RE: Free Sex Kahani लंसंस्कारी परिवार की बेशर्म रंडियां
update 7
सुबह के समय नाश्ता कर चुके थे सब । आरती के दिलोदिमाग पर रात वाली घटना छाई हुई थी ।
शालिनी नहाकर निकली उसने एक जीन्स और स्लीवलैस टीशर्ट पहनी हुई है । जैसा कि आप जानते ही है जब तक इन महारानी की गांड जीन्स में फास ना जाये तब तक इन्हें वो जीन्स अच्छी ही नही लगती । पिछवाडा अपना पूरा आकर लिए जीन्स में कैद हो गया था ।
शालिनी ने शीशे के सामने खड़ी होकर हल्का सा मेकअप किया , होंठो पर लिक्विड मैट वाली लिपस्टिक लगाकर होंठो को juicy बनाया ।
शालिनी ये कर ही रही थी कि तभी कमरे में उपासना दाखिल हुई ।
शालिनी को शीशे में से उपासना आती हुई दिख गयी ।
शालिनी - आइये भाभी , आज तो साड़ी में आप गजब ढा रही हो ।
उपासना - अच्छा नन्द रानी जी , अपने ये सोचकर मेंरी तारीफ की है कि अब बदले में मैं भी तुम्हारी तारीफ करूँगी , लेकिन मैं तुम्हारी तारीफ बिल्कुल नही करूँगी । मैं तो यही बोलूंगी की तुम एक नंबर की रंडी लग रही हो सजधजकर ।
शालिनी ये सुनकर लजा गयी शर्मोहया से ।
शालिनी - भाभी टाइम का तो लिहाज किया करो सुबह सुबह ही स्टार्ट हो गयी आप तो ।
उपासना - अच्छा मैं तो टाइम का लिहाज करु और मेरी नंद रानी को समय का कोई खयाल नही है , जो सुबह सुबह ही चूत की सजावट करने लगी , पता नही किससे फड़वाने जा रही है ।
शालिनी ऐसी बाते सुनकर समझ गयी की जितनी सीधी भाभी ऊपर से दिखती है उतनी ही अंदर से लंडखोर औरत बन गयी है ।
शालिनी - भाभी आपकी नंद रानी की चूत इतनी सस्ती नही है कि हर कोई फाड़ दे । आपकी नंद रानी सिर्फ एक इंसान की ही टांगो के नीचे आती है बस ।
उपासना - अच्छा तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे मैं हर किसी के सामने चूत खोले पड़ी रहती हूं ।
शालिनी - नही भाभी मेरा ये मतलब नही था। मैं तो बस अपने बारे में बता रही थी । और मेरी भाभी इतनी गई गुजरी भी नहीं है कि वह हर किसी के सामने अपनी चूत फैलाकर लेट जाएगी ।
उपासना - अच्छा तो कैसी लगती है तुम्हें अपनी भाभी ।
शालिनी - मुझे मेरी भाभी ऐसी लगती है जो अपनी चूत के खजाने को हमेशा दूसरों से छुपा कर रखती है और उस खजाने के दरवाजे सिर्फ अपने पति के लिए ही खोलती है। ऐसी भाभी जो अपनी इज्जत का ख्याल रखती है वह
बात अलग है कि उसकी अंदर की लंडखोर औरत जब जागती है तो उसकी चूत में से पानी उसकी जांघों पर रिसने लग जाता है ।
उपासना - लगता है मेरी प्यारी सी नंदरानी को बड़ी पहचान है औरतों की । भगवान ऐसी नंदरानी सबको दे दे दे , चलो नंदरानी जी अब तो बता दो कि आज का क्या प्रोग्राम है।
