RE: Thriller Sex Kahani - कांटा
“जहे नसीब मनोरमा जी।" मदारी खुश होकर बोला और उसने वार्निग के बावजूद एक बार फिर डमरू बजाया “आपने कबूल तो किया। कैसे मालूम हुआ यह आपको? टीवी पर देखा या बीबीसी पर सुना?”
“म..मैं...।” वह तनिक व्यग्र हुई थी “उस वक्त खुद वहां मौजूद थी।"
“क...कहां मौजूद थीं आप उस वक्त ? जहां श्री-श्री का देहावसान हुआ था?"
“हां। मैं....मैं उस वक्त वहां यमुना के पुल पर मौजूद थी, ज....जहां जानकी लाल की बीएमडब्ल्यू का एक्सीडेंट हुआ था।"
“अरे क्या कह रही हैं?" मदारी गहन अविश्वास से बोला। नैना के उस कबूलनामे पर उसे जोर का झटका लगा था “अ...आप उस वक्त वहां मौजूद थीं?"
“यही तो बताया है मैंने?”
"मगर आप वहां क्या कर रही थीं?"
“वहीं, जो वहां पर मौजूद हर कोई कर रहा था जानकी लाल भी?”
“अर्थात्...”
“कोर्ट जा रही थी।"
“कौन से कोर्ट जा रही थीं? उधर एक से ज्यादा कोर्ट पड़ते हैं।”
“हाई कोर्ट। वहां मेरी तारीख थी।"
"क्यों? क्या किया था आपने?"
“वह कारोबारी मामला था, जो कि कारोबार में चलता ही रहता है। रास्ते में ही यमुना का पुल पड़ता है जहां कि अचानक ही उस बीएमडब्ल्यू का एक्सीडेंट हो गया।"
“वह एक्सीडेंट नहीं कत्ल है मनोरमा जी। श्री-श्री की कार को जान बूझकर ठोका गया है। और एक नहीं दो-दो कारों ने उसे ठोककर नीचे यमुना में ढकेला है। उसे ठोकने वाली पहली कार एक काली स्कार्पियो थी, जिसके बारे में कुछ भी मालूम नहीं हो सका, जबकि दूसरी कार...।” वह एक क्षण के लिए ठिठका, उसने एक अर्थपूर्ण निगाह नैना पर डाली फिर बोला “सफेद क्रूज थी, जिसके बारे में सबकुछ मालूम हो गया है। वह निस्संदेह आपकी कार थी, और सूत्र चीख-चीखकर बता रहे हैं कि घटना के वक्त उस कार को आप खुद चला रहीं थीं।"
"ह...हां।” नैना के चेहरे पर व्याकुलता के भाव आ गए थे। वह पहलू बदलकर बोली “मैं कबूल करती हूं कि उस वक्त कार को मैं ही चला रही थी। लेकिन जानकी लाल के एक्सीडेंट में मेरा कोई हाथ नहीं है इंस्पेक्टर।"
“कैसे हाथ नहीं है। आपकी क्रूज ने उसे टक्कर नहीं मारी थी क्या?”
“बीएमडब्ल्यू को स्कार्पियो ने टक्कर मारी थी और वह असंतुलित हो गई थी। यह केवल इत्तेफाक है इंस्पेक्टर कि मैं भी वहां से गुजर रही थी और उस वक्त मेरी कार जानकी लाल की बीएमडब्ल्यू के ठीक पीछे थी।"
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“ओहो। तो आप फरमा रही हैं कि...यह केवल इत्तेफाक है?"
