RE: Kamukta Story घर की मुर्गियाँ
समीर- बोल तुझे क्या चाहिए अपने भइया से? मैं तेरे लिए लेकर आऊँगा।
नेहा- "बस आपका प्यार चाहिए..." और नेहा बेड से उतर गई। फिर समीर के सामान की पैकिंग कराई। फिर दोनों एक दूजे की बाँहो में लिपटकर सो गये।
सुबह 6:00 बजे समीर की आँख खुली। नेहा लिपटे हुए सो रही थी। समीर ने झुक कर नेहा को किस किया। कितनी मासूम है नेहा? कैसे कर पाऊँगा इसके साथ सेक्स? इसकी एक आड भी निकलते देख नहीं सकता, और समीर नेहा को उठाता है।
नेहा उठते हुए- “गुड मार्निंग भइया..
समीर- गुड मार्निंग। चल अपने कपड़े ठीक कर। कहीं इस हालत में किसी ने हमें देख लिया तो जाने क्या समझेगा?
दोपहर एक बजे समीर को एयरपोर्ट छोड़ने, अजय अंजली नेहा भी साथ गई, और फिर चलते टाइम सबकी आँखें भीगी थी।
नेहा समीर के गले लगते हए- “भइया जल्दी घर आना.."
समीर और संजना सबसे गले मिलकर चले गये
नेहा बुझे मन से मम्मी पापा के साथ वापस घर आ गई
समीर और संजना दूसरे मुल्क में अकेले जाने क्या-क्या गुल खिलाते हैं।
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संजना- कैसा लग रहा है समीर इंडिया से बाहर जाकर
समीर- मुझे बड़ी अजीब सी फीलिंग हो रही है।
संजना- पहली बार ऐसा ही होता है। अगली बार नहीं होगा।
समीर- मेडम आप पहले भी जा चुकी हो?
संजना- आस्ट्रेलिया तो पहली बार जा रही हूँ। वैसे चाइना और दुबई तो कई बार जा चुकी हूँ।
समीर- मेम, एयरपोर्ट आयेगा कोई हमें लेने?
संजना- हाँ मेरी बात हो चुकी है। कंपनी से मैनेजर हमें लेने आयेगा।
हम आस्ट्रेलिया पहुँच गये। मैनेजर हमें एयरपोर्ट से लेकर सीधा होटल पहुँचा।
मैनेजर- "मेडम, आज आप यहां आराम कीजिए। सुबह मैं आपको कंपनी ले जाऊँगा..."
कितना शानदार होटल बना था। रिसिप्शन पर दो लड़किया.. उफफ्फ... इतने शार्ट कपड़े पहने थी की बस लण्ड और चूत ही कवर हो पा रही थी। संजना और समीर देखते रह गये।
संजना- पहले कुछ खाने का आर्डर कर दें।
लड़की- मेम आप रूम में चलिये। हम खाना आपके रूम में भिजवा देंगे।
संजना- “ओके.." और दोनों रूम में पहुँच गये।
खाना खाकर संजना ने समीर के सामने ही अपने कपड़े उतारे, और एक नाइटी पहन ली। ऐसा हाट सीन देखकर समीर का लौड़ा टाइट हो गया, और समीर ने भी अपने कपड़े संजना के सामने ही बदल लिए, और दोनों आकर बेड पर लेट गये।
संजना- समीर कुछ चाहिए?
समीर- जी मेडम।
संजना- क्या?
समीर भी एकदम खुला बोलता है- “आपकी चूत..."
संजना- बड़े बेशर्म हो, कितना गंदा बोलते हो।
समीर- “और क्या कहूँ, जब आपने बोला क्या चाहिए?"
संजना समीर की तरफ मुँह करके लेटी थी। समीर खिसक कर संजना के ऊपर आ गया, और अपने होंठ संजना के होंठों से मिला दिए। समीर भी कई दिन से चूत का प्यासा था। समीर ने संजना को बाँहो में भर लिया और उसका जिश्म चूमने लगा।
संजना तड़प सी गई, और समीर का भी लवर उतार फेंका। अंडरवेर में लण्ड का उभार संजना को साफ दिख रहा था। संजना बोली- “क्या बात है समीर, आज तो लण्ड का साइज डबल लग रहा है?” कहकर संजना से लण्ड अंडरवेर से बाहर निकाल लिया और सहलाने लगी।
समीर- “आहह... इस्स्स्स ... है ओहह... आराम से.." और गप्प से लण्ड मुँह में उतार लिया। बड़े ही प्यार से लण्ड
को अपने अंदर समा रही थी।
समीर- क्यों मेडम, कैसा लग है?
संजना ने लण्ड मुँह से बाहर निकाला, और कहा- "बड़ा ही टेस्टी लग रहा है.."
समीर ने मेडम के सारे कपड़े निकाल दिए और दोनों टाँगें फैलाकर चूत को निहारने लगा। चूत इस वक्त पूरी गीली हो चुकी थी। समीर बोला- “हाय मेडम... क्या मस्त चूत है आपकी... जी चाहता है सारा रस निचोड़ लूँ..."
संजना- "निचोड़ लो समीर..."
समीर के होंठ चूत के बहते रस को चाटने लगी।
संजना के सिसकारियां रूम में गूंजने लगीं। क्या मस्त सिसकियां ले रही थी संजना- “आहह... सस्स्सी ... उम्म्म ...
आss आss आहह... ऐसे ही समीर आहह... उफफ्फ मजा आ रह है उफफ्फ... उईईई...”
अब समीर से रहा नहीं जा रहा था। संजना को डोगी स्टाइल बनाया और लण्ड चूत के छेद से टिकाकर एक हल्का सा धक्का मारा, तो गीली चूत में घुसता चला गया।
संजना- आह्ह... मजा आ गया... क्या मस्त लण्ड है... समीर पूरा घुसा दो जड़ तक.."
समीर भी पूरे जोश में आ चुका था, मगर धक्के धीरे-धीरे मार रहा था।
संजना- “आहह... समीर आहह... समीर हाँ... ऐसे ही जोर से मारो... और जोर से... आहह... उईई आss ओहह... हाँ हान आहह..."
समीर ने संजना को अपने नीचे कर लिया और निप्पल मुँह में भर लिए और चूचियों को चूसने लगा। नीचे से लण्ड भी चूत में घुसा था, धक्कों की स्पीड बढ़ती जा रही थी।
संजना से अब बर्दाश्त करना मुश्किल था, और ढेर सारे पानी ने समीर का लण्ड भिगो दिया। जिससे लण्ड भी ना टिक सका और झटके मारते हए चूत की गहराई में तीन धार छोड़ी, जिसने संजना को तृप्त कर दिया। और दोनों यूँ ही नंगे लेटे सो गये।
सुबह समीर जल्दी उठ गया। संजना समीर से लिपटी हुई सो रही थी। समीर ने संजना के हाथ हटाये और बेड से उठकर बाथरूम में पहुँचकर फ्रेश हुआ, और अपने रूम से निकलकर रिसेप्षन पर पहँचा।
रिसेप्शनिस्ट लड़की- “गुड मार्निंग सर.."
समीर- “गुड मार्निंग." उफफ्फ... क्या हसीन लड़कियां थीं, वो भी सिर्फ ब्रा पैंटी में दूध जैसी सफेद, आधे से ज्यादा बाहर झाँकती चूचियां। समीर सोचता है- “यहां कितने मजे हैं, ऐसे हसीन नजारे देखने को मिलेंगे."
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