XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
08-04-2021, 12:32 PM,
#54
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
नैना की कहानी उसी की जुबानी

अभी तक आपने पारो की कहानी पढ़ी, अब आपको नैना की कहानी सुनाने की कोशिश करता हूँ.नैना मेरे जीवन में मेरी यौन गुरु बन कर आई थी, उसी ने मुझको यौन ज्ञान के ढाई अक्षर सिखाये थे. उसका ढंग ख़ास था क्यूंकि वो सब काम स्वयं करके दिखाती थी ताकि मुझको शक की कोई गुंजायश न रहे, इलिए मैं यह मानता हूँ कि जो मैं आज कामक्रीड़ा में माहिर बना बैठा हूँ, वो सब नैना की वजह से ही है, न वो मेरे जीवन में आती, न मैं काम-कला का इतना ज्ञान अर्जित करता.
नैना जब मेरे जीवन में आई थी, उस समय मैं केवल गाँव का एक भोला भाला लड़का ही था, यह तो नैना ही है जिसने मुझ में छिपी हुई अपार यौन शक्ति को पहचाना और उस शक्ति को एक दिशा दी.अगली रात नैना की कहानी सुनने के लिए हम दोनों बड़े बेताब थे.
रात को हमने ढेर सारा बकरे का मांस पारो से बनवाया और नान इत्यादि बाजार से मंगवा लिए. कुछ खाने का सामान पारो मेरे कहने पर लखन लाल चौकीदार को दे आई ताकि वो और उसका परिवार भी ढंग से खाना खा सके.
खाना खाकर हम तीनों मेरे कमरे में इकट्ठे हुए, तीनों ने धीरे धीरे अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिये. कपड़े उतारने का क्रम ऐसा रखा कि हर एक कपड़ा उतारने के बाद हम देखते थे कि कितने कपड़े बचे हैं शरीर पर!
एक एक कपड़ा उतारते हुए हम देखते जा रहे थे कि किसके कपड़े ज्यादा बचे हैं शरीर पर… हम तीनों के शरीर पर केवल 3-3 कपड़े थे जो हम रेडियो पर चल रहे एक फ़िल्मी गाने के मुताबिक़ उतार रहे थे.

सबसे पहले मैंने अपने तीन कपड़े उतार दिए और उसके बाद नैना ने उतारे और पारो सब से आखिर में उतार पाई. उन दोनों की चूतों पर उगी हुई काली झांटें ख़ास चमक रही थी और दोनों ने शरीर पर हल्का सा सेंट लगा रहा था जिसकी खुश्बू अलग अलग थी.
हम तीनों मेरे बड़े पलंग पर लेट गए.फिर नैना ने कहा- आज हम एक नए तरीके से चोदते हैं. छोटे मालिक पारो की चूत को चूसेंगे, पारो मेरी चूत को चूसेगी और मैं छोटे मालिक के लंड को चूसूंगी, यह एक गोल चक्र बना लेते हैं इस काम के लिए!
हमने एक गोल चक्र बना लिया, मैंने अपना मुंह पारो की बालों भरी चूत में डाल दिया और पारो ने अपना मुंह नैना की चूत में और नैना मेरे लंड को चूसने लगी.पारो की चूत एकदम फूली हुई थी और खूब पनिया रही थी क्यूंकि आज के नए खेल ने उसको काफी उत्तेजित कर दिया था.
मैं धीरे धीरे अपनी जीभ को उसकी सुगन्धित चूत के होटों पर फेरने लगा, मैं जानबूझ कर उसके क्लिट यानी भगनासा को नहीं छू रहा था. जीभ को गोल गोल घुमाता हुआ उसकी चूत के अंदर का रस पीने लगा. मेरी जीभ करीब 1 इंच तक उसकी चूत में चली जाती थी.
फिर मैंने हाथ की ऊँगली भी चूत में डाल दी और उसको अंदर बाहर करने लगा.अब पारो ने अपने चूतड़ हिलाने शुरू कर दिए और मैं ऊँगली को उसकी भगनासा पर फेरने लगा..
उधर नैना मेरे खड़े लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी जिससे मुझको बहुत आनन्द आ रहा था, नैना के चूतड़ भी ऊपर उठ बैठ रहे थे पारो की जीभ के कारण.मैंने पारो के भगनासा को अब चूसना शुरू कर दिया और अपनी बीच वाली ऊँगली उसकी चूत के काफी अंदर तक डाल दी.अब पारो के मुंह से ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह जैसी आवाज़ें आने लगी और कुछ ही क्षण में उसकी जांघों ने मेरे मुंह को कैद कर लिया और वो ज़ोर ज़ोर से कांपने लगी.
थोड़ी देर में नैना भी इसी तरह झड़ गई, सिर्फ मेरा लंड अभी भी वैसे ही मस्त खड़ा था.फिर ना जाने नैना ने जीभ से कोई खेल खेला और मेरा भी फव्वारा छूट गया.
हम तीनों वैसे ही लेटे रहे. फिर जब सांसें ठीक हुईं तो अपनी अपनी जगह पर लेट गए.मैं बोला- नैना डार्लिंग, हमको बंटा बोतल तो पिलाओ बर्फ डाल के!वो गई और जल्दी ही तीन ग्लासों में लेमन में बर्फ डाल कर ले आई. लेमन पी कर दिल खुश हो गया.
मैंने नैना को बोला- नैना डार्लिंग, तुम्हारा मम्मे का क्या साइज होगा?वो बोली- मुझ को क्या मालूम छोटे मालिक!‘अरे तो पता करो न? तुम्हारे पास वह नाप लेने वाला फीता है क्या?’‘शायद है. लेकिन ढूंढना पड़ेगा?’‘तो ढूंढिए न, और पारो को भी साथ ले लो, वो भी शायद जानती होगी.’
दोनों नंग धड़ंग फीता ढूंढने में लग गई.मैं लेटे लेटे ही उन दोनों का सेक्सी नज़ारा देख रहा था, नैना के चूतड़ एकदम गोल और उभरे हुए थे जबकि पारो के थोड़े फैले हुए थे, उनमें गोलाई कम थी.इसी तरह पारो के मम्मे ज्यादा बड़े और सॉलिड लग रहे थे जबकि नैना के मम्मे छोटे और गोल थे.
थोड़ी देर में नैना फीता ले आई, मैंने दोनों को सीधा खड़ा कर दिया और जैसे दर्ज़ी औरतों का नाप लेता है वैसे ही दोनों का नाप लेने लगा.पहले पारो के मम्मों का नाप लिया, वो पूरे 38 इंच के निकले और उसकी कमर 30 इंच थी और हिप्स यानी चूतड़ 40 इंच थे.
अब नैना की बारी थी, उसके मम्मे 36 इंच कमर 28 इंच और चूतड़ 38 इंच के निकले.मेरा अंदाजा सही निकला.दोनों को मैंने बताया कि
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