XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
08-04-2021, 12:20 PM,
#22
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
*फुलवा को गर्भ ठहर गया*

अब ढलती उम्र में कभी कभी सोचता हूँ कि यह कैसे संभव हुआ कि मेरी हरकतों को बारे में मेरे माँ और पिता को कभी कोई खबर नहीं लगी.यह सब शायद पहले नैना और बाद में छाया की होशियारी के कारण संभव हुआ. दोनों बहुत ही सतर्क रहती थी कि कभी भी हवेली में काम करने वाला नौकर या नौकरानी के मन में उठ रहे संशय को फ़ौरन दबा दिया जाये.
छाया का कहना था कि वो समय समय पर सब को यही कहती थी कि छोटे मालिक रात को बहुत डर जाते हैं तो किसी का उनके साथ सोना बहुत ज़रूरी था. यह कहानी इतनी प्रचलित कर दी गई कि नैना और फिर छाया का मेरे कमरे में सोना एक साधारण बात बन गई और छोटे मालिक की भलाई के लिए ही मालकिन ने यह उचित समझा है.और फिर छोटे मालिक एक सीधे साधे लड़के हैं और उनको दुनिया दारी का कुछ भी ज्ञान नहीं.इस बात को मेरे कमरे में रहने वाली सारी नौकरानियों के दिल में बिठा दी जाती थी और अपने शारीरिक सुख को जारी रखने के लिए ये बातें वो बार बार दोहराती थीं.
उधर मैं भी नैना छाया और अब फुलवा को बिना मांगे थोड़ा बहुत धन दे दिया करता था. जैसे नैना को हर महीने 100 रुपया देता था जो उसकी पगार के अलावा होता था. इसी तरह छाया और अब फुलवा को भी इतने ही पैसे हर महीने दे दिया करता था.
मेरी मम्मी हर महीने मुझको हज़ार रुपया जेब खर्चे के लिए देती थी और मैं जहाँ तक हो सके इन लोगों की मदद कर दिया करता था. यही हाल स्कूल में भी था, मैं हर एक दोस्त की मदद कर दिया करता था, वो सब मेरे अहसानों तले दबे रहते थे और मेरा बड़ा आदर करते थे.शायद यही आदत मुझ को कष्टों से बचा लेती थी.
अब हर रात को हम तीनों चुदाई का यह खेल खेलते थे. कभी छाया नीचे होती थी और मैं उसके ऊपर और फुलवा मेरे ऊपर.छाया ने नीचे से मारा गया हर धक्का मेरे ऊपर लेटी फुलवा मुको धक्का मार कर जवाब देती थी. नीचे से छाया और ऊपर से फुलवा के धक्कों के कारण छाया जल्दी ही झड़ जाती और तब फ़ोरन छाया अपनी जगह फुलवा को दे देती और मैं फिर उन दोनों के बीच में ही रहता.

