RE: Antarvasnax शीतल का समर्पण
वसीम की उंगली चूत से बाहर आई तो पूरी तरह गीली थी। वसीम कैमरा में अपनी गीली उंगली दिखाने लगा
और उसी हाथ से शीतल की एक चूची और निपल को मसलने लगा। शीतल अभी भी चेहरा टकी हुई थी तो वसीम निपल को कस के मसलकर ऊपर खींचने लगा। शीतल आउ: करती हई दर्द कम करने के लिए अपने बदन को ऊपर उठाई और चेहरे से हाथ हटाकर वसीम का हाथ पकड़ ली। वसीम मुश्कुरा दिया और शीतल के चेहरा के साथ पूरे जिएम का वीडियो काई करता रहा।
वसीम ने कैमरे को वापस स्टैंड में लगा दिया और फिर से शीतल के पैरों के बीच बैठ गया। वसीम ने शीतल के पैरों को अच्छे से फैला दिया, और अपने हाथों से चूत को फैलाता हुआ चूत पे किस किया और फिर चसने लगा। वो अपनी उंगली भी चूत के अंदर-बाहर कर रहा था और चूत को चस भी रहा था। हाथ से चूत के छेद को फैलाकर अपनी जीभ को चूत के अंदरूनी हिस्से में सटा रहा था बसीमा वसीम अपनी जीभ से ही शीतल की चुदाई कर रहा था। वसीम जीभ को चूत के अंदर सटाकर चूस रहा था और फिर चूत के दाने को मुँह में भरकर खींचने लगा था।
शीतल अब खुद को नहीं रोक पाई और उसके मुँह से आऽ5 उड्... की आवाज निकलने लगी। वसीम शीतल की चूत को चूसता जा रहा था और बीच-बीच में उंगली भी करता जा रहा था। शीतल अपने बदन को ऐछने लगी और उसकी चूत में कामरस छोड़ दिया और वसीम को पता चला गया। शीतल हाँफ रही थी।
वसीम अब लेटी हईशीतल के मैंह के पास आया और अपने पायजामें को नीचे कर दिया और उसका विशाल सा लण्ड उसके अंडरवेर को फाड़ने के लिए तैयार था। उसने शीतल का हाथ पकड़कर अपने अंडरवेर पे रखा और शीतल उसे सहलाने लगी। वसीम शीतल के बगल में सीधा लेट गया।
शीतल करवट होकर वसीम से चिपक गई, उसकी चूचियां वसीम के जिश्म से दब रही थी। अब वो वसीम के लण्ड का अंडरवेर के ऊपर से सहला रही थी। फिर शीतल थोड़ा सा उठी और अंडरवेर को नीचे कर दी। अंडरबेर नीचे करते ही फुफकारते हए सौंप की तरह लण्ड बाहर निकला और तनकर खड़ा हो गया। शीतल मुश्कुरा दी।
आज उसे लण्ड और बड़ा और मोटा नजर आया। आज फाइनली इस मोटे और बड़े से लण्ड का शीतल की छोटी मी चूत के अंदर की सैर करनी थी।
शीतल उस लण्ड को सहलाने लगी जिसने कई बार उसके नाम का मूठ मारा था। शीतल का ये सब पहला अनुभव था। वो विकास के साथ ये सब कुछ नहीं की थी, फिर भी वसीम को बुरा ना लगे और उसे खुशी मिले, उसने वसीम का पायजामा और अंडरवेर को नीचे करके उतार दिया और वसीम के पैरों के बीच बैठ गईं। शीतल लण्ड को पूरे हाथ में लेकर पकड़ ली और झुकती हुई उसे किस की। लण्ड की खुश्ब उसे दीवाना कर गई। वो लण्ड पे झकती गई और मैंह को फैलाती गई और फिर उसे मैंह में लेकर चूसने लगी। उसकी चूचियों वसीम के जांघों को सहला रही थी। शीतल अपने मुँह का और फैलाई और अच्छे से लण्ड का मुँह में भर कर चूसने लगी। बो पहले से भी अच्छे तरीके से लण्ड चूस रही थी। अब तो उसके पास लण्ड चूसने का अनुभव भी था।
वसीम ने शीतल को रोक दिया और उसका मैंह हटा दिया। शीतल चौंक गई की अब क्या हो गया? कहीं ये मुझे आज भी नहीं चोदेंगे क्या? लेकिन आज बहुत कुछ होना था। वसीम उठकर बैंड के किनारे पैर लटका कर बैठ गया और शीतल अब नीचे बैठकर वसीम का लण्ड चूस रही थी। वसीम में कैमरा हाथ में ले लिया और खुद काडिंग करने लगा।
