Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
09-02-2021, 04:05 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा उसकी ओर देखकर जमीं पट थूक दी - लानत है तेरी ऐसी जिंदगी पर जग्गू, तू पहले भी घटिया था और आगे भी घटिया ही रहेगा | अकेले अकेले तो हिम्मत नहीं है एक औरत से लड़ने की जो इन भाड़े के टट्टू को लाया है |
जग्गू - ज्यादा मत उछलो रीमा मैडम, आज तुमारे जिस्म के एक एक रोम का रस पीकर ही मुझे शांति मिलेगी | आज अकेला नहीं हूँ, मसल दी जावोगी किसी चींटी की तरह |
रीमा - हाँ हाँ बड़ा आया रीमा को मसलने वाला, आज भी तीन हो और उस दिन भो तो तुम तीन थे क्या उखाड़ लिया था, सबकी अकेले गांड मारी थी की नहीं | बता जरा इन भाड़े के टट्टुओं को |
वो दोनों पीछे खड़े रीमा की बात सुनकर हैरान रह गए, एक औरत किसी की गांड कैसे मार सकती है | उनके मुहँ से हंसी छुटते छुटते रह गयी, फिर उनमे से एक दुसरे के कान में फुसफुसाया - ऐसी कहावत है |
रीमा आक्रामक अंदाज में - बताता क्यों नहीं कैसे गांड मार मार के तेरा पिछवाड़ा सुजा दिया था | कैसे मेरे पैरो में गिरकर माफ़ी मांग रहा था | बता न पता तो चले तेरी मर्दानगी के किस्से इन्हें भी | बड़ी बड़ी डींगे मत हांक मुझे तेरी औकात पता है | जग्गू के काटो तो खून नहीं | अब वो दोनों सच मे कनाफूसी करने लगे | एक हिम्मत करके बोला - मैडम आप कैसे किसी की मार सकते हो ......|
जग्गू दहाड़ा - चुप करो माँ के लौड़ो वर्ना यही जिन्दा गड़वा दूंगा |
रीमा के अट्टहास भरा - अरे गधो आजकल सब इंतजाम आता है | रबर के लंड आते है कमर में बांधो और पेल दो | तुम साले गधो को शायद पता नहीं हर चूत का अपना एक लंड होता है | आजकल जो है कंपनियां है वो बहुत बड़े बड़े मोटे मोटे रबड़ के लैंड बनाती हैं मैंने उसे अपनी चूत पर फिट किया था उसे पूरा के पूरा इसकी गांड में घुसेड दिया था मेरे पास तो उसकी रिकॉर्डिंग भी है तुम देखना चाहोगे इसे गांड मरवाने में बहुत मजा आता है इसकी तो मैंने जमकर गांड मारी थी और मजे की बात तो ये है की इसे भी बहुत मजा आ रहा था | बताता क्यों नहीं इन भाड़े के टट्टुओं को | लगता है एक बार में जी नहीं भरा इसलिए दुबारा आ गया एक चूत से अपनी गांड मरवाने |

लड़को को समझ नहीं आ रहा था की रीमा की बात पर हँसे या रोये | उन्हें जग्गू की कहानी सुनकर अन्दर ही अन्दर हंसी तो बहुत आ रही थी लेकिन अगर खुलकर हँसते तो शायद उनकी मौत निश्चित थी | जग्गू को देखकर उनकी हंसी रुक नहीं रही थी, फिर भी एक लड़के ने हिम्मत करके पूछ ही लिया - सर सचमुच में रीमा मैडम ने आपकी गांड मारी थी |

जग्गू का खून खोल गया, वो हाथ भीचता और दांत पीसता हुआ रीमा के पास पहुंचा और उसके बाल जोर से भींच कर उसे धमकाने लगा - तुझे क्या लगता है एक बार तू मुझे पर भरी पड़ गयी तो अपने आप को तीसमार खां समझने लगी | मै अपने शहर के छंटे बदमाश का लौंडा हूँ | आज तेरी ऐसी चीखे निकालूँगा की तू जिंदगी भर को याद रखेगी | तेर हाथ बंधे है पांव बंधे है फिर भी तेरी गांड इतनी उछाल रही है आज तेरी गांड से ही शुरआत करूंगा | देखता हूँ आज तुझे कौन बचाता है यहाँ | तू चीखेगी चिल्लाएगी हाथ पटकेगी पाँव पटकेगी लेकिन आज यहाँ कोई सुनने वाला नहीं होगा | आज न तो तेरे जाल में आने वाला हो न ही तेरी किसी चाल में आने वाला हूँ | आज तेरी चूत और गांड दोनों फाड़ के रख दूंगा |
इसी के साथ उसने तीन चार चमाट रीमा के चेहरे पर जमा दी | रीमा दर्द से बिलबिला गयी | उसकी आँखों से आंसू निकल आये |
रीमा को भी पता था आज मुश्किल हालात है और उसके साथ कुछ भी हो सकता है लेकिन अगर अभी से हिम्मत हार गयी तो कैसे चलेगा | उसे पता था आज जग्गू कुछ भी कर सकता है उसकी जान तक ले सकता है लेकिन रीमा ने अन्दर ही अन्दर खुद को हिम्मत बंधाई | उसने दर्द को बर्दाश्त किया |

