RE: Desi Chudai Kahani मकसद
“देखो न, कल तीन-चार घंटे के वक्फे में ही पहले वो फोन पर माथुर नाम के उस आदमी से झगड़ा, फिर उसकी अपने वकील से तकरार हुई, फिर तुम्हारे से जुबानी जंग छिड़ी ।”
“अब मैं क्या कहूं ! बाज वक्त आदमी का मूड ही कुछ ऐसा होता है ।”
“तुमने ये माथुर वाले टेलीफोन वार्तालाप की बाबत पुलिस को बताया था ?”
“नहीं ।”
“क्यों ?”
“तब मुझे ध्यान ही नहीं आया था इस बात का ।”
“कत्ल साढ़े आठ बजे हुआ था ।” मैं अर्थपूर्ण स्वर में बोला - “मैंने भी बताया था और मैटकाफ रोड से भी खबर लगी होगी तुम्हें ।”
“फिर तो उसी ने किया होगा कत्ल ।” वो तनिक उत्तेजित स्वर में बोली ।
“किसने ?”
“माथुर नाम के उस शख्स ने जिसने चार बजे शशिकांत को फोन किया था...”
“या जिसे शशिकांत ने फोन किया था ।”
“.....जिससे शशिकांत ने फोन पर साढ़े आठ बजे की अप्वाइंटमेंट फिक्स की थी और जो फोन पर ही उसे शूट कर देने की धमकी दे रहा था ।”
“अगर वो अपनी धमकी पर खरा उतरने का ख्वाहिशमंद होता तो बाईस कैलीबर की कोई खिलौना-सी रिवॉल्वर साथ न लिए होता ।”
“शॉर्ट नोटिस पर उसे वही रिवॉल्वर उपलब्ध होगी ।”
“एकाएक बड़ी सयानी बातें करने लगी हो !”
“क्या गलत बात कही मैंने ?”
“कोई नहीं । डिसूजा से तुम्हारी बात हुई ?”
“नहीं ।”
“पुलिस को उसकी खबर लग गई ?”
“पुलिस को ?”
“हां । आखिर वो भी तो कत्ल के इस ड्रामे का अहम किरदार है ।”
“ओह !”
“पुनीत खेतान ने उसका जिक्र पुलिस से किया था ?”
“मालूम नहीं । किया था तो मेरे सामने नहीं किया था ।”
“और तुमने ?”
“मैंने नहीं किया था । खामखाह क्यों मुंह फाड़ती मैं ? मेरे से इस बाबत कुछ पूछा जाता तो मैं कह देती ।”
“अब तुम क्या करोगी ?”
“मैं क्या करूंगी क्या मतलब ?”
“भई, तुम्हारा एम्पलायर, तुम्हारा प्रास्पेक्टिव गॉडफादर तो मर गया ।”
“वो !” वो लापरवाही से बोली, “उसका क्या है, कोई और मिल जाएगा ।”
“ये भी ठीक है । यानी कि इस फ्रन्ट पर कोई प्रॉब्लम नहीं !
उसने बड़े आत्मविश्वास के साथ इन्कार में सिर हिलाया ।
उस घड़ी मुझे अपना एक बड़ा पसंदीदा चुटकला याद आया जो था तो चुटकला लेकिन उस घड़ी की हकीकत को बड़ी खूबी से चरितार्थ कर रहा था । सात-आठ साल की एक लड़की ने अपनी मां से पूछा कि खसम क्या होता था । मां ने बेटी को समझाया, कि बेटी जब तू बड़ी होगी; अच्छी लड़की बनेगी, तो तुझे एक मिल जाएगा । ‘अगर मैं अच्छी लड़की न बनी’, बेटी ने पूछा । तो कई मिल जायेंगे । मां का जवाब था ।
वाकई दिल्ली शहर में बिगड़ी हुई, खूबसूरत, नौजवान लड़की के लिए इस फ्रन्ट पर कोई प्रॉब्लम नहीं थी ।
फिर उससे फिर मिलने का वादा करके मैं वहां से रुखसत हुआ ।
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