जब दो दो बार दोनों झड़ गई तब मेरा एक बार फ़व्वारा छूटा लेकिन मैं अपना लंड फुलवा की चूत में ही डाले लेटा रहा.मेरा लंड उसकी चूत में पूरा खड़ा था और वो धीरे धीरे नीचे से धक्के मारती रही. छाया एक हाथ से मेरे अंडकोष पकड़ रही थी और दूसरे की ऊँगली मेरी गांड में डाल रखी थी. उन दोनों के ऐसा करने से मुझ को बड़ा आनन्द आ रहा था.
और फिर एक दिन हम तीनों आसमान में उड़ते हुए ज़मीन पर आ गिरे.उस रात मैं उन दोनों को चुदाई का नया तरीका सोच रहा था की वो दोनों मुंह लटकाये कमरे के अंदर आई.मैंने पूछा- क्या बात है?
दोनों चुप रहीं और फिर मेरे दोबारा पूछने पर छाया बोली- फुलवा को गर्भ ठहर गया है.‘गर्भ? यह कैसे हुआ?’‘हम जो हर रात को अंदर जो छुटाती थी उसी कारण हुआ है शायद?’‘तुमको कैसे पता है कि यह गर्भ ही है?’‘दो महीने से फुलवा को माहवारी नहीं हुई, इससे पक्का है कि वो गर्भवती है.’
मैं घबरा गया और घबराहट में कुछ कह नहीं पाया.छाया मेरी हालत समझ रही थी और प्यार से बोली- सतीश, तुम घबराओ नहीं, हम इसका कोई उपाय ढूंढ निकालेंगी.उस रात इस बुरी खबर के बाद किसी का भी चुदाई का मन नहीं किया.
अगले दिन छाया ने मुझको दिलासा दिलाई और कहा- मैं इस मुसीबत से छुटकारे के बारे में गाँव की पुरानी दाई से बात करूंगी.
अगले दिन स्कूल से वापस आने पर छाया ने बताया- दाई कहती है कि वो गर्भ गिरवा देगी, बस कुछ रुपये देने होंगे उसको!मैंने पूछा- कितने मांग रही है?‘100 रूपए में काम हो जाएगा.’
मैंने झट अलमारी से 100 रुपये निकाल कर छाया को दे दिए. छाया मम्मी से एक दिन की छुट्टी ले गई और साथ में फुलवा को भी ले गई.मेरा सारा दिन बेचैनी से गुज़रा.अगले दिन छाया आई और आते ही बोली- काम हो गया छोटे मालिक, आप घबराएँ नहीं..मैंने चैन की सांस ली और उस रात मैंने और छाया ने जम कर चुदाई की, 4-5 बार छाया का छुटाने के बाद हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में सो गए.
कुछ दिनों बाद फुलवा फिर वापस आ गई.तब मैंने और छाया ने यह फैसला लिया कि अब से मैं फुलवा की चूत में नहीं छुटाऊँगा लेकिन छाया की चूत में मैं अंदर ही छुटाऊंगा क्यूंकि उसमें शायद गर्भ नहीं ठहरता.
हम ऐसा ही करते रहे और दोनों को मैं पूरा यौन आनन्द देता रहा और दोनों के चेहरे काम तृप्ति के कारण खूब चमक रहे थे.
करीब 6 महीने शान्ति से और मौज मस्ती में गुज़रे लेकिन फिर एक और मुसीबत आ गई.एक दिन छाया ने बताया कि उसका पति लौट कर आ रहा है एक हफ्ते में!‘अब कैसे होगा?’ यही प्रश्न हम तीनों के दिमाग में बार बार उठने लगा.छाया के जाने के बारे में सोचने से मैं काफी उदास हो गया था.
वो 7 दिन हमने धुआंधार चुदाई में गुज़ारे. जैसा कि तय किया गया, सारी चुदाई का केंद्र छाया को ही बनाया गया. फुलवा और मैंने छाया को पूरा प्रेम दिया.
उसकी चुदाई की हर इच्छा को पूरा किया, कभी ऊपर से कभी घोड़ी बना कर और कभी साइड से और कभी उसकी टांगों के बीच बैठ कर छाया की चुदाई की, मैंने और फुलवा ने उस काम में मेरा पूरा साथ दिया.
और फिर छाया एक दिन नहीं आई और फुलवा ने बताया कि उसका पति आ गया है और वो अब शायद नहीं आ पायेगी.मैं छाया को बहुत मिस कर रहा था, चाहे फुलवा बाकायदा रोज़ आती थी, मेरी सेवा भी बहुत करती थी लेकिन छाया का साथ कुछ और ही रंग का था.फुलवा मुझको रोज़ छाया के ख़बरें देती थी.

कहानी जारी रहेगी.

Reply


Messages In This Thread
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें - by desiaks - 08-04-2021, 12:20 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,478,962 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 541,985 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,223,244 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 924,834 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,641,289 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,070,199 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,933,268 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,998,107 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,009,725 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 282,795 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 12 Guest(s)