RE: Antarvasnax काला साया – रात का सूपर हीरो
(UPDATE-25)
साहहील : देख मुझे चोद दे वरना अंजाम ठीक नहीं होगाआ
काला साया : क्या कर लेगा? बोल मैं एक ही पूंछ मर के तैयार बत्तीसी निकाल सकता हूँ
साहिल : डेक्कख मेरी बात सुन मुझे चोद दे जितना बोल उतना दूँगा
काला साया : मुक़दमा नो.5 पैसे का लालच देकर मासूमों ना इंसाफी दिलवाना
साहिल : आबे साले स्माझता क्यूउ नहीं तू?
चट्टककक…एक थप्पड़ काला साया साहिल के मुँह पे मारता है…साहिल के होंठ काट जाते है और वो रोई सूरत बनकर काला साया को देखने लगता है “तू सोच रहा होगा की तू यहां कैसे? एकदुम्से ? दिव्या मेरे साथ मिली हुई है एकदुम्से वो सीडी में जो ब्लूएफील्म्म्म तेरी मां का”……इतना कहकर काला साया हँसने लगा
काला साया : हाँ मैंने ही बनवाया तेरी मां को मैंने ही शांतलाल से चुदवाया और मजे की बात बताऊं तेरी मां को मैंने भी चोदा हाँ ऊसने शांतलाल का कत्ल कर डाला
साहिल : झूवतत झूटतत क्यों कर रहः आई हमारे साथ ऐसा तू?
काला साया : क्यूउ क्यूउ? जानना चाहता है ना किसी मासूम लड़की की इज़त के साथ तूने खेला जिसने तुझे इतना प्यार किया सपोर्ट किया तुझे अपना सबकुछ दिया…और तूने अरे बहन ना बना सका तो कम से कम उसे प्यार का तो धोखा मत दे तूने एक नहीं हज़ारों लड़कियों की जिंदगी तहेस-नबूत की तेरे बाप ने खेत की औरतों को शांतलाल के साथ चोदा और फिर तूने भी बहती गंगा में हाथ धोया
और तुझहहे क्यूउ का जवाब चाहिई कमीने?…..ज़ोर से गारज़ता हुआ काला साया चिल्ला उठा….साहिल सहम उठा “ड्ड..एक मेरि मां ज़बरदस्ती तेरे साथ कर रही है”…काला साया झुककर बोलता है “और टर एबाप तूने जो दूसरों की औरतों एक साथ किया कभी सोचा वो भी तो अपने बककचे के भूख के लिए महेज़ जो सरकारी राशन जो ऊन्हें दिया जाता है उसके बदले में उनकी इज्जत ली ऊँका सोशण किया क्या उनके बच्चे अपनी मां का ऐसा रूप देखेंगे अरे उनकी चोद तू बता तू तो बेटे के नाम पे गान्डू है गान्डू”…..क्ाअल साया काँपते साहिल के चेहरे पे चेहरा लगाए बोलता है
“तूने तो खुद कितनों का एम एम एसे बनाया तेरे पीसी में एक एक वीडियो पुलिस जब चाहे तब देख सकती है….साहिल सिहं उठा उसके मुँह से कुछ निकल नहीं पा रहा था
काला साया : दिव्या ये तुम्हारा गुनाहगार है जीतने ज़ुल्मो के सौ लाठियो का दर्द नहीं होता उतना खुदा के गज़ब में होता है ऊस्की एक लाठी में होता है आज अपनी सारी कसर इस बेल्ट से इस पे निकाल दो (काला साय दिव्या के कंधे को पकड़े उसे बेल्ट देता है साहिल काँप जाता है)
साहील्ल : न्णनू नूऊओ नहियीई आई दिव्या देख तूने अगर एक वार भी किया ना तो
काला साया : तू एक वो साँप है जिसे लोगों ने मर मर के उसका ज़ेर छीन लिया…और तू एक पागल कुत्ते की तरह सिर्फ़ चिल्ला सकता है यहां तेरी चीखें कोई नहीं सुनेगा चलो दिव्या स्टार्ट करो
