Antarvasnax शीतल का समर्पण
07-19-2021, 12:14 PM,
#42
RE: Antarvasnax शीतल का समर्पण
शीतल वसीम के हाथ को हटा दी और लण्ड में जल्दी-जल्दी हाथ आगे-पीछे करने लगी। उसकी चूड़ियां छन-छन कर रही थीं। थोड़ी ही देर में शीतल का हाथ दर्द करने लगा। वो नीचे बैठ गई और दूसरे हाथ से करने लगी।

लेकिन भला इतनी जल्दी बसौम का लण्ड चौर्य कैसे छोड़ देता? शीतल गुस्से से ऊपर बसौम को देखी, जो चेहरे पे ऐसे भाव बनाए था जैसे बहुत मजकूर और परेशान हो।

शीतल और जोर से करती हई खीझ में बोली "निकालिए ना वीर्य चाचा। क्यों खुद को ही परेशान कर रहे हैं?"

वसीम को शीतल की खीझ में हँसी आ गई। लेकिन उसने खुद को हँसने से रोक लिया।

शीतल समझ गई की वसीम उसकी बात नहीं मानने वाला है। वो खड़ी हो गई और वसीम के गले लगकर उसके होठ चूमने लगी। उसे लगा की अब शायद वसीम अपने लण्ड का वीर्य गिरा पाए। लेकिन वा वसीम खान था। शीतल वसीम के होंठ च मते हुए ही लण्ड को हाथ से आगे-पीछे करने लगी।

कुछ असर नहीं होता देखकर शीतल फिर बोली. "क्यों नहीं वीर्य निकाल रहे आप? आखिर चाहते क्या हैं आप? में इतना कुछ कर रही हूँ अब और क्या करें कूद जाती हूँ में ही छत से.." और वसीम से अलग हो गई थी।

शीतल- "आप क्यों खुद तड़पना चाहते हैं? क्यों कर रहे हैं आप ऐसा? आप चाहते क्या है आखिर... शीतल आगे बद कर वसीम को धक्का दी।

वसीम- "शीतल में कुछ भी चाहूं क्या फर्क पड़ता है? इंसान की सारी चाहत पूरी तो नहीं होती."

शीतल अभी वसीम से बहस के मूड में नहीं थी। वो नीचे बैठ गई और वसीम के लण्ड को मुँह में ले ली। उफफ्फ... इसी मदहोश कर देने वाली खुश्बू की तो दीवानी थी वो। शीतल बड़ा सा मँह खोली अपना और लण्ड का अंदर लेती हुई चसने लगी। शीतल अपने दोनों हाथ से वसीम की गाण्ड पकड़ते हुए लण्ड चसने लगी। अब वसीम का लण्ड और टाइट हो गया था।

वसीम- "आहह... शीतल प्लीज़... आह्ह... ये क्यों कर रही हो तम्म ओहह..." वसीम सीधा खड़ा शीतल के सिर पे हाथ रखें खड़ा था।

शीतल अपने हिसाब से लण्ड को अच्छे से चस रही थी। हालांकी वसीम का आधे से ज्यादा लण्ड बाहर था। अब शीतल का दिमाग कुछ और कर रहा था। शीतल लण्ड चूसते-चूसते ही अपनी नाइटी को उतार दी। अब शीतल पैंटी ब्रा में बैठी वसीम का लण्ड चूस रही थी। वसीम का लण्ड पूरा टाइट था लेकिन वीर्य निकलना आसान नहीं था। शीतल बोली- "क्सीम। चाचा प्लीज... निकालिए ना वीर्य। मुझे नहीं आता। क्यों परेशान कर रहे हैं। आप वीर्य नहीं निकालंगे ता मुझे लगेगा की मैं कसूरवार ..."

शीतल समझ रही थी की उसने शेर के मुँह में खून लगाकर उसकी भूख को और बढ़ा दिया है। शेर खुद को भूखा मारना चाहता है, लेकिन वो हिम्मत नहीं हारेगी। शीतल खड़ी हो गई और फिर वसीम से चिपक गई। वो अपनी पैंटी को थोड़ी नीचे की और लण्ड को अपनी पैटी में लेते हए चूत से सटा ली। शीतल वसीम में पूरी चिपकी हुई थी और वसीम का लण्ड शीतल की पैंटी में चूत से रगड़ रहा था।

शीतल- "उस पैटी पे नहीं तो इस्स पैटी में गिरा लीजिये वसीम चाचा। लेकिन बिना वीर्य गिराए मैं आपको छोड़गी नहीं आहह..."

वसीम का लण्ड पूरा टाइट था और वो चूत के छेद पे रगड़ रहा था। वसीम ने अब शीतल को पकड़ लिया। अचानक शीतल को अपनी चूत में लण्ड की चुभन हुई और शीतल दर्द से चिढंक गईं। शीतल वसीम के कंधे को पकड़कर पंजे के बल उठ गई। वसीम ने शीतल को खुद से चिपकाए हुए ही उठा लिया। वसीम का लण्ड शीतल की चूत के बीच में फंसा था, और एक तरह से शीतल क्सीम के लण्ड में बैठी थी।

लण्ड चूत में सटते ही शीतल पागल हो उठी। वसीम भी पागलों की तरह शीतल के होठों को चूसने लगा और टी शर्ट ब्रा का पीछे से उठा दिया। शीतल ब्रा को हटा दी और वसीम का साथ देने लगी। उसकी नंगी चूची एक बार फिर वसीम के सीने से दब रही थी। वसीम इसी तरह शीतल को लिए हुए ही बैंड पे आ गिरा और होंठ चूमते हए ही शीतल की चूची को जोर-जोर से मसलने लगा।

शीतल- “आहह... उहए.." किए जा रही थी। शीतल पागल हो रही थी। अब उसका जिक्षम उसके काबू में नहीं था।

वसीम शीतल से अलग हुआ और उसकी पैंटी को उसके पैरों से अलग करता हुआ फेंक दिया। उसने एक चूची को कस के भींचा और दूसरे हाथ से शीतल की चूत में अपनी बीच वाली उंगली को घुसा दिया।

शीतल का बदन ऐंठ गया- "आह्ह... अहह... वसीम्म्म चाचा आहह...'

वसीम अपनी उंगली को शीतल की गीली चूत के अंदर जलता हआ महसूस किया। उसे शीतल के बदन की गर्मी का एहसास हो गया। उसे अंदाजा हो गया की ये राड़ उसे कितना मजा देने वाली है। शीतल की चूत की आग आसानी से वैसे भी बुझने वाली नहीं थी और वसीम बस इस आग को बढ़ा रहा था।

वसीम तीन-चार बार उंगली को अंदर-बाहर किया और शीतल के मुँह में दे दिया। शीतल अपनी ही चूत के रस को पागलों की तरह चस ली। शीतल का दिमाग भी साथ-साथ काम कर रहा था और उसे अपनी पतिक्ता कसम भी याद आ रही थी। लेकिन एक तो उसका जिश्म उसके काबू में नहीं था और दूसरा वा वसीम को रोकना नहीं चाहती थी। वो सोची की विकास ने तो बोल ही दिया है चुदवाने को तो चुदवा ही लेती हैं। और उसके पैर अपने
आप फैल गये थे।
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasnax शीतल का समर्पण - by desiaks - 07-19-2021, 12:14 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,478,582 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 541,943 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,223,047 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 924,704 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,641,004 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,069,961 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,932,885 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,996,963 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,009,311 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,773 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)