शालिनी - कोई खास प्रोग्राम नहीं है भाभी आज का बस का बस आज उनसे मिलने जा रही हूं क्योंकि कल नहीं जा पाई थी । और उन्हें चैन नहीं आता है जब तक उनका लंड मेरी चूत में जड़ तक ना पहुंच जाए ।
उपासना - अच्छा तो मेरी नंदरानी को कोई परेशानी नहीं होती लंड लेने में ।
शालिनी - इसमें परेशान होने वाली क्या बात है भाभी । यह तो औरतों के मुकद्दर में लिखा होता है कि वह जहां भी जाएंगी किसी ना किसी की टांगों के नीचे ही जाएंगी तो मैं इसे स्वीकार क्यों ना करूं । आखिर मुझे भी तो किसी की टांगों के नीचे ही जाना होगा ।
उपासना - अच्छा तो मेरी नंदरानी अब अब समझदार भी हो गई है । नंदरानी मतलब तुम अब पूरी लंड खाने के काबिल हो गई हो ।
शालिनी - काबिल हो गई हूं का क्या मतलब है ? मैं तो लैंड खा ही खा ही रही हूं पिछले 2 साल से ।
उपासना - हां यह तुम्हें बताने की जरूरत नहीं है तुम्हारी चौड़ी गांड, बाहर को निकली चूचियां यह बखान कर रही है ।
शालिनी - भाभी एक बात है जिससे मुझे डर लगता है ।
उपासना - अब किस बात से डर लगने लगा मेरी नंद रानी को ।
शालिनी - भाभी जब वह अंदर डालते हैं लंड, तो कंडोम यूज नहीं करते हैं । जिससे कि मुझे डर रहता है कि कहीं कोई अनहोनी ना हो जाए ।
उपासना - हंसते हुए अच्छा तो मेरी नंदरानी को डर है कि कोई इस गाय पर चढ़कर उसके अंदर बच्चा ना डाल दे डाल दे ।
शालीनी - तुम्हारे कहने का मतलब नही संन्ही मैं भाभी ।
उपासना - मतलब कि अब तुम बच्चे देने लायक हो गई हो शालिनी।
शालिनी - भाभी आप तो मजाक के मूड में ही रहती हो हमेशा ।
उपासना - मेरी जान मजाक कहां कर रही हूं तुम तो देखने से ही लगती हो कि अगर कोई चढ़ जाए सही से तो बच्चा जरूर पैदा होगा ।
शालिनी - क्यों ऐसा क्या है मुझमे ।
उपासना - औरतों का शरीर ही बच्चे पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अगर औरत का शरीर ही दुबला पतला रहेगा तो बच्चा होने के चांस कम हो जाते हैं , लेकिन तुम तो मेरी जवान घोड़ी हो तुम तो एक चुदक्कड़ रंडी हो तुम तो अपनी चूत में लंड को निगल कर उसे पूरा निचोड़ सकती हो, तो बच्चा भला क्यों नहीं होगा बिल्कुल होगा ।
शालिनी - भाभी बिना कंडोम के चूत में लंड लेने में बड़ा मजा लेने में बड़ा मजा आता है कंडोम लगाकर यदि चूत में कोई लंड लंड लंड डालता है तो लंड की की गर्मी महसूस नहीं होती है ।
उपासना - तो मतलब मेरी नंद रानी रानी लंड को पूरा इंजॉय करती है चुदते टाइम
शालिनी - भाभी अगर चुदाई को इंजॉय ना किया जाए तो चुदने का फायदा ही क्या । अपनी चूत भी फड़वा लो और इंजॉय भी ना करो यह कैसी बात हुई ।
उपासना - हां मेरी जान यह तो तुमने ठीक कहा जब तक कोई मर्द औरत के ऊपर चढ़कर उसे हुमच हुमच कर ना चोदे तब तक औरत तब तक औरत की प्यास ही नहीं बुझती । खैर यह बताओ कि जिन से तुम चुदने जाती हो उनका लौड़ा कितना बड़ा है ।
