RE: XXX Sex Stories डॉक्टर का फूल पारीवारिक धमाका
अपडेट 25
दीदी ..प्लीज्. और वो फिर से सोच रही थी. मैं भी सोच में पड़ गया पर दीदी ने इस बार मुझे पकड़ा और अपने से लगा लिया और मुझे पलटा के मेरे ऊपर आ गयी और मेरे कान में कहा
.जस्ट किडिंग.. कितने परेशान हो रहे हो..? कोई बात नहीं लेट्स स्टार्ट अगेन. और मुझे अब वो प्यासी औरत की तरह किस करने लगी और में भी खुश होते हुए रेस्पोंड करने लगा. और अब मैंने भी दीदी को पलटा दिया और बॉब्स दबाने लगा. फिर मैंने दीदी के बॉब्स चूसे और मस्त दबाने लगा, ओह क्या मस्त मस्त बॉब्स थे, पिंकिस कड़क निप्पल और क्रीमी बूब्स, बाय गॉड मेरा लंड अब और भी तन रहा था फिर दीदी ने अपना एक हाथ मेरे निचे ले जाते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया और में समझ गया की उनसे अब रहा नहीं जाता तो में भी उठ गया और दीदी के पास बैठ गया और दीदी मेरे लंड को सहलाने लागी, थोड़ी देर तक सहलाने के बाद मैंने उनके मुँह में ही लंड दाल दिया और वो भी इसी बात का इंतज़ार में थी उन्होंने भी मस्त इसे चूसना शुरु कर दिया और में भी फिर से इस नशे में खो रहा था मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था कभी इन्सेस्ट रिलेशन्स न मान ने वाला, आज अपनी ही चाची और बहन के साथ सेक्स कर रहा था पर एक बात तो सही हे, की आप किसी को पटा के उसके साथ सेक्स करें और अपने रिलेटिव जो आपको नजदीक से जानते हे, उसके साथ सेक्स करे उसमे बड़ा फर्क हे
दीदी अब कुछ सोचने के सिचुएशन में नहीं थी, और में अब कुछ सोचना नहीं चाहता था दीदी अब मस्ती से मेरे लंड को चूसे जा रही थी, और उन्हें मेरे दोनों लटकते बॉल्स को चूसने को भी बड़ा मज़ा आ रहा था में अपनी नीज पर बैठा था और दीदी के बालों को सहला रहा था फिर मैंने दीदी के मुँह पर प्रेशर देना शुरू किया और दीदी के मुँह को दोनों हाथों से पकड़ा और उसे चोदने लगा, और धीरे धीरे अपना लंड उनके गले के अंदर बाहर करने लगा, वाह्ह्, कितना मज़ा आ रहा था दीदी की हालत से भी यह लग रहा था की वो पहली बार माउथ फूकिंग कर रही हे, और मैंने भी पहली बार में शांति से काम लेना चाहा. मस्ती से आराम से में दीदी के थ्रोट में अपना लंड जाने देता था और बाहर ला रहा था वाओ येल्लो रौशनी में दीदी का क्रीमी बदन और रेड लिप्स, क्या कॉम्बिनेशन था बाय गॉड. फिर मैंने धीरे धीरे अपनी स्पीड बधाई और दीदी के मुँह को स्पीड में चोदने लगा, दीदी के मुँह में से आवाज़ें आ तो रही थी, पर वो प्लेसर की लग रही थी, दर्द की नही, फिर मैंने दीदी के मुँह में अपना लंड फसा ही दिया, और दीदी के सर को पकड़ के अपना लंड दीदी के गले में फसा दिया, और सर को ठीक अपने बॉल्स तक चिपका दि, अब जा के दीदी को तकलीफ होने लगी और वो अपने हाथ से दर्द बयान कर रही थी. दोस्तों आप को लग रहा होग, की इसमें क्या पर एक बार ९ इंच गले में चिपक जाये तो सांस भी नहीं ले पोओगे, वैसा ही हाल दीदी का था फिर मैंने दीदी को ज्यादा परेशान न करते हुए, दीदी के सर को आज़ाद किया लेकिन लंड पूरा बाहर निकाल दिया. दीदी जो की अब तक डॉगी स्टाइल में मेरा लंड चूस रही थी, वो अब सीधी बेड पर गिर पड़ी और मेरी और देखने लगी, और कहा
.”ओह माय गॉड रेशु”. तुम तो मेरी जान ही ले लेते, पता हे, में सांस नहीं ले पा रही थी.. फिर उन्होंने अपने सीने पर हाथ रक्खा और तीन चक्कर गहरी साँसे ली और फिर मेरी और मुस्कुरा के कहा
.”लेकिन रेशु..एक बात हे, मज़ा बड़ा आया”.. और वो मुस्कुरा पडी और उनकी मुस्कराहट से उनकी अंदरूनी ख़ुशी और सटिस्फैक्शन साफ़ झलक रहा था
फिर में भी उन्हें स्माइल दे कर बेड से निचे अपनी नीज पर बैठ गया और दीदी की दोनों टांगे पकड़ के दीदी को अपने पास खिंच लिया और फिर मैंने अपने दोनों हाथों से दीदी की कमर पकड़ी और दीदी को और भी अपने पास खिंचा और दीदी की पेन्टी में हाथ दाल कर दीदी की पेन्टी को उतार दिया और दीदी की चुत को देखने लगा. देखने के बाद मैंने अपने लिप्स उसके पास ले जा का उसे एक प्यार से किस दिया और फिर अपने हाथ से उसे सहलाने लगा, अपना हाथ चुत के ऊपर निचे फेरने लगा, और फिर से एक किस दि, क्या मस्त चुत थी, अभी भी गुलाबी थी, और टाइट भी. मैं बार बार उसे पहले तो किस करने लगा, और दीदी भी सीडक्शन फील कर रही थी. फिर मैंने अपनी जीभ से दीदी की चुत को निचे से ऊपर चाटा और अपनी जीभ फिरायी, और फिर फिर अपनी दो उँगलियों से दीदी की चुत को फ़ैलाया और खुलने के बाद मैंने अपनी जीभ से दीदी की चुत को चूसने लगा और अभी तो उनके चुत से हट्ने का मन नहीं हो रहा था क्या मज़ा आ रहा था क्या खुशबू थी बॉस, मज़ा आ गया. अब दीदी के चुत से फ्लूइड बहना शुरू हो गया था वो भी अब मदहोश हो रही थी और मेरे सर को अपनी चुत में और घूसा रही थी,
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