RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
" चुदाई लोक"
साहिल ने थोड़ा साइड में होकर अंदर नजर डाली तो उसे ऐसा लगा कि मानो उसकी आंखे स्वर्ग के दर्शन कर रही हो। करीब चार सौ मीटर में बना हुआ एक शानदार पार्क जैसा था, चारो और से बड़ी बड़ी दीवारों से घिरा हुआ, साहिल को अब जाकर समझ में आया कि उसके घर में बनी हुई बड़ी बड़ी दीवारों का रहस्य क्या था। बड़े बड़े पत्थरो को लाकर बनाए गए खूबसूरत पहाड़, उनके बीच से संगीतमय आवाज के साथ गिरती जल धाराएं , पत्थरो के बीच जगह जगह लगे हुए रंग बिरंगे बल्बो का प्रकाश और बीच में लगा हुआ एक फाउंटेन जिसमे से करीब 10 फीट की उंचाई से गिरती हुई जलधाराएं। पार्क के चारो और लगे हुए खूबसूरत फूलो के पौधे, फूलो से निकलने वाली मदमस्त खुशबू किसी के भी होश उड़ा देने के लिए काफी थी।
साहिल तो जैसे अपनी पलके तक झपकाना भूल गया, उसके अपने खुद के घर में इतनी खूबसरत जगह मौजूद हैं वो तो जैसे इस पर यकीन नहीं कर पा रहा था।
सचमुच मन को पूरी तरह से मोह लेने वाला नजारा था ये, ऊपर एक छत के रूप में चारो तरफ से घिरा हुआ।
साहिल ने चारो तरफ देखा लेकिन उसे रूबी कहीं नजर नहीं आई, उफ्फ मम्मी कहां गायब हो गई, क्या और भी कोई खुफिया जगह हैं उसके घर में, साहिल को लगा कि उसकी मम्मी शायद पत्थरो के पीछे छुपी हुई होगी इसलिए वो धड़कते दिल के साथ " चुदाई लोक" में दाखिल हो गया और उसका लंड तो जैसे आज फटने के लिए तैयार हो गया था। उसके लोअर में एक बहुत बड़ा तम्बू बना हुआ था जो इस बात का संकेत कर रहा था कि तम्बू के पीछे कितना शानदार हथियार छुपा हुआ है।
पत्थरों और कम रोशनी का सहारा लेकर साहिल पार्क में आ गया और अपनी मा को ढूंढने लगा लेकिन अभी तक उसे रूबी कहीं नजर नहीं आई थी।
साहिल का दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था, सबसे ज्यादा तो उसे इसी बात की चिंता थी कि उसकी मा कहां गायब हो गई, दूसरा उसे ये डर भी सता रहा था कि अगर उसे रूबी ने यहां देख लिया तो वो आपकी मा को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगा। तभी उसे अपने बाप की याद आई तो उसकी गांड़ में फट गई कि अगर गलती से भी अनूप ने उसे यहां देखा लिया तो उसको जान से मार देगा। लेकिन ये सोचकर उसे तसल्ली हुई कि हो सकता हैं मेरी तरह मेरे बाप को भी इस जगह के बारे में कुछ ना पता हो।
सब कुछ सोचकर साहिल बुरी तरह से कांप रहा था और एक पल के लिए उसके मन में वापिस जाने का विचार आया लेकिन उसके खड़े हुए लंड ने उसके वापिस बढ़ते हुए कदमों को रोक दिया और वो और ज्यादा अंदर बढ़ गया।
एक बड़े से पहाड़ के पीछे उसे कुछ आवाजे सुनाई दी तो साहिल छुपता हुआ वहां पहुंच गया और धीरे से देखा कि उसकी मा रूबी उस पत्थर के पीछे लेटी हुई थी और अपने जिस्म को पटक रही थीं और बार बार करवटें बदल रही थी। उसकी आंखे पूरी तरह से बंद थी और उसके मुंह से हल्की हल्की मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थीं। उसका चेहरा पूरी तरह से काम वासना से भरा हुआ लग रहा था और अपनी जीभ से अपने होंठो को चाट रही थी।
