RE: Kamukta Story घर की मुर्गियाँ
समीर अपनी बाइक से कंपनी जा रहा था, सामने से आती हुई कार ने बाइक के सामने ब्रेक लगा दिया। समीर जब तक संभलता बाइक टकरा गई। कार से दो आदमी बाहर निकले, और समीर को पीटने लगे। वो आदमी वही थे, जिनको समीर ने पकड़वाया था। मगर समीर ने भी किसी हीरो की तरह उन्हें उठा-उठाकर पटका, और दोनों को उठाकर कार की डिग्गी में डाल दिया, और संजना में को फोन मिलाया।
संजना मेडम पोलिस को लेकर पहुँच गई।
संजना- समीर तुम्हें तो कहीं चोट नहीं आई?
समीर- नहीं,
तभी संजना की नजर समीर की कोहनी से बहते खून पर चली गई- “तुम्हें तो खून बह रहा है। चलो मेरे साथ हास्पिटल.." और संजना समीर को हास्पिटल ले गई।
डाक्टर ने शर्ट उतारकर देखा तो हल्की सी खरोंच आई थी। एक छोटी सी पट्टी करवा कर संजना समीर को अपने आफिस में ले आई।
संजना- तुम तो बहुत बहादुर हो।
समीर- थैक्स मेडम।
संजना- आज से तुम इस कंपनी के चीफ मैनेजर हो।
समीर की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। मारे खुशी के समीर ने संजना का हाथ चूम लिया।
संजना को बड़ा ही अच्छा लगा। संजना की बरसों की प्यास जाग उठी। संजना ने कहा- “समीर क्या थैक्स बोलना चाहते हो?"
समीर- जी मेडम थॅंक यू। आपका बहुत बहुत शुक्रिया कि मुझे कहां से कहां पहुंचा दिया।
संजना- “समीर, तुम्हें थॅंक यू और तरीके सेअदा करना है। बोलो करोगे?"
समीर- जी मेडम, मैं आपके लिए कुछ भी कर सकता हूँ।
संजना- “मेरे साथ सेक्स करोगे? मैं बहुत प्यासी हूँ, मेरी ये प्यास बुझा दो.." और संजना समीर से लिपट गई।
समीर कुछ ना बोल सका, और संजना ने अपने होंठ समीर के होंठों से लगा दिए। आज पहली बार समीर को ये अनुभव मिल रहा था। वो भी इतनी बड़ी कंपनी की मालेकिन के साथ।
संजना बरसों की प्यास बुझाना चाहती थी। भूखी शेरनी की तरह समीर के होंठों को चूम रही थी। अब समीर भी अपने होंठ चलाने लगा और अपनी जीभ डाल दी। संजना ने जीभ को होंठों में दबा लिया और चूसने लगी। दोनों सिर्फ और सिर्फ एक दूजे में लिपटेचिपटे चूसते रहे।
संजना- समीर चलो।
समीर- कहां मेडम?
संजना- मेरा थॅंक यू करने। करोगे मेरा थॅंक यू?"
समीर- जी मेडम, जैसा आप कहें।
संजना समीर को लेकर एक फाइव-स्टार होटल पहुँच गई। बरसों की प्यासी संजना को आज जैसे समुंदर मिल गया था। आज वो इस समंदर में डूबना चाहती थी। दोनों होटेल के रूम में पहुँच गये। संजना ने दरवाजा बंद किया और समीर को बाँहो में भर लिया।
संजना- समीर आज मुझे ऐसा थॅंक यू बोलना की मेरी बरसों की प्यास बुझ जाय।
समीर ने बिना कुछ कहे अपने होंठों को संजना के होंठों से जोड़ लिया, समीर ने आज पहली बार सेक्स की दुनियां में खदम रखा था, और संजना के उभारों को देखकर समीर ने कहा- “मेडम आपकी चूचियां पकड़ लूँ?"
संजना- ये भी कोई पूछने की बात है? जो भी करना है बिना पूछे करो। मैं आज बस तुम्हारी सेक्रेटरी हूँ, और तुम मेरे बास.."
