RE: Antarvasnax काला साया – रात का सूपर हीरो
(UPDATE-23)
कॉन्स्टेबल्स : शांतलाल की आपसे क्या दुश्मनी थी?
अंजर : बॅस वो बहुत निहायती कमीना था साहेब पारा (एरिया) की हर औरत को ऊसने मोलेस्ट किया था साहबे मैंने उससे दोस्ती तोड़ी और उसके राशन के दुकान को फ्सी से बंद करवाया तो वो मेरे जान का प्यासा बन गया है
कॉन्स्टेबल्स : हम आपका बेटा किधर है
अंजर : वो कॉलेज गया हुआ है
कॉन्स्टेबल्स : हम उसका नंबर दीजिए
अंजर : साहेब वॉ कुछ नहीं जनता
कॉन्स्टेबल्स : सबसे पूछताछ चल रही हे अभी हम कुछ कह नहीं सकते दो खून हुए है होटल के रिसेप्षनिस्ट का और शांतलाल का वहां पे धायर सारे वीडियोस जो अश्लील है रेकॉर्डेड पाए गये
अंजर : शांतलाल तो था ही कमीना साहेब लीजिए अरे कुटुम्ब इधर आना तो
कटुउंब भौक्ला गई वो किसी तरह करीब आई फिर ऊसने बारे ही धीमे लव्ज़ में सहिल का नंबर दिया फिर जाने लगी पर कॉन्स्टेबल ने उसे रोका उससे भी कुछ सवाल्ट किए की अगर वो कुछ जानती हो…कुटुम्ब ने ना में सर हिलाया और फिर वो लोग चले गये…अंजनर तो खुशी के मारें नाचने लगा “हाहाहा अच्छा हुआ कमीना मर गया पर एक बात बता ये मेरे गुंडेलोगो ने अगर उसे नहीं मारा तो फिर वो मारा कैसे? कॉन्स्टेबल कह रहे थे की शांतलाल किसी औरत के साथ पाया गया हो सकता है उसी ने”….कुटुम्ब का तो पसीना चुट्टने लगा वो बरफ की तरह ठंडी पढ़ गयी
अंजर : जाने दे हाहाहा चल तू आराम कर मैं थोड़ा साहिल को फोन करके कह देता हूँ की पुलिस को ज्यादा कुछ बोल ना दे
कुटुम्ब : त्तहेककक है (इतना कहकर कुटुम्ब फौरन कमरे में चली गयी)
रात हो चुकी थी…..कुटुम्ब के दिमाग में बस रही रहके वॉ खौफ भरे बातें घूम रहे थे शांतलाल उसके सामने मारा था…काला साया ने उसे मारा और कुटुम्ब पे सारे निशाने सांड़ दिए सबूत के….काला साया के हाथों में लगाम थी वो जब चाहे उसे घोधी बनकर दौड़ा सकता था…इधर पुलिस को पता लग चुका है की काम एक औरत का है…ये सब सोचते सोचते कुटुम्ब रोने लगी की आगे उसके साथ क्या होगा?
कुछ दिन तक सबकुछ नॉर्मल रहा ना ही कोई धमकिभरा खत कुउत्मब को काला साय से मिला और ना ही पुलिस कोई और ज्यादा प्रोग्रेस कर सकी….शांतलाल की मौत किसी औरत ने ही की है इसका कोई पुष्टि नहीं हो पा रहा था लेकिन बिस्तर पे लगे शुक्राणु औरत के भी थे….पुलिस ने कुछ दिन कुटुम्ब के पति पे शक किया क्योंकि वो दुश्मन था शांतलाल का पर कोई खास सबूत ना मिला करीब 1 महीने में ही ये मामला ठंडा पढ़ने लगा….पुलिस ने थक्के फाइल बंद कर दी..ऊस दिन कुटुम्ब को आराम से सो रही थी उसके दिल का डर कुछ कम ही हुआ था की इतने में फोन बज उठा
कुटुम्ब : हेल्ल्लू? (अंजर पास ही सो रहा था)
काला साय : हेलो जानेमन क्या हुआ तुम्हारी आवाज़ को?
कुटुम्ब : उफ़फ्फ़ काला साया तूमम तुमने इतनी रात गये फोन क्यों किया पता है पोलसीए आई थी कुछ दीनों पहले
काला साया : हाहाहा मैंने क्या कहा था काला साया का साया जबतक तुमपे है पुलिस तुम्हें छू भी नहीं सकती सबूत मेरे पास है पुलिस को तुमपे एक टक्का भी शक नहीं अब तुम फौरन टट्टी करने का बहाना करके ऊपर आ जाओ
कुटुम्ब : अभिईिइ तूमम ऊपर हो
काला साया : शायद तुम्हें सुनाई दिया मैं तुम्हारे कमरे में आ जाता हूओ
कुटुम्ब्ब्ब् : नहीं नहीं प्लीज़ ऊपर ही रहनन्ना मेरे पति जगह जाएँगे
काला साया : आऊ जल्दी आऊ
कुटुम्ब जैसे ही फोन कट करके किसी तरह अंजर को देखती है जो गान्ड घुमाएं सो रहा है कुटुम्ब अंजर को आवाज़ देती है वो नीण्दम आइन सवाल करता है “नीचे का टॉयलेट काम नहीं कर रहा मैं थोड़ा हगके आती हूँ”..अंजर कर्राहते भरके सोने लगता है..कुटुम्ब भाँपते हुए फौरन बिस्तर से उठके दरवाजा खोलती है और ब्रांडे से होते हुए चारों ओर देखती है रात के 3 बज चुके है….और झींगुर की कीर्र कीर्र आवाज़ गूंज रही है कहीं दूर कोई कुत्ता हावव हावव करके रो रहा है….कुटुम्ब काँपते हुए किसी तरह ऊपर आती है…छत्त का ताला बारे ही आराम से खोलती है….इतने में वो बाहर की लाइट जला देती है
अंधेरी रात में जैसे छत्त पे थोड़ा उजाला होता है…इतने में ढाप्प से कोई चीज़ छत्त पे कूड़ता है कुटुम्ब एकदम से चीख पढ़ती है…पर काला साया कोदेखके उसका डर थोड़ा कम हो जाता है…काला साया उसके करीब आता है पहली बार कुटुम्ब काल साया को बारे गौर से देखती है
काला साया : मुझे पहचानने की कोई जरूरत नहीं
कुटुम्ब बिना कुछ कहें उदासी निगाहों से काला साय को देखती है काला साया उसका हाथ पकड़कर उसे अपने करीब खींचता है और उसके मोटे होठों को चुस्सता है उसके मोटे होठों को बड़ी बड़ी से चुस्स चुस्सके उसे बेहाल कर देता है फिर झट से लाइट ऑफ करके ऊपर के बने टॉयलेट में ले आता है टॉयलेट सीट पे बैठकर वो अपना पेंट उतार देता है और कुटुम्ब के ब्लाउज को खोल के उसके मोटे मोटे तरबूज जैसे चुचियों को दबाने लगता है
कुटुम्ब कसमसाने लगती है…काल साया ऊन्हें मुँह में भरके चुस्सता है….और फिर अपने लंड को खोल के सीधे कुटुम्ब को कुतिया बनकर अपने लंड पे झुका देता है…कुटुम्ब जानती थी उसे क्या करना है वो फ़ौरना लंड को मुँह में लेकर चूसने लगत् इहाई..मुँह से अंदर बाहर करने लगती है…काला साया टाँग कुटुम्ब के पिछवाड़े पे रख देता है और उसके बालों को पकड़े उसके पीठ से सारी का पल्लू गिरा देता है
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