“ह..हां। यह इत्तेफाक के अलावा और कुछ नहीं है। मैंने भी अपनी कार को इमरजेंसी ब्रेक लगाए थे लेकिन स्कार्पियो से टक्कर के बाद जानकी लाल की बीएमडब्ल्यू पूरी तरह से अपना संतुलन खो बैठी थी और ब्रेकों पर घिसटती हुई, बुरी तरह लहराकर उसने अपनी लेन छोड़ दी थी, केवल इतना ही नहीं वह मेरी लेन के सामने आ गई थी। मैंने उसको बचाने की पूरी-पूरी कोशिश की थी, लेकिन मैं उसे रोक नहीं सकी और मेरी क्रूज ने उसे कट मार दिया था। अगर उस वक्त मेरी जगह तम होते इंस्पेक्टर तो तम भी उसे रोक नहीं पाते। मगर यह सच है कि मैंने जानबूझकर कुछ भी नहीं किया। सब कुछ अपने आप ही हो गया था।"
"हूं।" मदारी ने गहरी सांस ली, फिर कुछ क्षण सोचने के बाद बोला “बहरहाल चाहे जैसे भी हुआ, लेकिन आपके ही कर कमलों से हुआ। स्कार्पियो से टकराने के बाद श्री-श्री के ड्राइवर ने कार को संभाल लिया था और नीचे ढलान पर 'बेलन' बनने से बचा लिया था। लेकिन उसके तुरंत बाद आपकी क्रूज ने जो उम्दा शॉट लगाया, उसने बीएमडब्ल्यू को सड़क से नीचे उतरने पर मजबूर कर दिया, जहां कि आगे गहरी ढलान थी और जो आखिरकार इतने बड़े हादसे का सबब बना।"
"मैं फिर कह रही हूं इंस्पेक्टर कि ...वह सब मैंने जानबूझकर नहीं किया।” वह पुरजोर स्वर में बोली “सब कुछ इतना अप्रत्याशित था कि पल भर के लिए मैं खुद हक्की-बक्की रह गई थी, फिर मुझे खुद नहीं पता कि कब वह सब हो गया। वह तो ढलान पर गिरती बीएमडब्ल्यू को देखकर मुझे होश आया था।"
“और फिर होश आते ही..." मदारी के स्वर में गहरा व्यंग उभरा “आप वहां से गधे की सींग बन गईं?"
“और मैं क्या करती, कोई जानबूझकर अपनी गरदन फंदे में तो नहीं फंसाता है।"
“क्या फायदा हुआ? गरदन बच तो न पाई?"
"मैं खुद इस बात पर हैरान हूं। मैंने तो सोचा था कि मेरी कार को किसी ने नहीं पहचाना था। उसके नम्बर की तरफ किसी की तवज्जो नहीं गई थी। म...मैंने कितना गलत सोचा था?"
“लिहाजा आप बेकसूर हैं? सारा कसूर बीएमडब्ल्यू का ही है मरहूम श्री-श्री का ही है।"
“नहीं। उनका कसूर कैसे हो सकता है। उन्होंने कोई जानबूझकर तो कार को सड़क से नीचे थोड़े ही न उतारा होगा।"
"तो फिर?"
“वह काली स्कार्पियो। उसने जान बूझकर जानकी लाल की कार को टक्कर मारी थी?"
“यह आप कैसे कह सकती है कि काली स्कार्पियो ने जान बूझकर श्री-श्री की कार को टक्कर मारी थी।"
"क्योंकि मैं उस वक्त दोनों कारों के एकदम पीछे ही थी। वह तेज रफ्तार काली स्कार्पियो मेरी क्रूज को ओवरटेक करके आगे निकली थी। उस वक्त उसकी रफ्तार बेहद तूफानी थी। उसका ड्राइवर जैसे खुदकुशी पर आमादा मालूम होता था। उसने मेरी आंख के सामने बीएमडब्ल्यू ठोकी थी।"
“क्या आप दावे के साथ कह सकती हैं कि स्कार्पियो ने जानबूझकर बीएमडब्ल्यू को ठोका था?"
“और क्या? नहीं तो क्या ऐसे भीड़ भरे ट्रैफिक में कोई इस खतरनाक ढंग से ड्राइविंग करता है क्या?"
“यानि कि आप उस वाक्ये की चश्मदीद गवाह हैं। आपने सब कुछ अपनी आंखों से होता देखा है?"
“अ..और क्या?" उसने हिचकिचाते हुए सहमति में सिर हिलाया। “बीएम डब्ल्यू के पीछे अकेले आप ही तो नहीं होंगी, आपके आस-पास और भी बहुत सारी दूसरी कारें होंगी। फिर तो वह सब भी उस वाकये के चश्मदीद गवाह होंगे। उन लोगों ने भी वह सब अपनी आंखों से होता देखा होगा मनोरमा जी, जो कि आपने देखा है?"
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