RE: Antarvasnax काला साया – रात का सूपर हीरो
(अपडेट-05)
देवेश मसूड़े पे एक बार फिर चाइ लगते ही गान्ड फाड़ चिल्लाया, कंचन हंस पड़ी उसे भी सुस्त चूतिया देवेश के हैरान होने पे ख़ुसी हुई.
"आप ठीक तो है ना?" देवेश ने हामी भरके चाइ फिरसे पीते हुए कहा.
देवेश- और बता फिर क्या हुआ?
कंचन- क्या होगा बाबू? हमारे मर्द को तो हमारी इतनी सी भी चिंता नहीं है, सहेर से गाव जा रहे थे की अचानक से बारिश तेज़ हो गयी और
फिर कुछ बलात्कारी हमारी गान्ड के पीछे लग गये.
देवेश- अच्छा फिर तूने काले साए को देखा
कंचन- अरे उनकी बदोलत ही तो हम बच पाए है, वरना हमारे साथ अल्लाह का सूकर ही था कि उन्होने सही वक़्त पे आके हमे बचा लिया.
देवेश- ओह्ह ये तो बहुत ही अच्छा हुआ रे कंचन, सही मे जो बड़े-2 पोलीस वाले नहीं कर पा र्हे है, वो ये काला साया करके दिखा देता है, वैसे फिर क्या हुआ तू इतनी घनी बारिश मे वापिस घर कैसे आई
कंचन- अरे बाबू किसी को बताईएगा नही हम पूरी रात उस काले साए के साथ ही थे, हमे तो जाने दीजिए हमें शर्म आती है
देवेश- क्या रे पगली तू भी ना? हम सब समझ रहे है आजकल तेरे और उस काले साए के किस्से सुने, उस रात भी उसने तेरे मर्द की क्या
गान्ड तोड़ी थी. हाहाहा कही उसका तुझपे दिल तो नही आ गया है जो बार बार तुझे ही बचाता फिरता है.
कंचन- अरे बाबू आपको तो समझना चाहिए उसके जैसा नायक औरत की इज़्ज़त करने वाला थोड़ी ना कोई हो सकता है. उन्होने जो बार-2
हम पर एहसान किए उसके लिए तो हम उनकी जिंदगी भर सेवा करेंगे.
देवेश- हा हा बड़ी आई चल बर्तन धो दे कल के बर्तन पड़े है.
कंचन- अच्छा बाबू. (अपने ही ख़यालो मे जिसमे वो काले साए से चुदाई की याद करते हुए गाने गुनगुनाते हुए चली गयी)
देवेश मन मे जलने लगा एक तो उसको उसकी वजह से कयि दिनो से कमिशनर से कलकत्ता जाकर डाँट खानी पड़ी और उसके बाद उसके फ़र्ज़ और अब उसकी निगाह मे रखी हुई औरतो के उपर हाथ रखने से उसे मंन ही मन गुस्सा भी बहुत आया. मन ही मन बोला-"हुहह देख
लूँगा साले को एक बार पता तो चल जाए साला है कॉन?" देवेश जानता था वो कुछ कर तो सकता नही लेकिन अपनी वर्दी का रॉब दिखा के
गरज तो सकता ही है..
कंचन बेहद खुस थी जो काम वो एक घंटे मे करती थी आज वो करके 30 मिनिट मे चली गयी और आज उसने बख्सीस के लिए मूह भी नही पड़ी... अब तो देवेश को लगने लगा कही औरत के साथ-2 वो काला साया तेरी वर्दी भी ना छीन ले, एक तो वैसे ही इस सहेर का चार्ज लिया था..
पोलीस स्टेशन पहुच के सलाम लेने के बाद रोज़ की तरह वर्दी निकाल के फाइल्स को पढ़ने लगता है .. काम छोड़ के अपने हवलदार को
चाइ लाने को बोलता है..
चोर आ चुके थे सभी सलाखो के पीछे से देवेश को सलाम करते है
देवेश फाइल्स पढ़ ही रहा था कि अचानक एक न्यूसपेपर गिरा उसके सामने, हमेशा चाइ के साथ न्यूसपेपर पढ़ना उसकी पुरानी आदत थी
उसने जैसे ही न्यूसपेपर उठाया" लो हमारे सूपर हीरो की एक और तारीफो भारी स्टोरी "- कल रात इधर सहेर मे तूफान आया और एक तूफान वो आया जिसने सहेर के मोस्ट वांटेड रेपिस्ट राका को मार गिराया हाहहाहा.