शालिनी - ऐसा मैंने कभी मेजर तो कभी मेजर तो तो नहीं किया है लेकिन लगभग होगा कोई 4 या 5 इंच इंच का ।
यह सुनकर उपासना की हंसी छूट गई की हंसी छूट गई और जोर जोर से हंसने लगी से हंसने लगी ।
शालिनी - क्या हुआ भाभी आपको ।
उपासना - मैं यह सोचकर हंस रही हूं कि तुम चुदने जाती हो या कोई खेल खेलने जाती हो ।
शालिनी हैरानी से देखते हुए - क्यों भाभी ऐसा क्या बोल दिया मैंने ।
उपासना - तुम्हारा जैसा शरीर है उसमें चार या 5 इंच का लंड या 5 इंच का लंड 5 इंच का लंड क्या करता होगा वह तो तुम्हारे छेद के बस थोड़ा अंदर ही जा पाता होगा ।
शालिनी - भाभी तो कितना बड़ा होता है लंड ।
उपासना - नंदरानी जो तुम मुझे बता रही हो उसे लंड नहीं लुल्ली नहीं लुल्ली कहते हैं लंड किसे कहते हैं यह मैं तुम्हें किसी दिन दिखा दूंगी , अच्छा यह बताओ उससे अलग तुम और किसी से नहीं चुदी हो कभी ।
शालिनी - नहीं भाभी मैंने इस बारे में कभी सोचा नहीं क्योंकि मेरी चूत को जब लंड चाहिए होता है तो उसके नीचे टांगे चौड़ी करके चौड़ी करके चौड़ी करके चौड़ी करके उसे अपनी चूत की तरफ खींच लेती हूं, और मैं संतुष्ट हो जाती हूं ।
उपासना - तभी तो मैं कहूं कि मेरी नंद रानी ने ने अभी कहीं और मुंह क्यों नहीं मारा है यदि मार लिया लिया मार लिया लिया तो फिर तो उस बेचारे को तुम छोड़ ही दोगी दोगी ।
शालिनी - क्यों भाभी वह भी तो ठीक है अपने लंड से मुझे कम से कम 10:15 मिनट तक चोदता 10:15 मिनट तक चोदता है ।
यह सुनकर उपासना फिर जोर जोर से हंसने लगी से हंसने लगी जोर से हंसने लगी से हंसने लगी और कहने लगी कहने लगी जाओ तुम अपना खेल खेलने के लिए क्योंकि तुम्हें समझाना मेरे बस की बात नहीं है ।
शालिनी - क्यों भाभी ऐसा क्या हो गया ।
उपासना - 10 या 15 मिनट मिनट तो तुम जैसी गदराई लौंडिया को गर्म होने के लिए ही चाहिए चाहिए और 10:15 मिनट में तुम सारी चुदाई कर लेती हो तुम जैसी लड़की को रात भर कम से कम 2 लोग मिलकर चोदे कम 2 लोग मिलकर चोदे 2 लोग मिलकर चोदे लोग मिलकर चोदे तब तुम्हारे चेहरे पर निखार और गांड पर उभार आएगा आएगा ।
शालिनी - हे भगवान मेरे बस की बात नहीं है पूरी रात चुदना और कोई चोद भी कैसे सकता है पूरी रात ।
उपासना - मेरी नंदरानी अभी असली लंड से पाला नहीं पड़ा है तुम्हारा जिस दिन पड़ेगा तो चूत को हाथों से छुपाकर भागी भागी फिरोगी ।
शालिनी - क्यों भाभी वह कैसे चोदते हैं ।
उपासना - अच्छा पहले तुम बताओ कि तुम्हारे वह तुम्हें किस तरह चोदते हैं ।
शालिनी - वह तो मुझे लिटाकर और ऊपर लेट कर अपना लंड मेरी चूत में डाल देते हैं और 10:15 मिनट तक जमकर चोदते हैं ।
उपासना - और कुछ नहीं करते ?
