RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
अनूप को थोड़ा सा बुरा तो लगा लेकिन अपमान की जिस आग में वो खुद को जलता हुआ महसूस कर रहा था वो कहीं ज्यादा बड़ी थी। अनूप बोला:"
" भाई लेकिन कैसे होगा ये सब , कोई रास्ता तो बताओ मुझे,
नीरज:" देख भाई जब घी सीधी उंगली से ना निकले तो उंगली को टेढ़ा करना पड़ता हैं।
अनूप पहले से ही परेशान था इसलिए बौखलाते हुए बोला:"
" भाई जो भी कुछ कहना हैं साफ साफ़ कहो, पहेलियां मत बुझाओ।
नीरज ने उसे एक स्माइल दी और अपनी जेब से एक छोटी सी शीशी निकाली और बोला:"
" इस शीशी के अंदर वो दवा हैं जो किसी देवी समान औरत की आग को इतना भड़का सकती हैं कि वो रण्डी बनने पर मजूबर हो जाएगी, तुम उसे किसी भी तरह से ये एक गोली रोज खिलाते रहो और फिर देखना वो कैसे खुद अपने कपड़े फाड़ देगी, लेकिन ध्यान रखना उसकी प्यास नहीं बुझनी चाहिए।
अनूप की आंखे चमक उठी और बोला:" बहुत बढ़िया, लेकिन भाई मैं उसको दवा कैसे खिला पाऊंगा।
नीरज:" वो सब तो तुझे खुद सोचना होगा अनूप, अगर उसका घमंड नहीं टूटा तो वो औरत तुझसे तेरा घर, इज्जत बेटा सब कुछ छीन लेगी।
" नहीं नहीं मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगा चाहिए मुझे इसके लिए कुछ भी करना पड़े, लेकिन सिर्फ एक बार ही मैं उसे तुमसे चुदने दूंगा क्योंकि आखिरकार वो जैसी भी है मेरी पत्नी हैं।
अनूप सारी बाते बिना रुके एक ही सांस में बोलता चला गया। नीरज की आंखो में आज एक अलग ही चमक जाग उठी और बोला:"
" घमंड तोडने के लिए तो बस एक ही रात काफी हैं दोस्त।
अनूप अपनी अगली चाल चलते हुए बोला:" एक बात और आपका जितना भी मुझ पर बकाया हैं आप सब भूल जाएंगे।
नीरज:" ठीक हैं मुझे मंजूर हैं।अच्छा मैं चलता हूं।
नीरज चल गया तो लीमा बिना बुलाए अपने आप ही अंदर आ गई उसे अनूप से बोली:"
" सर वो आज मुझे थोड़ा जल्दी जाना था, कुछ जरूरी काम हैं।
अनूप :" अभी से कहां जाने की बात कर रही हो, अभी तो तुम्हे अपने लंड का दम दिखाना बाकी हैं लीमा।
लीमा उसके लंड को सहलाती हुई बोली:" आपके इस तगड़े लंड ने तो मेरी चूत की दीवारों को फैला दिया है, पति भी शक करता है मुझ पर कभी कभी।
अनूप उसकी चूची दबाते हुए बोला:" हम श्री वास्तव हैं, दुनिया की सबसे ऊंची जाति, हम ऐसे ही चूत का भोसड़ा बना देते हैं, अच्छा जाओ लेकिन ध्यान रखना कल अच्छे से चुदाई होगी।
लीमा बोली:" जी सर, आपके लिए मेरी चूत हमेशा हाज़िर रहेगी, ऐसा मोटा लंड मुझे और कहां मिलेगा ,। सर मुझे वो कुछ पैसे चाहिए थे।
अनूप:" कितने दू बोल मेरी जान?
लीमा:" 10000 मिल जाते तो ठीक रहता।
अनूप ने अपनी जेब में हाथ डाला और एक नोटों की गड्डी निकाल करी उसके हाथ में रखते हुए बोला:"
" ले रख ले पूरे 20000 हैं, तुम्हारे काम आ जाएंगे,!!