उधर दोनों लड़के खुसुर फुसुर करने में लगे थे | उनको इस तरह से देख जग्गू का पारा और चढ़ गया - भोसड़ी वालो एक दुसरे के कान में फुसुर फुसुर करके मूत रहे है जो पूछना है मुझे पूछो, हाँ इसने मारी थी मेरी गांड ............और कुछ |
दोनों की हंसी बड़ी मुश्किल से रुक रही थी | दोनों मुहँ पर हाथ लागए किसी तरह से बड़ी मुश्किल से खुद को रोके हुए थे |

उनको देखकर जग्गू समझ गया वो क्यों खिखिया रहे है - भोसड़ी वालो हँसना बंद करो और इसकी रस्सियाँ चाकू से काट दो | फिर इसके कपडे भी चाकू से चीर दो | आज मै उसकी चूत को चोद चोद कर भोसड़ा बना दूगां | इसकी गांड भी मार मार कर सुजा दूंगा | इसके मुहँ को भी चोदूगा इसकी छाती को भी चोदूगा | आज इसके पुरे जिस्म की ऐसी दुर्गति करूंगा की ये जब भी आईने में खुद को द्खेगी इसे जग्गू याद आयेगा | जब तक जिन्दा रहेगी जग्गू की दरिंदगी भूल नहीं पायेगी | मैं जानवर से भी गया गुजरा हूँ | आज देख तेरे इस गोरे बदन को कैसे नोच नोक के शमशान बना देता हूँ | तू चीखेगी चिल्लाएगी मुझे रहम की भीख मांगेगी लेकिन तुझे सिर्फ मिलेगी दरिंदगी | तू अब से मेरी गुलाम है मेरा झूठा खाएगी, मेरा मूत पीयेगी और मेरी गांड चाटेगी |
रीमा जग्गू की बाते सुनकर अन्दर तक सिहर गयी | उसे अंदाजा हो गया था जग्गू अपने अपमान का जी भर के बदला लेगा और उसके शरीर से हद दर्जे की नीचता के साथ दरिंदगी करेगा | उसकी हिम्मत टूटने लगी थी | आखिर वो करे तो क्या करे | उसे इस वक्त रोहित याद आया और उसकी बात हर मुसीबत में अपना दिमाग जरुरत से ज्यादा चौकन्ना रखो | रीमा को कुछ सूझ नहीं रहा था आखिर क्या करे, कौन सा गेम खेले | उसका पहला दांव कारगर तो था लेकिन अब बेकार हो चूका था |

एल लड़का चाकू लेकर आया और रीमा की रस्सियाँ काटने लगा | उसने जल्द ही रीमा के हाथ और पांव की रस्सियाँ काट दी | रीमा के हाथ पाँव तो आजाद हो गए लेकिन वो कुछ कर नहीं सकती थी क्योंकि उसे सर पर दूसरा सख्स गन लगाये खड़ा था | रस्सियाँ काटते हुए रीमा के खूबसूरत जिस्म की मादक खूसबू उस लड़के के दिमाग में घुस गयी |
वो जग्गू की तरफ मुखातिब होकर बोला - बॉस आप अपने बाद हमें भी दोगे थोड़ा जूठन खाने को |
जग्गू अट्टहास करता हुआ - मिलेगा तुम दोनों को भी मिलेगा | पहले मुझे इसकी चूत को चोद चोद कर भोसड़ा बनाने दो, फिर इसकी गांड को अपने लंड से चीरकर उससे खून निकाल दूंगा फिर तुम दोनों एक साथ अपने दोनों लंड इसकी फटी गांड में घुसा का खूब मारना इसकी गांड | इसके गद्देदार चुताड़ो पर दो लंडो की ठोकर से इसे भी बड़ा मजा आएगा | आज इसको पता चलेगा गांड का दर्द क्या चीज होती है |
वो दोनों उत्साह से भर गए | एक लड़के ने रीमा की साड़ी का पल्लू गिरा दिया | उसके बड़े बड़े उरोज उसके डीप कट ब्लाउज से बाहर झाँकने को बेताब हो रहे थे |
जग्गू - देखो तो साली के दूध कैसे फूल फूल कर कुप्पा हो गए है | बड़ा मजा आएगा इन रुई की तरह नरम उरोजों को मसलने में |
रीमा शर्म और गुस्से से भर गयी | उसने मुहँ घुमा लिया | एक लड़के ने उसके स्तन को पकड़ना चाहा तो रीमा ने उसके ने उसे एक मुक्का जड़ दिया | वो जमीन पर फ़ैल गया | दुसरे आदमी सतर्क हो गया, रीमा ने दरवाजे की तरफ भागने की कोशिश की लेकिन जग्गू ने गन उठकर हवा में फायर कर दिया | रीमा जहाँ थी वही जड़ हो गयी | रीमा के अन्दर डर और दश्सत दोनों घर कर गए | वो डर से कांपने लगी | उसे लग रहा था कही ये सच में न मार दे | और जग्गू के मुहँ से अपने लिए जो दरिंदगी की ख्वाइश सुनी उससे रीमा का धैर्य जवाब दे गया था | रीमा अब क्या करे उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था | वो पूरी तरह से बदहवास हो चुकी थी |
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RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की - by desiaks - 09-02-2021, 04:05 PM

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