Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
09-04-2021, 12:18 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा की चूत पर जोरदार धक्के मारता हुआ प्रियम - चाची आप बेस्ट हो, आप दुनिया की सबसे अच्छी चाची हो | चाची वह मैं बता नहीं सकता आप कितनी अच्छी हो |
रीमा - हाँ बेबी बोलो न कितनी अच्छी हूँ | लेकिन चोदन धक्के मारते रहो |
प्रियम - मैं जैसे जन्नत का सफ़र कर रहा हूं | चाची आपकी गरम गीली कसी हुई चूत इतना मजा दे रही है मैं बता नहीं सकता हूं |
रीमा - हां बेबी बस चोदो और चोदो और कुछ मत करो | बस धक्के पर धक्के मारते रहो और मेरी चूत को अपने लंड से मसलते रहो कुचलते रहो | जितना मेरी चूत को मसलोगे कुचलोगे उतना ही मुझे भी मजा आएगा |
प्रियम गहराई का पूरा लंड पेलने लगा और लम्बे धक्के लगाने लगा | रीमा - बस मुझे चोदते रहो प्रियम बेबी |
प्रियम के धक्के तेज हो गए थे और ऐसा लग रहा था जैसे अब बस झड जाने की कगार पर है |
रीमा - हाँ बेबी यस बेबी यश यस यस यस यस और चोदो और चोदो पूरी ताकत लगा कर चोदो | बस बेबी बस बेबी यही चाहती हूं |
प्रियम कराहता हुआ - आआआह्ह्ह्ह चाची मैं आप को चोद रहा हूं जीतनी तेज लंड पेल सकता हूँ पेल रहा हूँ |
रीमा - यस यस यस बेबी चोदो और चोदो रुकना नहीं, अपना लंड पेलते रहना |
रीमा के शब्द प्रियम में नया जोश भर रहे थे |
रीमा - बस इसी तरह चोदकर मेरी चूत के अंदर की सारी खुजली मिटा दो | पूरी गहराई तक लंड पेलकर चोदो मुझे मेरे प्रियम डार्लिंग | तुम मेरे सबसे करीब हो, इतना करीब कोई नहीं | अपनी रीमा चाची की प्यास चूत की सारी प्यास बुझा दो | अपनी जवानी का सारा दम लगा दो | यस बेबी यस बेबी ऐसे ही चोदो मुझे फ़क लाइक दैट |
रीमा के शब्दों ने जैसे प्रियम पर जादू सा असर किया | उसके थकने की बजाय प्रियम की कमर के झटके अपनी फुल स्पीड में पहुंच गए | उसका लंड रीमा की आग की भट्ठी बनी चूत में सटासट जा रहा था | ऐसे लग रहा था जैसे कोई इंजन का पिस्टन अपनी फुल स्पीड में अन्दर बाहर हो रहा हो | इतनी तेजी प्रियम अपनी कमर हिलाकर रीमा को चोद रहा था | इतनी स्पीड में लगने वाले झटको से रीमा का पूरा बदन बहुत तेजी से हिल रहा था | वह भी अपने चरम पर पहुंच गई थी | प्रियम के धक्कों से लगने वाली ठोकरों ने उसके पुरे शरीर को हिलाकर रख दिया था | तनी तेज झटको के बावजूद वो प्रियम का लंड अपनी चूत की गहराइयों में महसूस कर रही थी | उसे जो चाहिए था शायद मिल गया था | जवान होते खून की चुदाई का अहसास उसने कर लिया था | प्रियम भी लगातार तेज धक्कों के कारण बहुत बुरी तरह हंसने लगा था और एक लंबी ठोकर के बाद उसकी उसकी वासना का बांध टूट गया और वह रीमा की चूत की गुलाबी गहराइयों में झड़ने लगा था | जैसे ही उसके लंड से पहली पिचकारी निकली प्रियम जैसे थम सा गया था, उसकी कमर का हिलना बंद हो गया | रीमा ने उसके चूतड़ों पर अपनी जांघों को कसाव बढ़ा दिया था और रीमा ने उसे अपनी बाहों में कस कर पकड़ लिया |
रीमा - अपना सारा रस मेरी चूत की गहराइयो में उतार दो | अपने जिस्म की गर्मी से पिघल कर बह निकले सफ़ेद लावे को मेरी गुलाबी गहराइयों में भर दो |
प्रियम - आआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह चाआआआआअची - मैं झड रहा हूं |
रीमा - हाँ हां बेबी बिल्कुल अपने जिस्म से मेरे प्यार के नाम पर निकली एक एक बूंद मेरी चूत में निचोड़ दो | आखिर तुम मेरी चूत चोदना चाहते थे ना | अब अपने सारे अरमानों का रस सारे ख्वाहिश का जूस मेरी चूत में लंड रस के रूप में बूंद-बूंद कर निचोड़ दो |
प्रियम रीमा के ऊपर ही ढेर हो गया और रीमा की नरम सुडौल ऊंची छातियों पर सर रख कर के अपनी सांसे काबू करने लगा था | रीमा भी उसके बाल सहलाने लगी थी और उसकी चूतड़ों पर उसकी जांघों की कसावट ढीली हो गई थी और वो एक हाथ से प्रियम के बाल को सहला रही थी और दूसरे हाथ से उसकी पीठ को सहला रही थी | प्रियम लंड अभी भी रीमा की चूत में पड़ा हुआ था और प्रियम रीमा के ऊपर लेटा हुआ अपनी उखड़ी सांसे कर काबू कर रहा था | तभी प्रियम को अपने हाथ पर कुछ गिला गिला चिपचिपा सा महसूस हुआ था | उसका सपना टुटा और वो हकीकत में लौटा | उसने अपनी आंखें खोल दीं |

