bahan sex kahani ऋतू दीदी
05-07-2021, 12:01 PM,
#25
RE: bahan sex kahani ऋतू दीदी
प्रशांत: “देख, मैंने तुम्हे पहले ही कहा था की जीजाजी ठीक इंसान नहीं हैं”
नीरु: “इसमें जीजाजी बीच में कहाँ से आ गए! मैं हाई हील सैंडल की बात कर रही हूँ। खरीदते वक़्त जिसके लिए तुमने कहा था की मुझे मोच आ सकती है। आज सच में हो गया”

फिर निरु ने पूरी घटना बतायी की जब वो जीजाजी के साथ पेंटिंग गैलरी देखने गयी थी, तब पता चला की वो गैलरी सीजनल है। अभी वो बंद हो गयी हैं। वो लोग फिर होटल के बाहर आइसक्रीम खाने चले गए थे।

वापिस आते वक़्त होटल के अन्दर निरु के हाई हील सैंडल की वजह से उसका पैर मुड गया। उसके पैर में दर्द था तो होटल स्टाफ की मदद से उसको व्हीलचेयर पर इस रूम में लाया गया। रूम की चाबी तो उनके पास थी नहीं इसलिए होटल स्टाफ की मदद से रूम का डोर खुलवाया और अन्दर आए।

नीरु ने ही जीजाजी को मुझे फ़ोन नहीं करने को बोला था क्यों की उस वक़्त उसको बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था और मैं निरु को इतने दर्द में नहीं देख सकता हूं। होटल में मौजूद एक डॉक्टर ने निरु को चेक कर बताय था की मोच नहीं हैं और थोड़े रेस्ट के बाद दर्द कम हो जाएगा।

मैने नोट किया की निरु के एंकल पर पेन रिलीफ स्प्रे किया हुआ था, जिसकी बदबु मुझे काफी टाइम से आ रही थी पर पहले शक़ की बू ज्यादा थी तो समझ नहीं पाया था। वो सब बता रही थी पर फिर भी शक़ दिल से जा नहीं रहा था। कहीं निरु यह सब स्टोरी बना कर मुझसे कुछ छिपा तो नहीं रही थी?

प्रशांत: “मोच पाँव में हैं तो तुम ऐसे डॉगी स्टाइल में क्यों बैठि हो?”
नीरु: “डॉगी स्टाइल क्यों बोल रहे हो? अभी ऐसी गन्दी बातें करना जरुरी हैं क्या! यह भी तो बोल सख्त हो की घुटनों के बल क्यों बैठी हो”
प्रशांत: “तुम ऐसे क्यों बैठि हो?”
नीरु: “गिरने से कमर में भी थोड़ा खिचाव आया था। कमर को स्ट्रेच करने के लिए इस तरह बैठी हूँ। मुझे यह पोजीशन ठीक लगी। तुम्हे तो पता ही हैं मेरा यह फेवरेट पोजीशन हैं”

यह कहते हुए निरु शर्माने लगी। मगर मेरे कुछ सवाल अभी भी बाकी थे।
प्रशांत: “मैंने जब तुम्हारी गांड पर हाथ रखा तो तुमने यह क्यों बोला की ‘जीजाजी फिर नहीं, दर्द होगा”
नीरु: “वो जीजाजी मुझे लेकर परेशान थे। एक बार मेरे पाँव को टच कर चेक कर चुके थे की दर्द कम हो रहा हैं या नहीं, वार्ना हॉस्पिटल में दिखाए। जब की मैं उनको बोल चुकी थी की अब दर्द कम हैं और वो जाकर सो जाए ”

मै निरु की बात पर यक़ीन करना चाहता था पर कर नहीं पा रहा था। जीजाजी सुबह निरु का नाम लेकर ऋतू दीदी को चोद रहे थे, वो ऐसा हाथ आया मौका कैसे हाथ से जाने देते? जरुर जीजा साली के बीच कुछ हुआ हैं और निरु ने अपने काण्ड को छुपाने के लिए यह कहानी पहले ही प्लान कर ली होगी।

मैने अपने कपडे चेंज कर लिए पर निरु इस हालत में नहीं थी की अपने कपडे चेंज कर पाए। उसने मुझे उसकी ड्रेस निकालने को बोली, वो आज ब्रा पैंटी में ही सोने को रेडी थी। मैने उसकी पीठ से ड्रेस की ज़िप खोल दी और ड्रेस को उसकी जाँघो से उठा कर गांड से हटा दिया। और फिर खींचते हुए उसकी कमर और पीठ से होते हुए सर के बाहर निकाल दिया।

अब वो ऐसे ही ब्रा और पैंटी में डॉगी स्टाइल में बैठि थी। थोड़ी देर बाद वो सीधा बैठि और बताया की उसका कमर का दर्द कम हैं पर पाँव में अभी थोड़ा दर्द हैं। नीरु अब लेट गयी और मुझे लाइट बंद कर सोने को कहा। उसने एक बार फिर मुझे सॉरी बोला की वो मुझे आज रात भी चोदने नहीं देगी। मगर मुआवज़े के तौर पर उसने अपना ब्रा निकाल दिया की कम से कम मैं उसके मम्मे पर हाथ रख सो सकता हूं।

मै लाइट बंद कर उसके मम्मो पर हाथ रख सो गया पर उस पर यक़ीन नहीं कर पा रहा था। नींद तो मेरी उड़ चुकी थी। मन में यह भी विचार आ रहे थे की जब मैं ऋतू दीदी के साथ चुदवा सकता हूँ तो फिर निरु अपने जीजाजी के साथ क्यों नहीं चुदवा सकती ?

मेरे पास इस बात का सबूत तो था की जीजाजी की नीयत निरु के लिए ठीक नहीं है। पर क्या निरु की भी जीजाजी जैसी सोच हैं, और वो भी अपने जीजाजी से चुदवाना चाहती हैं या चुदा चुकी हैं, यह मुझे अभी तक कन्फर्म नहीं था।

ऋतू दीदी जैसी सुलझी हुयी औरत जब अपने पति को धोखा देकर मुझे चोद सकती हैं तो फिर निरु तो अपनी बहन से भी चंचल हैं, वो तो और भी बड़ी गलती कर ही सकती हैं। नीरु सो चुकी थी और मुझे उसकी कहानी की सच्चाई टेस्ट करनी थी। मैं उठा और उसके मोच वाले पाँव पर हाथ रख हलके से दबाया। नीरु एकदम से चीखते हुए उठ बैठि और रोते हुए मुझ पर एक हाथ घुमाया जो मेरी बाजू पर लगा। मैंने लाइट लगायी तो देखा उसकी आँखें दर्द से भर आयी। मै बुरी तरह डर गया और सॉरी सॉरी बोलते रह गया और वो रोते रोते ही फिर लेट गयी और थोड़ी देर तडपती रही।

मुझे अपने आप पर बहुत गुस्सा आया। मै उसके नंगे बदन पर हाथ फेर सहलाना चाहा ताकी उसको दर्द कम हो पर उसने मेरा हाथ झटक दिया। थोड़ी देर कराहने के बाद उसका दर्द कम हुआ तो वो नार्मल हुयी और उसने मुझे अपने बदन पर हाथ सहलाने दिया। वो सिर्फ पैंटी में सो रही थी तो मैं कभी उसके नंगे पेट तो कभी सीने तो कभी उसके मम्मे पर हाथ रख फिराता रहा।
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RE: bahan sex kahani ऋतू दीदी - by desiaks - 05-07-2021, 12:01 PM

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