XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
08-17-2021, 12:39 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
मैं बैठ गया और भैया ने एक गिलास में अपने लिए बियर डाली और दूसरे में मेरे लिए, मैंने थोड़ी सी पी, स्वाद कुछ बकबका लगा लेकिन मैं भैया की खातिर सारी पी गया.भैया पूरी बोतल गटक गए.
कॉलेज में दूसरे लड़के बताते थे कि बियर में कोई ख़ास नशा नहीं होता फिर भी मैंने इसकी आदत नहीं डाली थी.
फिर नैना ने कहा- खाना लग गया है.हम उठ कर बैठक में चले गए.पारो ने आज खाने में ख़ास तौर पर गुरदे कपूरे सूखे बनाये और साथ में मटन चोप्स बनाई थी जो बहुत ही टेस्टी थी और साथ में नान थे.
बाद में नैना ने सबके लिए स्पेशल बनाई डिश देसी अण्डों का हलवा सबको दिया, जिसको सबने बहुत पसंद किया और कहा- पहले कभी नहीं खाया ऐसा हलवा!खाना खाकर कोक पीया सबने और फिर सब मेरे कमरे में इकट्ठे हो गए.तब तक नैना और पारो भी रसोई से फ़ारिग़ होकर हम सबके साथ आकर ग्रुप में शामिल हो गई.
मैंने नैना को कहा- कमरे में 3-4 मोटे गद्दे बिछा दो ताकि सारी कारवाई नीचे ही की जाए.दोनों ने झट ऐसा ही किया.पारो को देख कर भैया ने कहा- पारो भी अच्छी खासी औरत है यार सतीश, क्या यह भी शामिल होगी आज की चोदमचोद में?मैं बोला- लगता तो है भैया, यह भी शामिल होगी हमारे साथ..
फिर नैना बोली- आप दोनों मर्द यहीं बैठो, हम सब औरतें तैयार होकर आती हैं. उसके बाद आपको इनमें से सही औरत को पहचानना होगा. अगर ठीक से पहचान लिया तो उसको आप चोद सकोगे अगर नहीं पहचान पाये तो दूसरी औरत को पहचानना होगा.
थोड़ी देर बाद तीनों औरतें अजीब अजीब कपड़े पहन कर कमरे में आई.पहले भैया की बारी थी.जब पहली औरत उनके आमने से निकली तो वो बोले- चाल ढाल से तो तुम्हारी रश्मि भाभी लग रही है, फिर भी मेरे ख्याल में यह तो शायद पारो है.
इतना सुनते ही उस औरत ने अपना घूँघट हटा दिया और वो सच में ही पारो ही थी.घूँघट हटाते ही उसके सारे कपड़े अपने आप से उतर गए और वो सीधे ही भैया की गोद में बैठ गई.
अब दूसरी औरत आई और मेरे सामने आ कर खड़ी हो गई थी.मैं झट से पहचान गया कि वो भाभी हैं, मैंने ज़ोर से कहा- भाभी जी हैं यह!
और जैसे ही घूंघट हटा तो देखा वाकयी में वो भाभी ही थी. भाभी के भी सारे कपड़े अपने आप उतर गए थे और वो नंगी होकर मेरे सामने आ कर मेरी गोद में बैठ गई..
अब रह गयी नैना, वो भी आई और अपने कपड़े उतार कर चुदाई को सही ढंग से चलाने का काम करने लगी.
अब जब हम दोनों मर्दों ने कपड़े उतारे तो सब यह देख कर दंग रह गए कि भैया का लंड एकदम तना हुआ था, मेरा भी वैसे ही तना हुआ था.नैना ने हम दोनों को लाइन में खड़ा कर दिया और पहले पारो को आवाज़ दी कि वो पहले भैया के खड़े लंड को चूसे और उसको चाटे और उसका छुटाने की कोशिश करे.
पारो झट से आई और भैया के खड़े लंड को चूसने लगी और उधर भाभी भी नीचे बैठ कर मेरे लंड को चूसने लगी.लेकिन न पारो, न ही भाभी हम दोनों के लंड को छुटा पाये और वो वैसे के वैसे ही तने खड़े रहे.
अब नैना ने आदेश किया कि दोनों औरतें घोड़ी बन जाएँ और दोनों आदमी उनको पीछे से चोदेंगे.
मैं और भैया झट से अपने काम में लग गए.भैया ने नैना के इशारों के मुताबिक पहले धीरे धीरे से चुदाई की पारो की और फिर आहिस्ता से स्पीड तेज़ कर दी.वो ध्यान से मेरे चुदाई के तरीके को देख रहे थे.मैं तो भाभी की चूत से लंड पूरा निकाल कर फिर धीरे से सारा लंड अंदर डाल देता था, ऐसा मैंने कई बार किया.
भैया भी ठीक वैसे ही करने लगे और थोड़े टाइम में ही पहले भाभी का छूट गया और जल्दी ही पारो भी चिल्लाती हुई छूट गई.
अब नैना ने पारो की जगह ले ली और भैया को खूब सताने लगी.जैसे ही भैया मेरी तरह अपने को रोक कर धक्का मारते, नैना अपनी चूत को तेज़ी से आगे पीछे करने लगती.और जैसे ही नैना को लगता कि भैया का छूटने वाला है, वो झट से रुक जाती और भैया एक गहरी सांस लेते और उनका वीर्य बाहर आते आते रुक जाता.
यह सिलसिला भैया और नैना के बीच काफी देर से चलता रहा और नैना भी कोई 3-4 बार छूट गई थी.इस बीच मैं भी भाभी को 3-4 बार छूटा चुका था और जब भाभी बोली ‘सतीश, अब और नहीं…’ तो मैंने उनको छोड़ा.
फिर मैं पारो को साथ शुरू हो गया. मैं पलंग पर बैठ गया और पारो को अपनी गोद में बिठा लिया और उसको चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर पारो को आगे पीछे करने लगा.वो इतनी गर्म हो चुकी थी लो वो 5 मिन्ट में झड़ गई और उसकी चूत से निकला दूधिया पानी मेरे हाथ पर जमा हो गया.
मैं उठा और पारो का दूधिया पानी भाभी के मम्मों पर लगा दिया और फिर उसको चूसने लगा. भाभी में अब फिर से हरकत होने लगी और मैं अब उसकी टांगों में बैठ कर लंड को चूत में पेल कर उसकी टांगों को अपने कंधे पर रख दिया और पूरी स्पीड से भाभी की चुदाई करने लगा.
यह सिलसिला अभी और चलता लेकिन भाभी, नैना और पारो ने अपने हाथ खड़े कर दिए और कहा- अब और नहीं.भैया ने सब औरतों को इकट्ठा किया और एक तरफ मुझको खड़ा किया और दूसरी तरफखुद खड़े हो गए और बीच में तीनों औरतों को खड़ा किया और सबको कहा कि एक दूसरे की बाँहों को पकड़ लें और फिर वो सबको लेकर कमरे का चक्कर लगाने लगे और ज़ोर ज़ोर से गाने लगे- हरा दिया भई सबको हरा दिया. सब चूतें हारी और यह लण्डों की जीत हुई है.
नैना बोली- यह सब कमाल है स्पेशल डिश का है, उसने जिताया इनको और हराया हमको.

कहानी जारी रहेगी.

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