उसने देखा कि उसके हाथ उसके लंड रस से सना हुआ है और उसके लंड से निकली पिचकारी से उसका पूरा हाथ और पेट गीला हो गया है | क्या मैं सपना देख रहा था | क्चाया मैंने सपने में चाची को चोदा है | शिट ..........प्रियम के चेहरे पर निराशा के भाव थे | उसने उठ करके अपने हाथ और हाथों को उंगलियों को और पेट को साफ किया अपने से लंड को अच्छे से पोछा और फिर से अपने बिस्तर पर ढेर हो गया | उसके लिए इस बात की खुशी थी सपने में ही सही उसने रीमा चाची को चोदने का अपना सपना पूरा कर लिया लेकिन सपना तो सपना ही था हकीकत नहीं यही बात उसके मन में निराशा का बन गयी | थके और निराश मन फिर से सोने की कोशिश करने लगा थोड़ी देर में फिर से गहरी नीद में चला गया |

जितेश और रीमा दोनों काफी देर तक एक दूसरे को सहलाते हुए एक दूसरे से चिपके रहे | जितेश के लंड से पिचकारी छूटने के बाद वह मुरझा गया था | बस लंड ही मुरझाया था अरमान नहीं | अरमान तो उसके अभी भी जिन्दा थे, रीमा के अरमान, उसके गुलाबी नाजुक कोमल जिस्म को भोगने के अरमान | उसके रसीले ओंठो का रस पीने के अरमान | उसके गुलाबी जिस्म की मखमली गुलाबी कसी हुई चूत चोदने के अरमान | रीमा को चोदने के अरमान | अब जब उसने रीमा के साथ यहाँ तक का सफ़र तय ही कर लिया है तो अब बिना चोदे रीमा को इस तरह से हाथ से जाने देना बेवखूफी होगी | रीमा के दिलो दिमाग में क्या है उसे पता नहीं था लेकिन उसने हर हाल में रीमा को चोदने का इरादा मजबूत कर लिया था | जितेश अपने मुरझाये लंड को अपने अरमानो के फौलादी इरादों से फिर खड़ा करने लगा | इन्ही अरमानो की लगायी आग उसके जिस्म में फिर से फ़ैलने लगी | उसका बदन रीमा के जिस्म से सटा हुआ था | धीरे धीरे रीमा के नाजुक गोरे गुलाबी बदन की गर्माहट और रीमा को चोदने के जिन्दा अरमानों ने उसके अंदर फिर से जोश भर दिया और रीमा की तरफ से बिना किसी वासना के उकसावे हरकत के ही जितेश का लंड फिर से तन्ने लगा था, फूलने लगा था |

रीमा अपनी ही दुनिया में खोयी हुई थी | प्रियम रोहित की याद में गहरे तक डूब गयी थी लेकिन उसकी भावनाओं के ज्वार में भी उसकी वासना ख़त्म नहीं हुई थी | उसे तो अहसास ही नहीं था की उसका जिस्म क्या चाहता है कितना चाहता है | उसे बस एक अपने अन्दर एक तड़प एक प्यास महसूस हो रही थी | ऐसा लग रहा था कुछ अधूरा है, कुछ है जो उसको खालीपन का अहसास करा रहा है | उसकी अपनी कामनाये थी वासनाये थी लेकिन उसकी वासनाये किसी मर्द की वासना या हवस से बिलकुल अलग थी | जितेश को पता था उसे क्या चाहिए लेकिन रीमा को बस एक अहसास था, असल में उसे क्या चाहिए ये तो उसे तभी पता चलता था जब वो वासना में डूब कर गोते लगाने लगती थी | उसकी वासना स्थिर नहीं थी निश्चित नहीं थी, पल पल के साथ उसकी चाहते और ख्वाइश बदल जाती थी | बढ़ जाती थी | उसे भी अहसास था जितेश इतने से मानने वाला नहीं है, उसे बिना चोदे वो छोड़ेगा नहीं | लेकिन उसे जितेश से ज्यादा खुद की चिंता थी आखिर उसे किस हद तक जाना है | किस हद तक उसे जितेश को अपने अंतर में जाने देना है | उसकी हद क्या है उसकी हसरत क्या है | रीमा की यही उलझन थी, हमेशा वो अपनी वासनाओं की हदों को लेकर सशंकित रहती थी | मन में हजारो सवाल थे | जवाब सिर्फ भविष्य में था | जितेश का फूलता तनता लंड रीमा की जांघ पर अपनी दस्तक देने लगा | रीमा को उसके कड़ेपन और गर्माहट का जब अहसास हुआ, तो उसने नीचे की तरफ नजर घुमाई |
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RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की - by desiaks - 09-04-2021, 12:18 PM

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