लीमा बहुत खुश हुई और उसका लंड बाहर निकाल कर एक किस किया और अपनी गांड़ मटकाती हुई बाहर चली गई।
दूसरी तरफ साहिल और रूबी दोनो घर आ गए थे। रूबी खाना बनाने में जुट गई एयू सीमा उसकी मदद करने लगी। जल्दी ही खाना बन गया और तीनो एक साथ बैठकर खाना खा रहे थे।
जल्दी ही उन्होंने खाना खाया और उसके बाद सीमा नीचे चली गई जबकि साहिल और रूबी दोनो आराम करने लगे। थकी होने के कारण रूबी की आंख लग गई और जल्दी ही वो गहरी नींद में चली ।
दूसरी तरफ साहिल सोच रहा था कि वो अब बच जाएगा और उसकी मम्मी रात हुई बात अब उसके बाप को नहीं बताएगी। लेकिन आज जिस तरह से बड़े बड़े लोग उसकी मम्मी की इज्जत कर रहे थे वो सब देखकर साहिल को रात के बारे में सोच कर बहुत बुरा लगा और उसने सोच लिया कि आज के बाद वो ऐसी कोई हरकत नहीं करेगा।
धीरे धीरे उसकी भी पलके भारी होने लगी और वो भी नींद के आगोश में चला गया।
शाम को रूबी की आंख खुली तो उसने देखा कि साहिल उससे किसी छोटे बच्चे की तरह चिपक कर सोया हुआ हैं और अपनी एक टांग साहिल ने उसके उपर रखी हुई थी।
रूबी को अपने बेटे की मासूमियत पर बड़ा प्यार आया और प्यार से उसका माथा चूम लिया और धीरे से बेड दे उतर गई और खाना बनाने की तैयारी में जुट गई।
रात के करीब 8 बजे तक खाना बन गया तो रूबी साहिल को उठाने के लिए उसके कमरे में चली गई तो देखा कि साहिल उठा गया है तो रूबी बोली "
" बेटा जल्दी से फ्रेश होकर आ जाओ, मैंने खाना बना दिया हैं।
साहिल:" मम्मी वो पापा को भी आ जाने दो, साथ ही खा लेंगे सब।
रूबी:" बेटा तो अधिकतर बाहर से ही खाकर आते हैं, अच्छा होगा तुम खा लो।
साहिल:" नहीं मम्मी मैं पापा का वेट करूंगा और उनके साथ ही खाना खाऊंगा।
रूबी:" ठीक हैं बेटा जैसे तुम्हे अच्छे लगे।
थोड़ी देर बाद ही अनूप घर के अंदर दाखिल हुआ और सबको हाय बोलकर अपने कमरे में चला गया। साहिल उठा और अनूप के कमरे में चला गया और बोला:"
" पापा कैसा आज रहा ऑफिस ?
अनूप अपनी टाई खोलते हुए बोला:" कुछ खास नहीं बेटा, बस वो ही रोज की तरह काम और भागदौड़। तुम आओ कभी मेरे साथ, आखिर एक दिन ये सब तुम्हे ही तो देखना है।
साहिल :" आऊंगा पापा, लेकिन अभी मैं इतना बड़ा नहीं हुआ कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी उठा सकू।
अनूप को अन्दर ही अन्दर गुस्सा तो बहुत आया और सोचने लगा कि सुबह तो बड़ी बड़ी बाते का रहा था, अब काम के नाम से फट गई इसकी।
साहिल:" पापा मम्मी ने खाना बना दिया हैं बस आपका ही इंतजार हो रहा था, आप जल्दी से फ्रेश होकर आ जाओ ।
अनूप:" मैं बाहर जी खाना खाकर आ गया हूं, तुम खा लो अपनी मा के साथ और हान सीमा ताई को भी बुला लेना क्योंकि उसके बिना तुम दोनों मा बेटो मा मन नहीं लगता हैं ना।
साहिल को अपने बाप की बाते सुनकर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन वो कोई ड्रामा नहीं करना चाहता था इसलिए आराम से खाना खाने बैठ गया और रूबी को सारी बाते बता दी।
रूबी:" बेटा तुम्हारे पापा तो पता नहीं कौन सी दुनिया में गुम रहते हैं, जब देखो उल्टी सीधी बाते, आओ चलो खाना खाते हैं।
उसके बाद दोनो मा बेटे खाना खाने लगे और जल्दी ही साहिल खाना खाकर आपके कमरे में चला गया जबकि रूबी बरतन साफ करने के लिए किचेन में घुस गई और आराम से बर्तन धोने लगी।
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