RE: Antarvasnax शीतल का समर्पण
शीतल की वसीम से चोदवाने की ख्वाहिश
शीतल साचती-सोचती नींद के आगोश में जा चुकी थी। सुबह जब नींद खुली ता नंगी थी शीतल। शीतल राज सवेरे जागकर फ्रेश होती थी और फिर नहाकर पूजा करके फिर चाप बनाती थी और विकास को जगाकर चाय देती थी। शीतल नंगी ही बेड से उठी और फ्रेश होकर नहाने चल दी। पहली बार वो अपने घर में ऐसे नंगी घूम रही थी। नहाने के बाद वो एक साड़ी पहन ली और पूजा करने लगी। फिर चाय बनाकर उसने विकास को जगाया और फिर किचेन के काम में लग गई।
शीतल का ये सब डेली रुटीन था लेकिन शीतल का ध्यान दोपहर पे था की आज वो बसीम से फाइनल बात करके रहेंगी।
विकास आफिस चला गया और शीतल एक बजे का इंतजार करने लगी। उसके मन में बहुत उथल-पुथल मची हुई थी। आज वो स्टोररुम में नहीं गई। उसका प्लान था की जब वसीम पैंटी बा हाथ में लेकर मूठ मार रहा होगा तब वो ऊपर जाएगी और वसीम से क्लियर कट बात करेंगी।
आज फिर उसका दिल तेजी से धड़क रहा था की क्या होगा? कहीं वसीम ने मुझे चोदने की बात कह दी तो क्या मैं उसी वक़्त चुदवा लेंगी? अगर उन्होंने मना कर दिया और गलती मानते हुए बोल दिया की आगे से ऐसा कभी नहीं करेंगे तो? नहीं नहीं। मैं उन्हें गलती नहीं मानने गुज़ारा । इस तरह तो वो और शर्मिंदगी महसूस करेंगे और अंदर-अंदर ही और घुटेंगे। मुझे उन्हें समझाना होगा की आपने जो किया उसमें कुछ गलत नहीं है और आप तो बहुत महान हैं की बस ऐसा करके खुद को सम्हाल लेते हैं। मेरे सामने रहने में भी मुझे देखते भी नहीं। आपकी जगह कोई और होता तो रोज जो दिन भर मैं अकेली होती हैं, पता नहीं क्या करता? आपको घबराने शर्माने की जरूरत नहीं है। आप मुझसे बात कीजिए और मुझे बताइए की प्राब्लम क्या है?
दरवाजे से अंदर आते ही शीतल के घर के दरवाजा को देखकर बसीम समझ गया की उसकी होने वाली रांड़ शीतल शर्मा आज ऊपर नहीं गई है। शीतल का दरवाजा अंदर से बंद था। अगर वो ऊपर जाती तो दरवाजा या तो बाहर से बंद होता या फर खुला होता। उसे थोड़ा बुरा लगा की कहीं मैं ओवरएक्टिंग तो नहीं कर गया। ऊपर पैटी ब्रा अपनी जगह पे वसीम के वीर्य के इंतजार में टंगी पड़ी थी। वसीम रूम में गया और कपड़े चेंज करके शीतल का इंतजार करने लगा की शायद वो आए लेकिन वो नहीं आई।
बसीम अपने डेली के काम में लग गया, स्टाररूम के बाहर मूठ मारने का। उसने स्टोर रूम में झाँक कर भी देखा लेकिन वहाँ कोई नहीं था। आज बसीम का लण्ड टाइट ही नहीं हो रहा था। उसे लगने लगा की मैंने ओबर आक्टिंग कर दी हैं। रात में शीतल रंडियों की तरह बिना ब्रा पहनें क्लीवेज दिखातें सिर्फ गाउन लपटें आई थी और बात भी करने की कोशिश की। लेकिन मैं सीधा ऊपर आ गया था। कहीं राड़ ने ये तो नहीं सोच लिया की मैं उसके हाथ नहीं आने वाला, और अब वो कहीं मुझसे दूर तो नहीं रहने वाली। सही बात है यार, रोज-रोज कोई हाडिन माल सिर्फ मुझे लण्ड हिलाता देखने क्यों आएगी? नहीं मेरी जान, मैं तुझे बिना चा नहीं छोड़ सकता। अगर मैं तुझे बिना चोदें मर गया तो मेरी रूह को भी शुकून नहीं मिलेगा। मुझे कुछ करना होगा। मैं तुझे खुद से दूर होने नहीं दे सकता।
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