शालीनी - करते हैं कभी-कभी अपना लंड मेरे मुंह में भी डाल देते हैं और मेरी चूत को चूस भी लेते हैं और उनका पूरा लंड मेरे मुंह में समा जाता है बड़े प्यार से चोदते हैं वह मुझे। मेरे होठों को अपने होठों से किस करते हुए मुझे चोदते हैं वह बहुत ही प्यार जताते हैं , चोदते टाइम कहते हैं तुम मेरी जान हो आपके बिना मैं नहीं रह सकता ।
उपासना - फिर तो इसका मतलब तुम्हें चुदाई का मतलब ही नहीं पता है मेरी जान अभी सिर्फ प्यार से चोदने वालों से चुदी हो हो जिस दिन असली लंडधारी इंसान से चुदोगी उस दिन पता चलेगा कि लंड जब अपनी औकात पर आता है तो चूत को चूत नहीं भोसड़ा बना बना देता है ।
शालिनी - और कैसे चोदते हैं भाभी ।
उपासना - खैर छोड़ो वक्त आने पर तुम्हें पता चल ही जाएगा यह दोनों बातें कर ही रही थी कि अचानक उपासना के मोबाइल पर रिंग होती है ।
उपासना कॉल उठाती है - हेलो
दूसरी तरफ से आवाज आती है हेलो मैम ,मैम आज आपके टाइम टेबल में आज सिलेक्ट किया गया है कि आप आज जो नया स्कूल खुलने वाला है वर्मा जी का उसका उद्घाटन आपको का उसका उद्घाटन आपको करना है तो रिबन काटने के लिए आप चलोगे। 11:00 बजे , मैम क्या यह सही रहेगा या इसमें कोई मॉडिफिकेशन करना है ।
उपासना - कुछ सोचती हुई एक काम करो हां यह ठीक है 11:00 बजे ही चलते हैं ।
शालिनी - भाभी कहां जाना है आपको ?
उपासना - अरे जो हमारी कंपनी के नई हैड मैनेजर है ,उन्होंने एक मेडिकल कॉलेज खोला है तो उसका उद्घाटन मेरे हाथों से कराना चाहते हैं वही मुझे आज जाना है जाना है ,
अच्छा शालिनी तुम निकलने वाली हो क्या ?
शालिनी - हां भाभी बस मैं निकलने वाली हूं ।
उपासना - ओके चलो ठीक है आप भी जाओ और यदि तुम्हें पैसों की जरूरत हो तो हो तो यह लो मेरा एटीएम तुम रख लो।
शालिनी - नहीं भाभी मेरे पास अभी पैसे हैं जब खत्म होंगे तो मैं मांग लूंगी ।
उपासना - ओके नंदरानी जी चलिए अपनी चूत लंड का खेल खेल कर आ जाइए आ जाइए वैसे भी अभी तक तुम्हारी चुदाई तो हुई ही नहीं है ।
दोनों में यह बातें चल ही रही थी की आरती की आवाज आती है है है बाहर से ।
उपासना उपासना उपासना
उपासना बाहर आती हुई - आरती दीदी बोलिए ।
आरती - उपासना मैं किसी हिल स्टेशन की तरफ जा रही हूं घूमने शाम तक आ जाऊंगी , जाने का मन तो नहीं था लेकिन मेरी फ्रेंड बड़ी जिद कर रही है सो मैं निकल रही हूं निकल रही हूं ।
इतना कहते ही आरती पार्किंग की तरफ चल दी दी और अपनी गाड़ी स्टार्ट करके सड़क पर दौड़ती हुई चली गई ।
शालिनी ने भी भी पार्किंग की तरफ कदम बढ़ाए और अपनी रेड कलर की BMW निकाली और चलदी कंपनी की तरफ गाना सुनते हुए
गाने ये वाला था
तेरा बैक रै फ्रंट दोनों मारै सै करंट ,
मनै दिल में लगा ली तेरी फोटो
हाय रे मेरी मोटो हाय रे मेरी मोटो ।
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Dosto comments karke batate rahe ki story कैसी चल रही है , आपके साथ बने रहने के अहसास से मेरी कलम और भी अच्छी चलती है ।
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