Desi Porn Stories आवारा सांड़
03-20-2021, 08:33 PM,
#45
RE: Desi Porn Stories आवारा सांड़
अपडेट-22

नीलेश—ये ऐसे नही बताएगी…इसको उठा के गाड़ी मे फार्म हाउस पर ले चलो…..कल सब को सबूत के साथ मालूम हो जाएगा कि ये धंधा करने वाली है.

शिल्पा (रोते हुए)—नहिी…मुझे छोड़ दो…मैं नही जानती…मुझे जाने दो

शिल्पा को उठा कर उसे जबरन गाड़ी मे डाल कर वहाँ से निकल गये......मैं अभी घूम ही रहा था गाओं मे कि कोई चूत कही मिल जाए
रगड़ने को कि तभी अनवर का मेसेज आ गया मेरे फोन पर.....उसको पढ़ते ही मेरा दिमाग़ झन झना गया.

अब आगे…….

शिल्पा को लेकर वो सब ठाकुर के फार्म हाउस मे बने बंग्लॉ मे आ गये…..वो बेचारी रास्ते भर उनलोगो से खुद को छोड़ देने की अनुनय
विनय करती रही किंतु उन वासना के भूखे भेड़ियो पर शिल्पा के रोने और उसकी विनती का कोई प्रभाव नही पड़ रहा था.

फार्म हाउस मे पहुच कर शिल्पा को उन्होने एक कमरे मे बिस्तर पर ले जाकर पटक दिया….बिना बैसाखी के सहारे के वो कही भागने मे भी असमर्थ थी…जिसे इन लोगो ने रास्ते मे ही उससे छीन कर फेंक दिया था.

शिल्पा (रोते हुए)—मैं सच कहती हूँ..मैं उसे नही जानती…कल मैने पहली बार ही कॉलेज मे उसको देखा था…मुझे जाने दो, मैने तुम लोगो
का क्या बिगाड़ा है….? मैं आपके हाथ जोड़ती हूँ ठाकुर साब मुझे जाने दीजिए….हम बहुत ग़रीब लोग हैं…मेरी माँ जीते जी मर जाएगी.

नीलेश—चुप..साली..छिनार…..पूरा गाओं हमारी प्रॉपर्टी है….तुम सब हमारे गुलाम हो….और गाओं की सभी लड़किया और औरते हमारी रखैल, समझी……तेरा गुनाह ये है कि तूने हमारी रखैल होते हुए भी मेरे दोस्तो को अपनी जवानी का रस पीने से रोका और उस कुत्ते को
मदद के लिए बुला लिया….आज तुझे बताउन्गा की रखैल किसको कहते हैं.

शिल्पा (ज़ोर ज़ोर से रोते हुए)—नही ठाकुर साब. ऐसा मत कीजिए मेरे साथ…..मैं किसी को मूह दिखाने के लायक नही रहूंगी मेरी इज़्ज़त
बर्बाद मत कीजिए…..मुझे जाने दो यहाँ से.

नीलेश—अच्छा…तुझे जाने दूं…चल ठीक है ….जा…तुझे छोड़ दिया…जा चली जा….कोई इसको मत पकड़ना, चल जा यहाँ से….चल भाग जल्दी

नीलेश की बात सुन कर शिल्पा के मन मे कुछ उम्मीद जागी…..वो दोनो हाथ जोड़ कर खिसकते हुए धीरे धीरे बिस्तर के किनारे तक आ कर किसी तरह खड़ी हुई और लंगड़ाते हुए आगे बढ़ने लगी.

लेकिन शिल्पा की ये उम्मीद भी जल्दी ही टूट गयी जब नीलेश ने अपने एक साथी की तरफ देख कर आँखो ही आँखो मे कुछ इशारा किया……नीलेश का इशारा समझते ही उसने जैसे ही शिल्पा उसके पास से गुजरने को हुई तो उसने उसके पैरो मे अपनी टाँग फँसा दी.

