ड्रेस है.. जिसको पहनने के बाद भी नंगे होने का अहसास होता रहे।
मैं - अरे नहीं.. मेरा मतलब ये नहीं था.. बहुत सी लड़कियाँ इस तरह के कपड़े पहनती हैं और वो खूबसूरत लगती हैं। वैसे भी लड़कियाँ इतनी खूबसूरत होती हैं उन्हें थोड़ा हम लड़के भी देख लेंगे.. तो कौन सा उसका कुछ कम हो जाएगा.. लेकिन हम बेचारे लड़कों को थोड़ा तो मजा आ ही जाएगा।
दीप्ति - हाहाहा हा हा हा हा.. तुम लड़कों को और काम ही क्या है लड़कियों को देखने के अलावा।
मैं- और करना ही क्या है हम लोगों को?
कुछ देर बाद उसने कुछ कपड़े ले लिए तो मैंने भी एक कपड़ा जैसे कांता को लाकर दिए थे.. उससे बहुत छोटे-छोटे कपड़े थे.. जो थोड़े पारदर्शी भी थे.. उन्हें ले कर पैक करवा लिए और उसको देते हुए कहा - ये मेरी तरफ़ से.. एक खूबसूरत लड़की के लिए खूबसूरत सा ड्रेस!
दीप्ति - मैं नहीं पहनती ऐसे कपड़े..
मैं- तो मैं कौन सा अभी इसे पहनने को बोल रहा हूँ.. इसको रख लो.. जब तुम अकेली होओ.. तब इसको पहन कर देखना… बहुत ही खूबसूरत लगोगी, अगर नहीं लगी तो फेंक देना।
दीप्ति- नहीं यार.. मैं नहीं ले सकती इसको।
मैं - ओके नो प्राब्लम..
मैंने उसको पैकेट को डस्टबिन में फेंकने लगा।
दीप्ति- ओके बाबा.. लाओ.. रख लेती हूँ।
मैं - ओके मुझे बहुत ज़ोर से भूख लगी है कुछ खाएं?
दीप्ति - हाँ मुझे भी भूख लग रही है.. चलो किसी होटल में चलते हैं।
मैं- ओके..
हम दोनों एक होटल में गए और उसको ऑर्डर करने बोला।
दीप्ति - क्या खाओगे?
मैं - तुम जो खिला दो।
दीप्ति - तुम्हारे लिए भी मैं ही ऑर्डर कर दूँ?
मैं- हाँ.. तो उसने खाना ऑर्डर कर दिया।
दीप्ति- सो.. बताओ तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड है?
मैं - क्यों दिल आ गया है क्या मुझ पर?
दीप्ति - अरे नहीं.. वैसे ही पूछ रही हूँ..
मैं - नो.. अभी तो नहीं है.. शायद जल्दी ही बन जाए।
दीप्ति - बन जाए मतलब.. किसी पर ट्राई कर रहे हो क्या?
मैं - हाँ तुम पर इतनी देर से..
वो हँसी.. हँसी मतलब फंसी।
दीप्ति - अरे नहीं..
मैं- तुम्हारा कोई ब्वॉय-फ्रेंड है क्या?
दीप्ति - नहीं..
मैं- तब तो मेरा लाइन क्लियर है।
दीप्ति - हा हा हा हा हा हा.. अच्छा बताओ.. तुमको कैसी लड़की पसंद है?
मैं- तुम्हारे जैसी..
दीप्ति - हा हा हाहहाहा सो फन्नी.. सच बताओ न..
मैं- खूबसूरत हो.. फेस और दिल दोनों से.. मुझसे प्यार करती हो और क्या..? और तुमको कैसा लड़का पसन्द है?
दीप्ति - तुम्हारे जैसा हाहहह हहाहा.
मैं- सच.. ऐसा मत बोलो यार.. मेरा दिल बाहर निकल कर आ जाएगा।
दीप्ति- अरे नहीं..
मैं - मतलब मैं पसंद नहीं हूँ.. बदसूरत हूँ घटिया.. बोरिंग हूँ?
दीप्ति - अरे नहीं बाबा.. ऐसा मैंने कब कहा?
मैं- तो क्या पसंद हूँ.. हाँ या नहीं में बोलो यार.. कन्फ्यूज़ मत करो..
दीप्ति - हाहहाहा हा हहा तुम पागल हो.. बिल्कुल पागल..
मैं - हा हा हा हा… ठीक है पागलखाने चला जाता हूँ।
दीप्ति- हा हा हा हा यू आर सो फन्नी
मैं- थैंक्स..
दीप्ति- तुम्हें लड़कियों को छोटे कपड़ों में देखना पसंद है क्या?
मैं - अरे नहीं.. मुझे तो लड़की सब से ज्यादा सेक्सी साड़ी में लगती है.. बॅकलैस ब्लाउज हो.. तब तो सोने पर सुहागा लगता है।
दीप्ति- बैकलैस ब्लाउज क्यों?
मैं - क्योंकि इसमें खूबसूरती और भी ज्यादा दिखती है।
दीप्ति- ओह्ह.. आई सी..
मैं - यॅप..
कुछ देर बात करने के बाद हम घर चल दिए और रास्ते भर मजा लेते रहे.. मैंने उसको घर ड्रॉप कर दिया।
दीप्ति- थैंक्स.. आज पूरा दिन तुम्हारे साथ बहुत मजा आया।
मैं- माय प्लेजर.. जब भी ज़रूरत पड़े मुझे याद कर लेना.. आपका ये ड्राइवर हाज़िर हो जाएगा।
दीप्ति- ओके.. सो.. आज शाम को क्या कर रहे हो?
