RE: Desi Chudai Kahani मकसद
“मैं भी ऐसा सोचा । मेरे को ऐसा फीलिंग है कि वो मेरे को कार पर एक्सपेक्ट नहीं करती थी । उसको मेरी मोटर बाइक मालूम । शी मस्ट बी आन दि लुक आउट फार ए मोटर बाइक । मैं उधर कार में गया । सो, कन्फ्यूजन ।”
“हो सकता है । सुजाता तुम्हें मैटकाफ रोड पर न मिली तो फिर तुमने क्या किया ?”
“मेरे को ब्लडी बहुत एजिटेशन हुआ । ब्लडी खुद बुलाया मेरे को और वेट नहीं किया ।”
“तुम टाइम पर जो नहीं आए थे ।”
“ओनली फिफटीन मिनट्स लेट था मैं ।”
“ऊपर से शशिकांत से उसका तीखा झगड़ा हो गया था । वैसा कुछ न हुआ होता तो तुम और भी लेट आते तो वो वहीं होती । झगड़े की वजह से ही गुस्से से आग-बबूला होकर वो एकाएक वहां से चली गई थी ।”
“आई अंडरस्टैंड नाओ । बट ऐट दैट टाइम आई वाज वैरी अपसेट ।”
“फिर जब वो मैटकाफ रोड पर न मिली तो तुमने क्या किया ?”
“मै सोचा कि उधर से वो किधर जाएगी तो अपना होस्टल में जाएगी । मैं मंदिर मार्ग पहुंचा । वो उधर पहुंची ही नहीं थी ।”
“तो ?”
“मैन, आई वाज गेटिंग मैड ।”
“वाई ?”
“आई वाज स्टुड अप ।”
“तुमने ऐसा सोचा कि शायद वो जानबूझकर तुम्हें अवायड कर रही थी, वो तुम्हारे साथ डेट फिक्स कर बैठी थी और फिर ऐन मौके पर तुम्हारे साथ शाम बिताने का उसका इरादा बदल गया था ?”
“एग्जेक्टली । यू सैड इट, मैन । मैं ऐग्जेक्टली ये ही सोचा । तब मेरे को लगा कि वो उधर कोठी में ही थी और उसी के बोलने पर शशि मेरे को उलटा-सीधा बोलकर उधर से भगाया और वो खेतान मेरे को बोला कि वो बाहर रोड पर कहीं होगी ।”
“फिर ?”
“फिर मैं कार में ही बैठकर व्हिस्की का बाटल खोला और दो-तीन ड्रिंक लिया । फिर मैं बैक मैटकाफ रोड गया ।”
“क्यों ?”
“मेरे को कनफर्म होना मांगता था कि सुजाता उधर थी या नहीं । मैन आई वांटिड टु क्रियेट ए सीन देयर । मैं उधर जबरदस्ती घुसना मांगता था और सुजाता को उधर देखना मांगता था ।”
“किया ऐसा तुमने ? घुसे तुम जबरन भीतर ?”
उसने इंकार में सिर हिलाया ।
“क्यों ?”
“मेरे से पहले उधर अपनी फेमस लाल मारुति पर पिंकी माथुर पहुंच गई ।”
“फेमस लाल मारुति ?”
“यस, मैन । ब्लडी जितने का कार, उससे ज्यादा का असेसरी । ऐवरीबॉडी नोज ।”
“तुम पिंकी माथुर को जानते हो ?”
“मैं पहचानता ।”
“कैसे ?”
“शशि का नाइट क्लब जब ओपन तो वो उधर रेगुलर आती । हर कोई पहचानता उसे । फेबुलस फैमिली बैकग्राउंड । रोटन हैबिट्स । बैग्ज ऑफ मनी टु स्पेंड । यु नो दि टाइप ।”
“यस ।”
“ऐवरी बॉडी इज आफ्टर सच चिक्स ।”
“आई नो । वो अपनी लाल मारुति पर वहां पहुंची । फिर ?”
“वो कार बाहर पार्क किया और कम्पाउंड में एंटर किया । फिर वो कोठी के मेन गेट पर पहुंची, डोर को ओपन किया और इनसाइड एंटर कर गया । मैं समझ गया कि सुजाता भीतर नहीं थी ।”
“वो कैसे ?”
“मैन, शशि एक छोकरी की प्रेजेंस में दूसरी छोकरी को नहीं बुलाना सकता ।”
“दूसरी छोकरी बिन-बुलाए आई हो सकती थी !”
“ऐसा होता तो वो बैल करती । आयरन गेट से नहीं तो इन साईड कोठी के मेन गेट से बैल करती । होस्ट दरवाजा खोलता, कम इन बोलता तो एंट्री लेती । पिंकी तो ऐसा कुछ नहीं किया ।”
ये महज इत्तफाक था कि पिंकी ने ऐसा कुछ नहीं किया था लेकिन जो कुछ डिसूजा ने देखा था, उसके मुताबिक उसने जो नतीजा निकाला था वो गलत नहीं था ।
“फिर ?” प्रत्यक्षत: मैं बोला ।
“फिर मै उधर से मूव कर गया” वो बोला, “और बैंगलो रोड पहुंचा जिधर मेरी एक और लेडी फ्रेंड होती । ब्लडी बैड लक कि वो भी नहीं मिली । फिर मैं ब्लडी व्हिस्की बाटल को ओपन किया और फुल बाटल कंज्यूम किया । बैक इधर आ रहा था तो तिलक मार्ग पर पुलिस पकड़ लिया । ड्रंकन ड्राइविंग में होल नाइट लाकअप में ब्लडी होल डे लाकअप में । पैसा दिया तो छूटा । वाट लक ! वाट लाउजी लक !”
“च.. .च ।” मैंने हमदर्दी जताई ।
“एंड नाओ मैन” उसने जोर से जम्हाई ली, “इफ यू डोंट माइंड ।”
“ओह नो । नाट ऐट आल ।आई एम थैंकफुल टू यू फॉर युअर कोआपरेशन ।”
“नैवर माइंड । मेक दि सीन सम अदर टाइम । यू आर मोस्ट वेलकम ।”
वो मुझे दरवाजे तक छोड़ने आया ।
“मैन ।” वहां एकाएक वह बोला, “युअर फेस...”
“क्या हुआ मेरे चेहरे को ?” मैं अपने मुंह पर हाथ फेरता हुआ बोला ।
“हुआ कुछ नहीं । बट... यू नो...एकदम शशि का माफिक लगता है । लाइक डबल-रोल ।”
“ओह !” मैं हंसा, “तो आखिरकार सूझ गया तुम्हें !”
“सूझा तो पहले भी बट...बोला अब ।”
“इत्तफाक की बात है ।” मैं बोला और उससे हाथ मिलाकर वहां से विदा हो गया ।
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