बेचारी धडाम से मूह के बल नीचे जा गिरी…..उसके होंठो से खून बहने लगा…फिर भी उसने किसी तरह खुद को संभाला और बड़ी मुश्किल
से एक पैर के सहारे खड़ी होकर जैसे ही आगे बढ़ने को हुई वैसे ही अगले वाले ने उसे धक्का मार दिया.

शिल्पा फिर से ज़मीन पर गिर गयी......उससे गिरते देख कर सभी ताली बजाते हुए ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे और उसके अपाहिज होने की
अवस्था का उपहास उड़ाने लगे.

शिल्पा ज़मीन मे लेटे हुए ही बुरी तरह से बिलख बिलख कर रोने लगी.....उसको अब ये भली भाँति समझ मे आ चुका था कि वो अब इन भेड़ियो के चंगुल से बच कर नही निकल सकती.

नीलेश—हाहहहाहा…….क्या हुआ, भाग ना…मैने तो तुझे भागने को कह दिया था….देख मेरा कोई आदमी भी तुझे नही पकड़ रहा है अब तो…….जा भाग, फिर कोशिश कर ले…..हाहहहाहा…..साली छिनार..तू क्या समझती है कि मैं हाथ मे आए शिकार को इतनी आसानी से
जाने दूँगा……तेरी आज से हर रात सुहागरात होगी…..हाहहहाहा…..ले जाओ पटक दो इसे बिस्तर पर…..आज लंगड़ी घोड़ी की सवारी का मज़ा लूट लिया जाए…हाहहाहा

शिल्पा (रोते हुए)—छोड़ दो मुझे…….मैं आप सब के हाथ जोड़ती हूँ.

एक गुंडा—छोड़ देंगे…छोड़ देंगे……बस एक बार हम सबको अपनी सवारी कर लेने दे….फिर जहाँ चाहे चली जाना हाहहाहा

2न्ड गुंडा—लंगड़ी है पर है बहुत कड़क माल यार....क्या चुचिया है…और गान्ड तो देखो भोसड़ी की, पूरी बाहर को निकली आ रही है फूल
कर….बहुत मज़ा आएगा गुरु, इसकी गान्ड रगड़ने मे

नीलेश—रगड़ लेना…सब लोग जितना मन करे रगड़ लेना……अब ये हमारी पालतू कुतिया है…..पर पहले उस अलमारी से कुछ पीने के लिए लेकर आ और कुछ खाने को भी….और सुन वो इंजेक्षन लेते आना साथ मे.

शिल्पा (डरते हुए)—कककककैसा…इंजेक्षन..... ?

3र्ड गुंडा—डर मत तुझे कोई नुकसान नही होगा.....बस इस इंजेक्षन के असर से तेरे शरीर मे गर्मी चढ़ेगी और तू खुद हमसे खुद को रगड़ने
की भीख माँगेगी...तभी तो हम सब को दिखाएँगे कि तू धंधे वाली है...हाहहहाहा

शिल्पा (रोते हुए)—नहियिइ...ऐसा मत करो...मैं हाथ जोड़ती हूँ.

4त गुंडा—हाथ जोड़ने से कुछ नही होने वाला डार्लिंग......हां अगर तू अपने दोनो पैर खोल दे तो हम सोच सकते हैं.

अंदर से एक आदमी शराब की बॉटल्स और खाने का समान ले आया और दूसरा इंजेक्षन लेकर आ गया....नीलेश का इशारा मिलते ही दो लोगो ने शिल्पा को पकड़ लिया और ज़बरदस्ती उसकी बॉडी मे उस इंजेक्षन को इंजेक्ट कर दिया....वो रोती बिलखती रह गयी, किंतु उसकी
सुनने वाला यहाँ कोई नही था.

नीलेश—अब इसको कस के बाँध दो…..जब तक इस पर नशा चढ़ेगा तब तक हम अपना पीने का प्रोग्राम निपटा लेते हैं.