साहिल ये सब देख कर पूरी तरह से बेकाबू हो गया और साहिल के हाथ अपने आप अपने लंड पर पहुंच गए और लोअर के ऊपर से ही सहलाने लगे।
रूबी की गर्मी बढ़ती जा रही थी और जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसकी नजर सामने चल रहे फाउंटेन पर पड़ी तो उसे एक उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी और रूबी एक लम्बी आह भरते हुए उठ गई और उसके कदम अपने आप आगे बढ़ गए ।
रूबी को अपनी तरफ आते देखकर साहिल की गांड़ से धुवां निकल पड़ा और डर के मारे दिल इतनी तेजी से धड़क उठा मानो उसके सीने को फाड़कर बाहर निकल जाना चाहता हो। साहिल ने अपने आपको उस छोटे से पत्थर के पीछे छुपा तो लिया लेकिन फिर भी उसका जिस्म आधे से ज्यादा बाहर था। अब वो अपने आपको कोस रहा था कि क्या जरूरत थी मुझे यहां आने की, उसे अब एक साथ सारे देवी देवता याद आ रहे थे। जैसे जैसे रूबी पास आती जा रही थी उसका जिस्म पसीने से भीगता जा रहा था। जैसे ही रूबी उसके पास से निकली तो साहिल को लगा जैसे वो अभी मुड़कर उसकी तरफ देखेगी लेकिन रूबी को जैसे किसी दूसरी दुनिया में ही थी। वो एक तीर की तरह बिल्कुल सीधी आगे बढ़ गई और साहिल ने चैन की सांस ली। रूबी के आगे निकलते ही साहिल की नजर उसकी गांड़ पर पड़ी जो आज बहुत ज्यादा अदा के साथ मटक रही थी मानो रूबी मॉडलिंग के लिए कैटवॉक कर रही हो।
रूबी फाउंटेन के नीचे पहुंच गई और उपर से गिरती हुए जल धाराएं उसे भिगोने लगी। जल्दी ही रूबी का पूरा जिस्म पानी से भीग गया और सफेद रंग की साड़ी पूरी तरह से उसके जिस्म से चिपक गई।
रूबी का खूबसूरत चेहरा, मुंह के चारो तरफ बिखरे हुए गीले बाल मानो चांद बदलो में से झांक रहा हो, खुमारी से लाल हो चुकी बड़ी बड़ी बोलती हुई आंखे, उसके कश्मीरी सेब जैसे हल्के गुलाबी गाल जो अब लाल सुर्ख हो चुके थे, दोनो गालों के बीच में उभर आई हल्की हल्की लालिमा, किसी गुलाब की पंखुड़ियों के जैसे दो पतले पतले नाजुक होंठ जिन पर से टपकती हुई पानी की बूंदे ऐसी लग रही थी मानो साक्षात अमृत टपक रहा हो, बिल्कुल लंबी सी गोरी चित्ती गर्दन बिल्कुल किसी मोरनी की तरह, नाजुक मुलायम खूबसूरत कंधे, दो बड़ी बड़ी लेकिन एकदम ठोस, तनी हुई चूचियां एक दम बाहर की तरफ उठी हुई जिनके बीच की गहरी खाई किसी की भी नजर को सम्मोहित करने में सक्षम, गोरा चिकना सपाट पेट, बिल्कुल अंदर की तरफ घुसा हुआ, सुंदर सी गोल गहरी नाभि, कंधो से नीचे हल्की सी भरी हुई पतली कमर, मानो लचकने के लिए ही बनी हो, कहीं भी चर्बी का नामोनिशान नहीं , बिल्कुल मछली के आकार की, कमर पर फैले हुए खूबसूरत काले लम्बे लम्बे बाल जिनसे टपकती हुई पानी की बूंदे, कमर के नीचे की तरफ उठा हुआ भारी उभार उसकी मदमस्त गांड़ की गवाही देते हुए, बिल्कुल गद्देदार मजेदार, बड़े बड़े गांड़ के दो पट मानो किसी बड़े ढोल को बीच से काटकर जर्बदस्ती चिपकाया गया हो, गांड़ के नीचे उसकी भरी हुई केले के तने के जैसी चिकनी सुडौल जांघे, एक दम गोरी गोरी, जांघो के बीच की जानलेना गहराई।
|