RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 14
सूबह जब उठा तो चाची उठ चुकी थी और किचन में थी, चाचा भी आ चुके थे और ब्रेक फस्ट के लिए रेडी थे, दोनों डायनिंग टेबल पर थे, में भी फ्रेश हो कर ब्रेक फस्ट के लिए बैठा और देखा तो चाची ने गाउन पहना था जो की चाची कभी नहीं पहनती थी और अंदर कुछ नहीं पहनने से सब कुछ दिख रहा था फिर में उठकर किचन में गया, तो चाचा चाची से बोले “शिला, डार्लिंग यह गाउन कैसा पहना है, प्लीज चेंज करो. बहोत गन्दा लग रहा हे और, रेशु भी तुम्हे देख रहा था जवान लड़का हे कुछ ख्याल करो”. चाची भी शर्मिंदा थी और चाची ने शर्म से निचे देख कर कहा की वो अभी चेंज कर देगी “अब आपको लेट हो रहा होगा, प्लीज आप जाइये”. और चाचा निकल गए और जैसे ही में बाहर आया तो चाची, डाइनिंग टेबल पर से उठ रही थी और वो जैसे ही उठी तो दर्द के मारे उठ नहीं पायी और गिरने जैसे हो गयी और उसने टेबल पकड़ा और चाची का दूसरा हाथ मैंने पकड़ लिया और पूछा “चाची, आप ठीक तो है ना? और जोर से चाची ने मुझे थप्पड़ मरा और ग़ुस्से में मेरी और देखने लगी और में शर्म से निचे देख रहा था और चाची ने कहा “यह कैसी हालत मेरी कर के रख दी हे? ‘मेरे से चला भी नहीं जा रहा और तेरे चाचा के सामने मुझे ठीक होने का नाटक करना पड़ा और चाचा मुझे सिखा रहे हे की क्या पहनना चाहिए और क्या नही..?? वो बोले जा रही थी और मैंने चाची को अपनी बाँहों में भर लिया और चाची को सटा के उनके लिप्स मेरे मुँह में ले लिए और किस करने लगा, चाचीने पहले तो रेसिस्ट किया पर फिर ओ कोऑपरेट करने लागि, और मस्त लिप्स चुसते हुए मैंने चाची को डाइनिंग टेबल पर लीटा दिया और लिप्स चुस्ने लगा, मस्त तीन मिनट तक चुस्ने के बाद मैंने चाची से अपने लिप्स को अलग किया, वो तो किस करना छोड़ना नहीं चाहती थी, और मैंने चाची से स्माइल के साथ कहा “सॉरी..चाचि? और स्माइल दि, तो सामने से चाची ने भी कुछ न कहते हुए मेरे लिप्स को पकड़ के फिर से किस करने लगी..
कोमल दीदी की चुदाई
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फ़्रेंड्स, जैसे की मैंने पहले इंट्रोडक्शन में बताया था की मेरी बड़ी चाची का कोई बेटा नहीं सिर्फ एक बेटी हे, जो मुझसे तीन साल बड़ी हे, उन्हें में कोमल दीदी कहता हू. वो भी अपनी माँ की तरह ही बड़ी सुन्दर हे. वो अहमदाबाद में ही रहती हे, पर सिटी से दूर उन्होंने एक बंगलो बनाया हे, वहॉ रहने से वो अक्सर उनसे मुलाकात नहीं होती थी. वैसे भी उनसे मेरी इतनी खास पटती नहीं थी, वो मुझसे कुछ खास बात या कुछ शेयर नहीं करती थी. बात तब की हे, जब मेरे बड़े चाचा और बड़ी चाची अमरनाथ की यात्रा के लिए गए थे और २० दिनों के बाद सब तीरत घूम के आनेवाले थे में अब घर में अकेला था उनको गए 17 दिन हुए थे और मुझे चाची की याद आ रही थी और इतने में उनका कॉल आया
मैं- “हैलो..
चाची-“हाँ रेशु कैसे हो?
मैं-“ठीक हूँ पर आपके बगैर मन नहीं लगता.
चाची- “अच्छा.. अभी तो तीन दिन निकलने हे.. अच्छा सुणो मैंने इसीलिए कॉल किया हे की कल हमारे एक रिलेटिव की शादी हे और में और तुम्हारे चाचा नहीं आ सकेंगे, तो तुम हो कर आना”. तुम्हारी कोमल दीदी भी वहा होगी और तुम्हारी छोटी चाची भी आयेगी, उसके रिलेशन में कोई शादी हे”.
मैं- “अच्छा ठीक हे, मेरे माँ डैड आनेवाले हे?
चाची- “नहीं मेरी उनसे बात हो गयी हे, तुम हो आओगे तो उन्हें आना नहीं पड़ेगा, तो तुम टाइप पर पहुँच जाना.
मैं- “ठीक ओर फिर कॉल काट दिया और में कोमल दीदी के बारे में सोचने लगा, लेकिन उन पर हाथ नहीं मार सकता था क्यूँकि उनसे कोई धारदार रिलेशन नहीं था इसीलिए में कल का इंतज़ार करने लगा. दूसरे दिन सुबह होते हि, घर में अकेला होने से बार हो रहा था तो मैंने सोचा की क्यों न कहीं थिएटर में ब्लू फिल्म देखि जाये तो में एक थिएटर में पहुँच गया और मूवी मस्त एन्जॉय करने लगा. मूवी शाम को ५.३० को जैसे ही फिनिश हुई तो में फ़टाफ़ट निकला की कहीं शादी में देर न हो जाये और मैंने अपनी पल्सर स्टार्ट की और सट से निकला, जैसे ही मैंने बाइक थिएटर के गेट से निकाल के रोड पर ली की कहीं से एक रिक्षावाला आ गया और मेरी उससे टक्कर हो गयी, और जैसे ही टक्कर हुई मेरे से रहा नहीं गया और मेरे मुँह से गाली निकल गयी बहनचोद..!! और बाद में मेरी नज़र पड़ी तो रिक्षा में एक लड़की बैठी थी और उसको देखते ही मेरी फट गयी, वो मेरी कोमल दीदी थी, मैंने फ़टाफ़ट बाइक स्टार्ट की और वहॉ से भाग गया. बाइक इतनी तेज़ चल रही थी पर मेरे पसीने छूट रहे थे. मैं शादी की बजाये एक जगह बाइक खड़ी कर के आराम से सोचने लगा की अब क्या किया जाए, इतने में मेरी मम्मी और छोटी चाची का कॉल आया की कहा हो तुम और में फ़टाफ़ट शादी में पहुंच गया
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