उन्होने शिल्पा के हाथ पैर मजबूती से बाँध दिए और सब एक साथ पीने बैठ गये…..पेग पर पेग बनने लगे….अब तक सभी नशे मे टल्ली हो चुके थे.

नीलेश—अब थोड़ा शराब के बाद शबाब का मज़ा भी ले लेते हैं…चलो रे इसके कपड़े उतारो.

शिल्पा के उपर हल्का हल्का नशा होने लगा था किंतु अब भी वो पूरी तरह से होश मे थी…..नीलेश और उसके साथियो को अपनी तरफ बढ़ते देख उसकी रूह काँप गयी लेकिन वो रोने के अलावा कर भी क्या सकती थी.

नीलेश अभी शिल्पा के उपर झुका ही था होंठो को चूमने के लिए कि तभी कमरे की खिड़की के टूटने की आवाज़ से सब का ध्यान शिल्पा पर से हट गया.

नीलेश—जा कर देख बे गान्डू…ये किसकी हरकत है…?

उसका एक आदमी देखने के लिए जैसे ही खिड़की के बाहर सर किया वैसे ही किसी ने उसके मूह पर जोरदार वार कर दिया…वो दर्द से चिल्लाते हुए उल्टा ज़मीन मे गिर पड़ा.

अपने साथी का ये हाल देख कर सभी चौकन्ने हो गये…..और शिल्पा को छोड़ कर अपने अपने हथियार खोजने लगे..तब तक वो शख्स भी जिसने उनके आदमी को मारा था, वो भी खिड़की से जंप कर के अंदर आ गया….जिसे देखते ही कुछ लोक चौंक गये तो शिल्पा के चेहरे पर आशा की एक किरण जगमगा उठी.

एक गुंडा (चिल्लाते हुए)—गुरु..यही है…..यही है वो लड़का, जिसने कल हमारे आदमियो को मारा था.

नीलेश—ऊओह….तो ये है…चलो अच्छा हुआ ये खुद ही हमारे पास आ गया…..जाओ पकड़ लो इस कुत्ते को भी और बाँध दो..पहले इसके
सामने ही इस लड़की का मज़ा लेंगे फिर इसके बलात्कार के केस मे इसको फँसाएँगे.

ये लड़का कोई और नही बल्कि राज ही था…..सब लोग तेज़ी से उसकी तरफ बढ़ने लगे…राज ने उनकी तरफ अपनी उंगली नचाते हुए वहीं रुकने का इशारा किया.

राज (चिल्लाते हुए)—जहाँ हो वही पर रुक जाओ

"कोई गान्डू गान्ड नही हिलाएगा"

नीलेश—तू जानता है कि तू किसके सामना खड़ा है…..मैं नीलेश ठाकुर हूँ..समझा..मेरे एक इशारे पर तू तो क्या तेरा पूरा खानदान कहाँ चला जाएगा तुझे पता भी नही चलेगा.

राज—सुन बे…लौन्डे नीलेश ठाकुर…..मैं राज हूँ राज…..जहाँ भी लंड खोल के मूत देता हूँ, वही पर तेरे जैसे डूस ठाकुर मेरे मूत की धार से पैदा हो जाते हैं, समझा भोसड़ी के.

नीलेश (गुस्से मे)—तेरी इतनी जुर्रत..कि तूने मुझे गाली दी....हमारे सामने तेरी औकात ही क्या है...जाओ रे मादरचोदो..मारो इस बहन च.......आआआआआआआअ

नीलेश जैसे ही गाली देने वाला था वैसे ही राज ने पास मे पड़ी शराब की बॉटल उठा कर उसके सर मे फेंक दी….नीलेश के सर से खून की धारा बहने लग गयी और वो अपना सर पकड़ के नीचे बैठ गया…..ये देख के बाकी सब तेज़ी से राज की तरफ बढ़े मारने के लिए लेकिन
राज फुर्ती दिखाते हुए पास मे रखी बॉटल उठा उठा कर उनके उपर तेज़ी से फेंकने लगा.