मैं- कोई ख़ास प्लान नहीं है.. क्यों कोई बात है क्या?
दीप्ति- मेरी एक फ्रेंड की बर्थडे पार्टी है.. अगर तुम फ्री हो तो लेकर चलते.. तो पूछा।
मैं- नो प्राब्लम आ जाऊँगा हनी..
दीप्ति- घर में भी बोल देना.. रात को यहीं रुक जाओगे.. क्योंकि फॉर्म भी तो भरना है.. लास्ट डेट में सिर्फ़ 2 दिन बचे हैं।
मैं- ओके.. अब मैं जाऊँ?
दीप्ति- ओके बाइ.. जल्दी आ जाना।
मैं- ओके..
शाम को जब मैं पहुँचा तो उसके पापा और मम्मी कहीं जा रहे थे तो मैंने पूछा- क्या बात है.. बेटा आया तो आप लोग भाग रहे हैं?
‘अरे नहीं बेटा एक रिश्तेदार के यहाँ शादी है, 4-5 दिन के लिए जाना पड़ेगा..’
‘तो स्टेशन छोड़ दूँ क्या?’
‘हाँ छोड़ दो..’
मैं और जय दोनों मिल कर उनको स्टेशन छोड़ आए।
जय- कुछ हुआ?
मैं - जल्दी हो जाएगा।
जय - साले मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है अब तुम मेरी बहन के साथ घूम रहे हो और मैं अपने लौड़े को हाथ से हिला रहा हूँ।
मैं - कोशिश कर रहा हूँ.. जल्दी ही पट जाएगी।
जय - ओके जल्दी कर.. नहीं तो मैं तेरे घर चला जाऊँगा।
मैं- तुम मेरे लिए इतना काम किए हो तो मैं भी तुम्हारे लिए कुछ करता हूँ।
जय - क्या भाई?
मैं - तुम कांता से फोन पर बात कर सकते हो।
जय - थैंक्स मेरे भाई।
मैं - अब घर चल तेरी बहन मेरा इंतज़ार कर रही होगी।
हम दोनों घर वापस आ गए और मैंने उससे बोला- देख, दीप्ति रेडी हो गई हो तो चलते हैं।
मेरी आवाज सुन कर तो वो बाहर आई तब उसने पारदर्शी गुलाबी साड़ी पहनी थी ब्लाउज भी खुले गले का और जिससे चूचियों की लाइन दिख रही थी.. नीचे नाभि से चार उंगली नीचे साड़ी को बाँध रखी थी। जिससे उसका पेट तो दिख ही रहा था.. साथ में नाभि तो और भी सेक्सी लग रही थी।
मेरे पास आई तो पीछे भी दिख गया.. मेरी आँखें खुली की खुली ही रह गईं।
उसने सचमुच बैकलैस ब्लाउज पहना था.. पीछे सिर्फ़ दो डोरियाँ थीं जो ब्लाउज को बाँध रखे थीं.. नहीं तो पीछे का पूरा भाग गर्दन से बुरड़ों के उभार तक नंगी थी। उसे देख कर तो मेरा लंड खड़ा हो गया.. मेरा क्या जय का भी हो गया होगा। वो इतनी सेक्सी लग ही रही थी कि किसी का भी खड़ा हो जाए.. और मैं ये सोच कर मन ही मन खुश हो रहा था कि ये तो पट गई। अब क्योंकि मैं जिस ड्रेस के बारे में उसको दिन में बोला था वो वैसी ही ड्रेस पहने हुई थी.. मतलब अपना काम बन गया भाई।
दीप्ति मुस्कुराती हुई बोली- चलें?
मैं- हाँ चलो..
वो बाइक पर पीछे बैठ गई..
‘ठीक से बैठ गई ना?’
दीप्ति- हाँ..
मैंने गाड़ी आगे बढ़ा दी.. तो वो मुझसे एकदम चिपक कर बैठी थी।
मैं- थैंक्स..
दीप्ति- क्यों?
मैं- मेरे पसंद की ड्रेस पहने के लिए..
दीप्ति- तुम मेरे लिए इतना किए हो तो क्या मैं इतना भी नहीं कर सकती थी..
मैं- आज तुम बहुत ही सेक्सी लग रही हो।
दीप्ति- क्या?
मैं- एकदम हॉट और सेक्सी आइटम लग रही हो.. पार्टी में हर कोई तुमको ही देखेगा.. बेचारी बर्थडे गर्ल फीकी पड़ जाएगी।
दीप्ति- ऊऊओहू ऊओहो.. तारीफ कर रहे हो या फ्लर्टिंग?
मैं- तुम जो समझ लो।
कुछ दूर चलने के बाद बारिश शुरू हो गई.. तो मैंने जानबूझ कर जंगल वाला रास्ता चुना कि बारिश में फंसे तो जंगल में ही तो कुछ करने का ज्यादा चान्स मिलेगा और शायद मेरी किस्मत को भी यही मंजूर था। अभी हम लोग आधे जंगल ही पहुँचे होंगे कि बारिश तेज होने लगी। सो हम एक पेड़ के नीचे रुकने के लिए भागे.. लेकिन तब तक हम भीग चुके थे और भीगने के कारण कपड़े उसके बदन से चिपक गए थे.. जिससे वो और भी सेक्सी लग रही थी।
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RE: Bhai Bahan Sex Kahani भाई-बहन वाली कहानियाँ - by desiaks - 02-23-2021, 12:02 PM

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