RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 15
मुझे यहाँ कोई फ़िक्र नहीं थी क्यूँकि यहाँ इतने लोगो के सामने वो मुझसे जवाब तलब नहीं करेंगी, क्यूँकि जो खुद कम बोलती हो वो ऐसे माहौल में कोई सीन नहीं क्रिएट कर सकती और में अंदर जा कर सबसे मिला. खास कर के छोटी चाची से, उनसे मेरी अच्छी बनती थी. वो भी बड़ी चाची की तरह मुझसे बातें करती थी और तक़रीबन सारी बातें शेयर भी करती थी. मैं उन्ही के पास जा कर बैठा पर वो मेरी दीदी के साथ ही बैठी थी, पर मैंने पर्वा नहीं की और चाची के पास जा कर मैंने चाची के पाँव छुये, दीदी ने भी देखा और में भी दीखाना चाहता था की में कितना ओबेडिएंट हू, लेकिन चाची ने कहा छोटीचाची : “आरे रेशु, अभी तू बड़ा हो गया हे, और तू ऐसे सबके सामने पाँव छू कर मुझे बूढ़ी साबित क्यों कर रहा हे? अभी तेरी और मेरी उमर में कोई जनरेशन ग्याप तो नहीं हे. बड़ा तो हो गया हे पर पता नहीं कब बड़ा होगा?
दीदी : “चाची.. अब यह साहब बहुत बड़े हो गए हे और कुछ ज्यादा ही इनको अकल आ गयी हे”.दीदी के ताने पर मैंने उनकी और देखा, तो वो भी मेरी और देखि तो मुझे अपनी नज़रें झुका लेनी पडी, लेकिन मेरे मन में यह ख्याल आ रहा था की दीदी शादी के बाद कुछ खूल सी गयी हे, कहीं वो चाची को सब बता ना दे. इसिलिये मैंने चाची को बातों में उलझाए रखा, इतने में मेरी दूर की कजिन मेरी दीदी को दुल्हन से मिलवाने ले गयी और चाची भी अपने रिलेटिव्स से मिलने चलि गयी, में भी अब थक चुका था इसीलिए खाने के डिपार्टमेंट में जाकर खाना खाने लगा. मैं दीदी के ही बारे में सोच रहा था की अगर किसी तरह दीदी को समझा दिया जाये तो बात बन जाए. लेकिन कैसे वो प्रश्न था थोडी देर पेटपूजा करने के बाद, में फिर से वही जगह पर आया और दीदी और चाची को ढूँढा तो वो दोनों मिलने पर कुछ परेशान सी नज़र आई और दीदी थोड़ी सी ज्यादा.मैने उनके पास जा कर उनसे पूछ, मैं- “क्या बात हे चाची? कुछ हुआ क्या?चाची- “आरे कुछ नही, तेरे जीजाजी आनेवाले थे इस फंक्शन पे पर उनको कुछ काम आ गया तो वो आ नहीं पाएँगे,.. “तो रेशु तुम एक काम करो, दीदी को अपने साथ अपने घर ले जाओ, फिर कल सुबह दीदी अपने घर चलि जाएगी.
मैं- “ठीक हे, चाची” जैसे ही मैंने कहा की ठीक हे तो दीदी ने तिरछी और ग़ुस्सैल नज़रों से देखा और मैंने जानबूझ कर दीदी को स्माइल किया.
चाची- “हाँ कोमल, यही ठीक हे. देखो आज तो मुझे यहीं पर रुकना पड़ेगा और फिर कल सुबह ही गाँव भी जल्द जाना हे,.”तो तुम रेशु के साथ चली जाओ”. दीदी भी बाद में मान गयी और वो लोग डिनर पर चले गयी, में वहीँ पर बैठा था और मैरिज में आई लड़कीओ को देख रहा था वो दोनों डिनर कर रही थी और तक़रीबन एक घंटे के बाद आई और चाची ने कहा
छोटी चाची :- “रेशु, दीदी को लेकर घर जाओ और कल दीदी को उसके घर भी छोड़ देना”.
मैं- “ठीक हे चाची”, कहकर में और दीदी बाहर निकले, मैंने अपनी बाइक निकाली और स्टार्ट करके दीदी के पास आया तो दीदी बाइक पर आराम से बैठ गयी. मैंने भी आराम से बाइक चलाने लगा, मन हो रहा था की दीदी से कुछ बात करू पर हिम्मत नहीं हो रही थी, थोड़ी ही देर में हम घर पहुंचे और जैसे ही हम पहुँचनेवाले थे की बारिश स्टार्ट हो गयी और हम भिगने लगे, और थैंक्स टू बारिश दीदी ने मुझसे बात की और कहा
दीदी : “रेशु, प्लीज जल्दी करो”.मैने भी स्पीड बढाई और दो ही मिनट में हम घर पहुंचे और दीदी फ़टाफ़ट से दौड कर बारामदे में आ गयी, में बाइक ठीक से लगा के वहीँ पहुंचा और फ़टाफ़ट से दरवाजा खोला और दीदी झट से अंदर आ गयी, मैंने बहुत चाहा पर हमारे कपडे गीले हो गए थे और दीदी उस बात से परेशान सी लगी. मुझे दीदी से बात करने में परेशानी सी हो रही थी पर फिर मैंने सोचा की जब तक बात नहीं करुँगा तब तक दीदी से थोड़ा सा मूटाव जारी रहेगा फिर मैंने दीदी से कहा “दीदि, आप प्लीज चेंज कर लीजिये” दिदिने कहा “लेकिन.. मेरे पास चेंज करने को कपडे नहीं है? दीदी ने थोड़े से शॉक में कहा “आप आंटी के कपडे ट्राई कर के देखिये” में ठीक सुझाव दिया “लेकिन माँ के पास साड़ीज के अलावा कुछ नहीं होगा”? “आप देख लीजिये अगर आप को सूटेबल हो तो पहन लीजिये” मैंने फिर से कहा दीदी फिर चाची के रूम में गयी और आधे घंटे के बाद दीदी ने चाची की एक साडी पहनी और बाहर आयी. दीदी ने चाची की डार्क ब्लू साड़ी पहनी थी और बाय गॉड मस्त लग रही थी. साडी में वो बिलकुल .ससुराल गेंदा फूल की सुहाना(रागिनी खन्ना). की तरह लग रही थी, बस थोड़ा सा स्वाभाव में चेंज था वो टोटली फ्रैंक हे और दीदी थोड़ी सी रिजर्व. अब मुझे बेचैनी सी होने लगि, मुझे किसी भी तरह दीदी से बात करनी थी और दीदी मुझसे ज्यादा बात नहीं करना चाहती थी. वो मेरे पास वाले सोफ़े पर आ कर बैठी, में टीवी देख रहा था इतने में टीवी पर मर्डर आने लगी और मैंने वो चैनल चेंज नहीं की और देखने लगा और उसमे एक किस सिन स्टार्ट हो गया, दीदी नेमेरी और देखा और मैंने दीदी की और. मैने फट से दीदी से नजरें हटायी और रिमोट से चैनल चेंज कर दिया, तो जैसे बरसो से बंद ज्वालामुखी फट जाये वैसे दीदी ने कहा.”क्यूँ चेंज कर दिया..? तुझे तो अच्छा लगता हे ना यह सब देखना”..
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