नीलेश के अलावा सिर्फ़ पाँच लोग थे ही…जिनमे से तीन बुरी तरह से घायल हो चुके थे….मगर तब तक बचे हुए दो लोग चाकू लेकर राज के पास पहुच गये.

शिल्पा (चिल्लाते हुए)—राज्ज्जज्ज्ज……तुम्हारे पीछे

राज का ध्यान अभी सामने की ओर था तीन लोगो पर…राज को जैसे ही अपने पास किसी के होने का आभास हुआ…शिल्पा की बात सुनते
ही वो जैसे ही पलटने को हुआ तभी दोनो ने चाकू का वार कर दिया जो सीधा राज की पीठ मे लगा.

लेकिन राज इस समय गुस्से मे था तो उतना ज़्यादा दर्द का एहसास नही हुआ..हालाँकि खून से उसकी शर्ट लाल होने लगी थी….राज ने पलट
कर तुरंत एक पंच उसके कान मे लगा दिया…और बिना घूमे ही दूसरे के मैन पॉइंट मे एक लात कस के जमा दी.

दोनो के दोनो दर्द से कराहते हुए नीचे लेट गये और तड़पने लगे…..मौका देख राज शिल्पा के पास पहुच गया और उसे खोलने लगा…तब
तक नीलेश किसी तरह खड़ा हो चुका था और अपनी रेवोल्वेर निकल कर राज के उपर फाइयर कर दिया.

लेकिन नीलेश को फाइयर करते शिल्पा ने देख लिया और उसने राज को ज़ोर से धक्का दे दिया….जिससे नीलेश का निशाना चूक गया और
गोली सामने मिरर मे जा लगी जिससे उसके टुकड़े टुकड़े हो गये.

नीलेश दुबारा फाइयर करने ही वाला था कि राज ने टेबल उठा कर उसके उपर फेंक दिया…रेवोल्वेर उसके हाथ से छिटक कर दूर जा गिरी….उसके सभी साथी अभी भी दर्द से तड़प रहे थे किसी मे भी फिर से राज के सामने जाने की हिम्मत नही थी.

नीलेश (दर्द मे)—मुझे छोड़ दे कमिने….तू भी जिंदा नही बचेगा……मेरा बाप और ठाकुर साब. तुझे छोड़ेंगे नही.

राज (गुस्से मे)—अभी भी अकड़ रहा है, रुक मादरचोद ठाकुर….अभी बताता हूँ मैं क्या बला हूँ….

नीलेश के नीचे गिरते ही राज गुस्से मे तिल मिलाता हुआ उसके पास पहुच गया और मुक्को की बरसात कर दी उसके चेहरे पर… इतने मे
भी जब उसका गुस्सा शांत नही हुआ तो उसने नीलेश की पॅंट फाड़ दी और उसको नीचे से नंगा कर दिया.

राज ने पास मे शराब से भरी बॉटल उठा कर उसकी गान्ड के छेद मे लगा के ज़ोर से लात मार मार के उस बॉटल को पूरा उसकी गान्ड मे
घुसा दिया….चेहरे के साथ साथ उसकी पूरी गान्ड खून से लहू लुहान हो गयी और दर्द से छ्ट पटाते हुए वही बेहोश हो गया.

राज (चिल्लाते हुए)—मैने कहा था ना भोसड़ी के कि…

"कोई गान्डू गान्ड नही हिलाएगा"

शिल्पा के उपर भी ड्रग्स का नशा अब हावी हो चुका था….राज किसी तरह से उसको बंधन मुक्त कर के बाहर लाया लेकिन खून ज़्यादा
बहने से वो अधिक दूर तक नही जा सका और वही गिर कर बेहोश हो गया.

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RE: Desi Porn Stories आवारा सांड़ - by desiaks - 03-20-2021, 08:33 PM
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