ये सब बड़बड़ाते हुए देवेश गान्ड फाड़ हंस रहा था चूतियो की तरह, अचानक कॉन्स्टेबल ने सल्यूट मारते हुए बोला कल रात रेपिस्ट राका की लाश झाड़ियो मे किसी ने बुरी तरह से मार के फेक दी है ये अंदाज़ा लगाना कोई बड़ी बात नही है, लेकिन मिनिस्टर को मारने के बाद ये काला साया ही होगा जिसने फिर अपने हाथो से इंसाफ़ किया है..
देवेश को चिंता सताई और डॉक्टर की सूचना पाते ही पोस्टमार्टम घर मे कॉन्स्टेबल को लेके रवाना हो गया..
लाषो के टेस्ट के बाद जो जो डॉक्टर ने बताया उसे सुनके देवेश की तो गान्ड फट के 4 हो गयी , बड़ी ही बेरेहमी से मारा था उन गुणडो को जिन गुणडो को पोलीस ने पकड़ने ने के लिए दिन रात एक कर दी थी देवेश को समझ में आ गया था की कमिशनर को इस बात का यह पता लगने के बाद कहीं उसे फिर उनके गुस्से को झेलना पड़ेगा
बहरहाल ऐसा नहीं हुआ क्यूंकी कमिशनर कुच्छ दिनों के लिए अपनी बीवी के साथ घूमने के लिए आउट ऑफ स्टेट गया हुआ था देवेश अपनी
किस्मत पर खुश हुए बिना रह नहीं पाया, चलो डाँट से बचने का कुच्छ दिनों का एक्सटेन्षन तो मिला..
देवेश थाने आकर चाइ की की चुस्की ले रहा था, जब कॉन्स्टेबल ने काले साए के बारे में फिर बात छेड़ी, दो ही रातों में उसका करिश्मा सच में नायाब था. पहले लोकल पॉलिटीशियन को कोमा मे भेज दिया वजह सॉफ थी वो नाबालिग लड़कियों का शोषण करता था उसी की बनाई
रेकॉर्डिंग वीडियो को प्रेस मे पब्लिश करके पोलीस का जीना हराम करवा दिया था और आज इस रेपिस्ट राका की गान्ड मार ली
देवेश इस कस्मकस मे डूबा हुआ बोला" देख भाई वो कॉन है? क्या है? क्यू है? भाई हमारा काम तो उसे पकड़ने का है, अब एक तरह से उसने इस रेपिस्ट को मारके हमारा और गवर्नमेंट दोनो की नींद को बचा लिया, लेकिन अगर किसी दिन हाथ आ गया तो साले की गान्ड मे
डंडा घुसेड दूँगा, ससुरा अपने ही साए को पहचान नहीं पाएगा" ये बोल के दोनो ही हंस पड़े.
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"कलमूहि छिनाल कही की चल निकल यहाँ से"- उस औरत ने चटा चट एक 20 साल की लड़की के कयि सारे थप्पड़ मारे और उसे घर के दरवाज़े से बाहर फेक दिया. " चाची आआह माफ़ करदो आह"- उस लड़की ने गिडगिडाते हुए कहा, सब लोग देख रहे थे पर कोई आगे नहीं आ रा था...
औरत- चुप कर बेशरम कलमूहि मेरे बेटे पे डोरे डालती है तुझे काम पे रखना तेरी ग़रीबी पे तरस ख़ाके रखा मेरी मजबूरी थी मेरी अकल मारी गयी थी, तुझे तो मारूँगी मे रंडी कही की..
लड़की- आअह छोड़ दो मुझे आअह
अचानक दूसरे हाथ जैसे ही दूसरी लड़की पे जमा पाती,
अचानक एक भारी भरकम हाथ ने उसका हाथ पकड़ लिया,
जब उस औरत ने उसकी तरफ बगल मे देखा तो उसकी गान्ड फटके हाथ मे आ गयी, उसके मूह से इतना ही निकला"क काला साया" और
वो कुछ नही बोल पाई.
वो लड़की भी उठके सुबकने लगी " एक बेबस लाचार ग़रीब को तूने क्या समझ रखा है?" अचानक उस औरत के पीछे से एक लड़का बाहर आया जिसकी उमर उस मार खाई लड़की की उमर की थी
लड़का- आए छोड़ मेरी माँ को भेन्चोद तेरी माँ चो....
उसके मूह पे एक पंच पड़ा और उसके मूह से खून निकलने लगा
"मेरा बच्चा आअह" उसकी कलाई को छोड़ते ही अपने बेटे को पकड़ के बैठ गयी, और रोई निगाहो की तरफ से काले साए की तरफ देखने लगी...
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