दिव्या के अंदर गुस्सा तब्दील हो जाता है वो उसी गुलाबी निगाहों कहा जाने वाली नज़रो से साहिल को देखती है…साहिल काँपने लगतः आई और फिर शुरू होता है टॉर्चर का सिलसिला ….काला साया एक एक वार अपने आंखों से देखता है…चट्टकक चटाकककक…साहिल के पूरे नंगे शरीर पे बेल्ट बेदर्दी से दिव्या अपने गुस्से की सारी कसर निकलते हुए मारिट है…करीब 72 बार वो उसे बेल्ट से मर मर के लाहुलुहन कर देइत है “हर एक कमज़ोर सौ के बराबर हो जाए तो उसे बारे से बड़ा हाहती भी नहीं हटा सकता”…..दिव्या खून से लथपथ बेल्ट फ़ेक देती है…काला साया दिव्या को देखते हुए कहता है
साहिल बेहोश हो जाता है…और फिर साहिल का बाल पकड़कर काला साया उसे ऊन ज़ख़्मो का हिसाब बताता है “ये जख्म तूने जीतनो की ली उनके थे….अब जो सबसे बड़ा धक्का है वॉ ये है की तेरी मां मुझसे चुदेगी और खूब खुशी से चुदेगी और अपने इज्जत को सरेआम वेबसाइट्स पे नीलाम करेगी”……साहिल्ल्ल काँपने लगता है….काला साया मुस्कुराकर ऊपर का टीवी ऑन करता है
साहिल सिहर जाता है मां सामने बिस्तर पे बैठी वो रोने लगता है…”ये दूसरे कमरे में है फिक्र मत कर..साउंड भी है…अब तू लाइव ब्लूएफील्म देखना काला साया कैसे तेरी मां का लुत्फ़ उठता है”…..आँख मारते हुए काला साया दूसरे कमरे की ओर जाने लगता है….साहिल्ल्ल बस चीख चीखह्के काला साया को रोक रहा था
टीवी पे दिख रहा था कुटुम्ब एक कमरे में बैठी है और काला साया का इंतजार कर रही है…काला साया अंदर आकर मुस्कुराता है उसका चहरा टीवी स्क्रीन पे दिखता है…फिर कुटुम्ब उठती है
कुटुम्ब : अफ हो तुम्हें आज इतने जल्दी क्यों बुला लिया? तुम्हें पता है मेरे पति कभी भी आते होंगे
काला साया : अरे मेरी जानेमन अभी तो रात बाकी है पूरी चलो अपने सय्या का लंड नहीं लोंगी
कुटुम्ब : अच्छा ठीक है बाबा कपड़े तो उतारने दो दूर रहो मुझसे उफ़फ्फ़ हूँ (कुटुम्ब काला साया से खुल चुकी थी हो भी क्यों ना खून के डर से वो अब काल साया का लोहा मानने लगिठी अपनी मां को अश्लील बातें और हरक़ते करते देख साहिल्ल चिल्ला रहा था और दिव्या बस आँसू पोंछे शैतानी मुस्कुराहट देते हुए टीवी स्क्रीन पे तो कभी साहिल को देख रही थी)
कुउत्मब काला साया के सामने ही अपना पल्लू गिरा देती है ऊस्की मदमस्त करा देने वाला जिस्म उभर के आ जाता है सामने काल साया हल्के से ऊस्की छातियो को दबाता है और फिर दोनों होठों से होंठ लगाने लगते हाईईइ साहिल आँख बंद करके रोने लगता है…ऊस आज अहसास होता है की ऊस्की हर एक गुनाह जब ऊसपे बीतेगी तो उसे कैसा अहसास होगा….काला साया कॅम्रा के सामने जो पूरा वीडियो तैयार कर रहा था कुटुम्ब को पास लाता है और उसे झुका देता है फिर अपने खड़े लंड के उभर पे ही उसका चेहरा रगड़ता है
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