समीर संजना के उभारों पर हाथ फेरने लगा क्या मस्त चुचियां थी संजना की? समीर का तो लौड़ा टाइट होने लगा। समीर ने संजना की चूचियां खोल दी।
संजना भी लण्ड देखना चाहती थी, कहा- “समीर कपड़े पहने हुए थेंक यू बोलोगे क्या?"
समीर- “पहले मैं आपका थॅंक यू कर दूं। देखो कैसे करता हूँ?" और समीर ने संजना को उठाकर बेड पर पटक दिया और उसकी सलवार उतार फेंकी। सामने गुलाबी बरसों की प्यासी चूत थी, ऐसा लग रहा था बंद कली हो, और समीर झुकता चला गया। अपने होंठ चूत की दरार में लगा दिया।
संजना- “अहह... हाँ समीर्रर ऐसे ही बोलते हैं थैक्क यू.."
संजना की चूत में रस बह निकला, जो समीर बड़े मजे में चूस रहा था।
संजना- “आहह... समीर आज सीई तुम मेरे मालक्क हूँ ओर मैं तुम्हारी गुलाम्म..” कितना मजा आ रहा था संजना को।
समीर भी मेडम को खुश करना चाहता था। मेडम ने समीर को कहां से कहा पहुँचा दिया था। इतना तो समीर का भी फर्ज बनता है, आज मेडम को तृप्त करना है। क्या चुसाई कर रहा था समीर। जैसे इस खेल का माहिर खिलाड़ी हो। संजना भी समीर के बालों में हाथ फेरने लगी। समीर की जीभ अपना कमाल कर रही थी। जीभ अंदर तक घुस जाती।
संजना की बेचैनी बढ़ती जा रही थी। अपनी चूत को ऊपर उठा-उठाकर चुसवा रही थी- “ओह्ह... समीर आई आम कमिंग..." और संजना का फौवारा छूट गया।
समीर का पूरा मुँह चिपचिपे चूत-रस में सन गया।
संजना- मजा आ गया समीर, ऐसा थेंक यू बोला तुमने।
समीर के पैंट में ऐसा टेंट बन चुका था की बस बाहर आने के लिये फाड़ ना दे।
संजना की आँखें चमक गई टेंट देखकर, और कहा- "इसे क्यों सजा दे रहे हो? बाहर निकालो..." कहकर संजना ने लण्ड बाहर निकाल लिया। और इतना लंबा लण्ड देखकर संजना की खुशी का ठिकाना ना रहा और गप्प से मुँह में भर लिया।
समीर की सिसकी निकाल गई- "ओहह... इस्स्स्स
."
संजना जितना अंदर ले सकती थी लण्ड को ले लिया, बड़ी ही मस्ती में ब्लो-जाब कर रही थी। संजना की चूत में एक बार फिर उबाल आने लगा। अब संजना की चूत लण्ड लेना चाहती थी।
संजना ने लण्ड बाहर निकाल लिया, और पैर फैलाकर लेट गई। चूत एकदम समीर की नजरों के सामने आ गई, जैसे कह रही हो यहां डाल दो। समीर का लण्ड भी अब सबर नहीं कर पा रहा था। आगे बढ़कर चूत पे टिका दिया। संजना की चूत में इतना गीलापन आ चुका था, ऊपर से समीर भी जोश में था। समीर ने लण्ड पर इतनी जोर से दबाओ दिया की चूत को चीरता हुआ आधा घुस गया
संजना की दर्द भरी चीख निकल गई- उईई मर गई... आहह... इसे डाल्लो... बहुत बड़ा है तुम्हारा समीर, अभी इतना ही रहने दो। रुक जाओ दो मिनट, मुझे सांस लेने दो..."
समीर भी आधा लण्ड डाले रुका रहा। दो मिनट बाद समीर ने लण्ड को हल्का सा बाहर खींचा। संजना फिर दर्द से छटपटाई। ऐसा लग रहा था जैसे संजना कुँवारी हो।
समीर- मेडम आपने कभी पहले चुदाई नहीं की?
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