शीतल बहुत जतन और ध्यान से वसीम का लण्ड चूस रही थी। वो पी तरह कोशिश कर रही थी की पूरा लण्ड वो मुँह में ले पाए लेकिन ये हो नहीं पा रहा था। शीतल बहुत सेक्सी लग रही थी इस तरह लण्ड को चूसते हुए। वसीम ने शीतल को बेड पे लेटने के लिए कहा। शीतल बैड पं आकर लेट तो गई, लेकिन उसकी टाँगें आपस में सटी हुई थी और एक तरह से वो अपने नंगे बदन को समेट रही थी। वो समझ रही थी की वसीम ने उसे चोदने के लिए बैंड पे लिटाया है और अब उसकी चुदाई होने वाली है। चुदाई के इस एहसास ने उसे रोमांचित कर दिया और वो फिर से शर्मा रही थी।
वसीम ने कैमरा को स्टैंड पे लगा दिया और शीतल के पैर को फैलाता हुआ बीच में बैठ गया। उसने शीतल के पैर को अच्छे से फैला दिया और चूत में किस करता हुआ उंगली करने लगा। अब वो शीतल के पैरों के बीच में लगा
ही थोड़ा आगें आ गया और अपने लण्ड को शीतल की चूत में सटा दिया और फिर चूत को लण्ड से सहलाने लगा। लण्ड चूत में सटते ही शीतल के जिस्म में करेंट दौड़ गया। वो पूरी तरह गरमा गई और चूत गीली हो गईं। वसीम अपने लण्ड से शीतल की चूत को सहलाते जा रहा था और जगह बनाते जा रहा था।
शीतल चूत में वसीम का लण्ड लेने के लिए आतुर हो रही थी। लण्ड के अंदर जाने पर होने वाले दर्द को सहनें के लिए भी बो मेंटली तैयार हो चुकी थी। शीतल सोच रही थी "आहह... वसीम डालिए ना अब अंदर। मेरी चूत आपके सामने हैं। डाल दीजिए अपने लण्ड को अंदर और चोदिए मुझे। जितने सपने आपने देखें हैं मुझे सोचते हुए, सब पूरे कर लीजिए आह्ह... गरौंद डालिए मेरे जिएम को आहह... वसीम प्लीज़... डालिए ना अंदर .. लेकिन उसके मुँह से बस आहह... उम्म्म ह... की आवाज ही आ रही थी।
वसीम लण्ड के लिए रास्ता बनता हुआ चूत सहला रहा था और शीतल अपनी कमर उठाकर लण्ड अंदर ले लेना चाहती थी। वसीम लण्ड को चूत से सटाकर शीतल के ऊपर लेट गया और उसके होठों को चूमने लगा और चचियों मसलने लगा।
शीतल अब बर्दाश्त नहीं कर पाई, कहा- "डालिए ना वसीम अंदर, क्या कर रहे हैं आप?"
वसीम शीतल के गालों को चमता बोला- "क्या डालं मेरी जान?"
शीतल एक झटके में बोली- "लण्ड..." लेकिन तुरंत ही उसे एहसास हो गया की वो क्या बोली और शर्मा गईं।
वसीम उसकी चूचियों पे दाँत काटता हुआ पूछा- “कहाँ मेरी जान?"
शीतल दो सेकेंड के लिए रुकी लेकिन फिर अपने शर्म को त्यागती हुई बोली- "मेरी चूत में। ओह्ह... वसीम क्यों तड़पा रहे हैं?"
अचानक शीतल को अपना निश्म फटता हुआ महसूस हुआ। वो दर्द से बिलख गई। वसीम ने शीतल को कस के अपनी बाहों में पकड़ लिया था। वसीम का लण्ड शीतल की चूत के रास्ते को खोल चका था। वसीम ने अपनी कमर का भार शीतल की चूत पे बढ़ाया और अपने दर्द को सहती हुई शीतल आह्ह... आह माँ... करती हुई दोनों पैर को पूरी तरह फैला ली और फाइनली वसीम खान का लण्ड शीतल शर्मा की चूत के अंदर आ चुका था। वसीम ने अब एक धक्का मारा और उसका लण्ड शीतल की चूत की गहराइयों में उत्तरता चला गया।
शीतल का दर्द कम हो चुका था। वो कोई कुँवारी लड़की तो नहीं थी फिर भी 3 इंच के बाद आज ही उसका कुँवारापन दूर हुआ था। अभी भी पूरा लण्ड अंदर नहीं गया था। वसीम शीतल के होठों को चूमने लगा, चूसने लगा। वसीम ने एक धक्का और मारा और बचा खुच लण्ड भी शीतल की चूत में समा गया। वसीम अब कस कस के धक्के लगाने लगा।
शीतल आहह ... उऊहह ... करने लगी। वसीम के धक्के में शीतल का पूरा जिस्म हिल रहा था। शीतल की मुलायम चूचियां पूरी तरह से उछल रही थी, और वसीम अपने अरमान पूरे कर रहा था। तुरंत ही शीतल की चूत में अपना पानी छोड़ दिया। लेकिन तुरंत ही वो फिर से गरमा गई थी।
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