RE: Thriller Sex Kahani - कांटा
हमलावर को समझने में पलभर भी न लगा था कि खेल बिगड़ चुका था। उसका शिकार ढेर होते-होते भी अपना काम कर गया था और उसके वह अंगरक्षक बजने वाले अलार्म के जवाब में ही निश्चित रूप से वहां आए थे। अब बचने का केवल एक ही तरीका था।
धांय...!
उसने बिना एक भी पल गंवाये अनीस की ओर फायर झोंक दिया। प्रतिद्वंद्वी की तरफ से उस हमले के लिए अनीस पूरी तरह तैयार था। वह फुर्ती से एक ओर को झुक गया।
लेकिन फासला बेहद कम होने की वजह से वह मात खा गया। परिणामस्वरूप गोली उसके बाएं कंधे में धंस गई। उसके हलक से घुटी-घुटी सी चीख निकल गई। लेकिन दूसरे ही पल उसने भी गोली चला दी।
धांय ...! खुद जख्मी होने के बावजूद उसका निशाना चूका नहीं था। उसकी चलाई गोली हमलावर के पेट को फाड़ती चली गई।
धांयऽ...धायऽऽ...!
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मौके की नजाकत देखकर पीछे मौजूद उसके दोनों जोड़ीदारों के भी रिवॉल्वर गर्ज उठे।
गोलियों से छलनी हमलावर केबिन के खुले दरवाजे पर ही ढेर हो गया।
अनीस के हाथ से उसका रिवॉल्वर छूट गया। उसने अपने कंधे के जख्म को कसकर दबा लिया। उसका चेहरा पीड़ा से विकृत हो गया था। बायां हिस्सा खून से तरबतर हो गया था।
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